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Mahavatar Narsimha Movie Review: भगवान विष्णु के चौथे अवतार की भक्ति में लीन कर देगी ये मूवी

अगर आप एनिमेटेड फिल्मों के शौकीन है तो आपको लिए 'महावतार नरसिम्हा' फिल्म आ चुकी है. इस फिल्म में VFX का इतना तगड़ा इस्तेमाल हुआ है कि पौराणिक कहानी को देखने में दिलचस्पी बढ़ जाएगी. चलिए आपको बताते हैं ये फिल्म कैसी है.

'महावतार नरसिम्हा' फिल्म रिव्यू
'महावतार नरसिम्हा' फिल्म रिव्यू
Shipra Saxena|Updated: Jul 25, 2025, 05:25 AM IST
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Mahavatar Narsimha Movie Review: 'महावतार नरसिम्हा' ने दर्शकों के सामने ऐसी एनिमेटेड फिल्म पेश की है जो आपको भक्ति भाव से सराबोर कर देगी.'सैयारा' के शोर के बीच डायरेक्टर और राइटर अश्विन कुमार (Ashwin Kumar) ने पौराणिक कथाओं पर आधारित ऐसी मूवी बनाई है जो पूरे परिवार के साथ बैठकर देखी जा सकती है. इसकी जबरदस्त स्टोरी टेलिंग,विजुएल अपील और कहानी आपको 2 घंटे 21 मिनट तक बांधे रखेगी. 

फिल्म की कहानी
ये एक ऐसी कहानी है जो सनातन संस्कृति में पले बड़े लोगों ने जरूर सुनी होगी. फिल्म शुरू होती है जब ऋषि कश्यप के घर जुड़वा असुर पुत्रों हिरण्यकशिपु और हिरण्याक्ष का जन्म होता है. इन्होंने जन्म से ही भगवाण विष्णु को अपना सबसे बड़ा शत्रु मान लिया है. अपने जीवनकाल में दैत्य ने भरपूर हिंसा और पाप से लोगों और देवताओं के मन में भय का वातावरण पैदा कर दिया था. धरती को बचाने के लिए भगवाण विष्णु ने वराह अवतार (जंगली सुअर) लिया और हिरण्याक्ष का संहार कर दिया. अब बड़े भाई हिरण्यकशिपु ने बदला लेने का मन बना लिया.उसने ब्रह्म देव की तपस्या की और बदले में ऐसा वरदान मांग लिया जिससे उसका वध करना लगभग असंभव हो गया.

हालांकि हिरण्यकशिपु में ही भगवाण विष्णु के सबसे बड़े बाल भक्त प्रह्लाद का जन्म हुआ. महज 5 साल की उम्र में वासुदेव की भक्ति के कारण उसने अपने पिता हिरण्यकशिपु को ही अपना शत्रु बना लिया.प्रह्लाद के पिता ने उसकी हत्या करने की हर मुमकिन कोशिश की लेकिन हर बार नाकाम रहा. आखिर में भगवाण विष्णु ने कैसे नरसिम्ह का अवतार लेकर अपने भक्त प्रह्लाद की रक्षा की, इसके लिए आपको थिएयर जाना होगा. 

फिल्म का मजबूत पार्ट
मूवी की अच्छी बात ये है कि इस एनिमेशन और ग्राफिक्स अच्छी क्वालिटी का है,साथ ही कहानी को बेहतरीन तरीके से पेश किया गया जो दर्शकों को पूरे टाइम बांधे रखेगा. कई बार आप भक्ति और इमोशन में डूब जाएंगे. इसमें भगवान का करुणा वाला और रौद्र दोनों तरह के रूपों के दर्शन हो जाएंगे. 

फिल्म का कमजोर पार्ट
मूवी की कमी निकाली जाए,तो कहा जा सकता है कि इसे ज्यादा प्रमोट किया जाना चाहिए था ताकि ये आम लोगों की चर्चा का विषय बन जाता. इसके अलावा फिल्म की परेशानी रिलीज के टाइमिंग से है, क्योंकि इसे अपने पहले ही हफ्ते में जेन जी के बीच पॉपुलर मूवी 'सैयारा' से टक्कर लेनी होगी,जिससे नुकसान उठाना पढ़ सकता है.

फाइनल वर्डिक्ट
भले ही आपने बचपन में इसकी कहानी जरूरी सुनी या पढ़ी होगी, लेकिन भगवान नरसिम्ह को एनिमेटेड रूप में एक बार देखना तो बनता ही है. इसे पूरे परिवार,और खासकर बच्चों को जरूर दिखाएं. फिल्म को देखकर ऐसा लगेगा कि साक्षात भगवान विष्णु के चौथे अवतार के दर्शन हो गए हो. कुल मिलाकर फिल्म वन टाइम मस्ट वॉच कही जाएगी. 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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