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बेटे ऋतिक के लिए राकेश रोशन ने दांव पर लगा दी थी हर चीज? बहन बोली- ‘घर, कारें और ऑफिस सब...’

Rakesh Roshan: हाल ही में राकेश रोशन की बेटी सुनैना रोशन ने अपने पिता और भाई के बारे में बात करते हुए बताया कि कैसे उनके पिता ने अपनी जिंदगी में कई मुश्किलें देखीं, लेकिन कभी अपने बच्चों तक उनको पहुंचने नहीं दिया. कैसे उनको अपना घर, गाड़ियां और ऑफिस तक गिरवी रखना पड़ा था. 

बेटे के लिए खेला था बड़ा दांव
बेटे के लिए खेला था बड़ा दांव
Vandana Saini|Updated: Apr 26, 2025, 06:58 AM IST
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Rakesh Roshan Struggle For Hrithik: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता-निर्देशक राकेश रोशन ने अपने करियर की शुरुआत 1970 में फिल्म 'घर-घर की कहानी' से की थी. उन्होंने अपने एक्टिंग करियर के दौरान लगभग 84 फिल्मों में काम किया. हालांकि, उन्हें ज्यादातर सपोर्टिंग रोल्स में देखा गया. इसके बाद 1987 में उन्होंने फिल्म 'खुदगर्ज' से डायरेक्शन की दुनिया में कदम रखा और कई हिट फिल्मों का निर्देशन किया. जैसे 'कहो ना प्यार है', 'कोई मिल गया', और 'कृष' सीरीज.

उन्होंने अपने बेटे ऋतिक रोशन को फिल्म इंडस्ट्री में लॉन्च करने के लिए अपनी ‘कहो ना प्यार है’ बनाई. इस फिल्म को राकेश ने खुद डायरेक्ट और प्रोड्यूस किया था. आज ऋतिक बॉलीवुड के टॉप स्टार्स में से एक हैं, लेकिन उनके इस सफर के पीछे बहुत मेहनत और त्याग छिपा है. हाल ही में राकेश की बेटी सुनैना रोशन ने एक इंटरव्यू में बताया कि पिता राकेश ने ऋतिक के लिए कितनी बड़ी कुर्बानियां दी थीं. सुनैना ने बताया कि उनके पापा ने जब एक्टिंग शुरू की, तब वे और ऋतिक काफी छोटे थे. 

फिल्मों के लिए गिरवी रख दिया था घर

राकेश रोशन ने ‘खुदगर्ज’ और ‘कहो ना प्यार है’ जैसी फिल्मों के दौरान अपना घर, गाड़ियां और ऑफिस तक गिरवी रख दिए थे. उन्होंने बताया, 'पापा बहुत निडर थे, उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने हमेशा अपने परिवार और काम को बैलेंस किया, चाहे हालात कितने भी मुश्किल क्यों न रहे हों'. सुनैना ने बताया कि उनके पापा कभी भी अपने स्ट्रेस या काम की टेंशन घर नहीं लाते थे. उन्होंने कहा, 'हमें कभी नहीं पता चला कि वो किस दौर से गुजर रहे हैं. पापा ने हमेशा हमारे लिए घर का माहौल शांत और प्यार भरा रखा'.

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राकेश रोशन के लिए आसान नहीं था सफर 

उन्होंने बताया, 'हम दोनों भाई-बहन का बचपन बहुत सुकून भरा था. उन्होंने हमें कभी महसूस नहीं होने दिया कि बाहर क्या संघर्ष चल रहा है'. उन्होंने आगे बताया कि बचपन में उन्हें कभी भी लोगों की बातों या परिवार के बैकग्राउंड को लेकर किसी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. उस समय सोशल मीडिया भी नहीं था, जिससे चीजें आसान थीं. सुनैना ने कहा, 'पापा ने तब तक बहुत बड़ी शोहरत नहीं पाई थी, इसलिए लोगों की नजरों में भी ज्यादा नहीं थे. इसका फायदा हमें ये मिला कि हम सादगी भरा और नॉर्मल बचपन जी पाए'.

 
 
 
 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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2000 में ऋतिक को पिता ने किया था लॉन्च

राकेश रोशन खुद भी पहले बता चुके हैं कि फिल्म बनाते वक्त उन्होंने घर तक गिरवी रख दिया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था, 'मैंने ऋतिक को कभी नहीं बताया कि मैं कितनी मुश्किल में हूं. बस मेरी पत्नी को मालूम था. मैंने सोचा कि अगर जरूरत पड़ी, तो लोन लूंगा वरना खुद ही संभाल लूंगा. शुक्र है, चीजें संभल गईं और फिल्म बन गई'. उन्होंने बड़ा रिस्क लिया, लेकिन हिम्मत नहीं छोड़ी. साल 2000 में जब ‘कहो ना प्यार है’ रिलीज हुई, तब किसी को अंदाजा नहीं था कि ये फिल्म इतनी बड़ी हिट होगी. 

ऋतिक रोशन का वर्कफ्रंट 

इसी फिल्म से राकेश रोशन ने अपने बेटे ऋतिक रोशन को लॉन्च किया था, जिसमें उनके साथ अमीषा पटेल ने भी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी शुरुआत की थी. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बड़ी हिट हुई. इतना ही नहीं, फिल्म का बजट 10 करोड़ था, लेकिन इसने दुनिया भर में करीब 80 करोड़ रुपये से ज्यादा का बिजनेस किया था. इस फिल्म के सुपरहिट होते ही ऋतिक भी रातों-रात सुपरस्टार बन गए. यही फिल्म उनके करियर की सबसे बड़ी शुरुआत बन गई. आने वाले समय में वो कई बड़े प्रोजेक्ट्स में नजर आने वाले हैं. 

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