Comedian Kevin Hart Cancels Delhi Show: हिंदी सिनेमा के दिग्गज सुपरस्टार विनोद खन्ना ने अपने करियर की शुरुआत 1968 में फिल्म 'मन का मीत' से की थी. अपने 47 साल के करियर में उन्होंने 141 से ज्यादा फिल्मों में काम किया. उन्होंने कई हिट लिस्ट में 'अमर अकबर एंथनी', 'कुर्बानी', 'मुकद्दर का सिकंदर', 'हाथ की सफाई' और 'दबंग' जैसी फिल्में शामिल हैं. हालांकि, उन्होंने अपने करियर के पीक पर एक ऐसा फैसला लिया जिसने सभी को हैरान कर दिया था.
उन्होंने फिल्मों से 5 साल का लंबा ब्रेक लिया और इस दौरान वो आध्यात्मिक गुरु ओशो रजनीश के विचारों से काफी प्रभावित हो गए थे. विनोद खन्ना पुणे में ओशो की कम्युनिटी से जुड़ गए और फिल्मी दुनिया की चकाचौंध से दूर एक सिंपल और आध्यात्मिक जीवन जीने लगे. ये समय उनके लिए खुद को खोजने का दौर था. सोशल मीडिया पर उनका एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में खुलकर बात करते नजर आ रहे हैं.
“Well, I was a bachelor, and I am no saint as far as women are concerned. I need s*x as much as anybody else does. Without women, we won’t be here, without s*x, we won’t be here, so why should anybody object to my being with women.” -Vinod Khanna
byu/ACTRESSESKAKURSI inBollyBlindsNGossip
जब विनोद खन्ना ने कही थी ये बात
वीडियो में वे सिगरेट पीते नजर आ रहे हैं और कहते हैं कि उन्हें भी दूसरों की तरह प्यार और सेक्स की जरूरत महसूस होती है. उन्होंने साफ कहा था कि लोगों को उनके महिलाओं के साथ रिश्ते पर सवाल नहीं उठाना चाहिए. उन्होंने कहा था, 'मैं कुंवारा था और महिलाओं के मामले में कोई संत नहीं था. बिना महिलाओं के हम इस दुनिया में नहीं होते, इसलिए इसमें गलत क्या है?'. साल 2020 में उनके बेटे अक्षय खन्ना ने भी अपने पिता के ओशो में विश्वास के बारे में बात की थी.
5 साल बाद की थी इंडस्ट्री में वापसी
अक्षय ने कहा था कि जब वो सिर्फ 5 साल के थे, तब उन्हें कुछ भी समझ नहीं आता था. उस उम्र में ओशो का उनके विचारों पर कोई असर नहीं था. अक्षय ने कहा कि उनके पिता ने एक बहुत बड़ा फैसला लिया था, जो शायद उनके दिल के बहुत गहरे हिस्से को छू गया था. खासतौर पर तब जब जीवन में सबकुछ होते हुए भी कोई खालीपन महसूस हो. विनोद खन्ना की पर्सनल लाइफ काफी दिलचस्प रही. उन्होंने दो शादियां की थीं. पहली शादी गीतांजलि से हुई थी, जिनसे उनके दो बेटे हुए - राहुल और अक्षय.
उतार-चढ़ाव भरी रही पर्सनल लाइफ
हालांकि, 1980 के दशक की शुरुआत में दोनों के रास्ते अलग हो गए. इसके बाद विनोद खन्ना ने कविता से शादी की, जिनसे उनके दो और बच्चे हुए एक बेटा साक्षी और एक बेटी श्रद्दा. अपने बच्चों से विनोद का हमेशा गहरा जुड़ाव रहा है. ओशो के साथ बिताया समय विनोद खन्ना की सोच और नजरिए को बदलने वाला साबित हुआ. वो फिल्मों में वापसी के बाद काफी अलग नजर आए. वो अक्सर कहा करते थे कि ओशो के साथ बिताया वो दौर उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा समय था.
आखिरी सांस तक नहीं भूले आध्यात्मिक सोच
फिल्मों में वापसी के बाद भी विनोद खन्ना कभी अपनी आध्यात्मिक सोच नहीं भूले. भले ही विनोद खन्ना ने एक वक्त के लिए फिल्मी दुनिया से दूरी बनाई थी, लेकिन जब वो लौटे तो एक नए अंदाज के साथ लौटे. उनका जीवन सिखाता है कि कभी-कभी सबसे बड़ी कामयाबी के बीच भी इंसान को खुद को खोजने की जरूरत महसूस हो सकती है. विनोद खन्ना ने दिखाया कि सफलता के बीच भी आत्मा की आवाज को सुनना कितना जरूरी है. उनकी ये जर्नी आज भी लोगों को मोटिवेट करती है.
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