Ekta Kapoor Completes 30 Years In Industry: 30 साल पहले, एक यंग लड़की ने बिना किसी गॉडफादर के एंटरटेनमेंट की दुनिया में कदम रखा. उसके पास न तो कोई आसान रास्ता था और न ही कोई सपोर्ट, सिर्फ सपनों से भरी सोच और उन्हें पूरा करने का जज़्बा था. ये लड़की कोई नहीं बल्कि एकता आर कपूर थीं, जो आज भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की सबसे बड़ी हस्तियों में से एक हैं. उन्होंने तीन दशकों तक अपनी जगह न सिर्फ कायम रखी, बल्कि इस इंडस्ट्री को नए आयाम भी दिए.
अपनी मेहनत और दूरदृष्टि से उन्होंने हर बार कुछ नया और अलग करने की कोशिश की. अगर भारतीय एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री एक साम्राज्य होता, तो उसकी रानी एकता कपूर होतीं. उन्होंने ‘हम पांच’, ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’, ‘कसौटी जिंदगी की’ जैसे अनगिनत शोज से टेलीविजन को नया रूप दिया. उनकी कहानियों में महिलाओं को सिर्फ सपोर्टिंग रोल तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि आत्मनिर्भर, मजबूत और महत्वाकांक्षी दिखाया गया.
टीवी-फिल्मों से निकल कर OTT पर बनाई पहचान
जब फेमिनिज़्म की चर्चा आम नहीं थी, तब एकता इसे अपनी कहानियों के जरिए लाखों घरों तक पहुंचा रही थीं. उनकी सोच हमेशा आगे रही और उनके बनाए शोज को हर कोई पसंद करता था और आज भी करता है. एकता कपूर की सफलता सिर्फ टेलीविजन तक सीमित नहीं रही. जब भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म्स की शुरुआत हुई तब ही उन्होंने इसके आने वाले भविष्य को भाप लिया था और ALT Balaji की शुरुआत की. उन्होंने डिजिटल कंटेंट की उस दुनिया की नींव रखी, जहां नए और बोल्ड कंटेंट को जगह मिल सके.
हर तरह के कंटेंट को बनाने का करती हैं काम
जब बाकी इंडस्ट्री इस बदलाव को समझने की कोशिश कर रही थी, तब एकता पहले ही नई पीढ़ी के दर्शकों के लिए कंटेंट तैयार कर रही थीं. यही वजह है कि वे हमेशा दूसरों से एक कदम आगे रहती हैं. एकता कपूर की खासियत ये है कि वे सिर्फ एक वर्ग के लिए कंटेंट नहीं बनातीं, बल्कि हर उम्र और समाज के लोगों के लिए कहानियां गढ़ती हैं. उनकी कहानियां गांवों से लेकर महानगरों तक, जनरेशन X से लेकर जनरेशन Z तक, हर किसी से जुड़ती हैं.
हमेशा लाती हैं महिला सशक्तिकरण से जुड़ी कहानियां
मनोरंजन की दुनिया में आमतौर पर अभिनेता और सितारे किसी प्रोजेक्ट की पहचान होते हैं, लेकिन एकता खुद एक ब्रांड बन चुकी हैं. दर्शक सिर्फ उनके शोज और फिल्मों को नहीं देखते, बल्कि उन पर भरोसा भी करते हैं. यही एकता की सबसे बड़ी ताकत है. एकता ने हमेशा नई और चुनौतीपूर्ण कहानियां बनाने का जोखिम उठाया. उन्होंने ऐसी कहानियां बनाई, जिनसे बाकी निर्माता बचते थे. फिर चाहे वो ‘वीरे दी वेडिंग’ जैसी फिल्म हो, जो महिलाओं की दोस्ती और स्वतंत्रता को दिखाती है.
Gen Z से लेकर Gen Alpha तक बनाई पहचान
या फिर ‘लिपस्टिक अंडर माय बुरखा’, जो महिलाओं की दबी इच्छाओं को उजागर करती है. एकता ने हमेशा सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ा और उन कहानियों को मंच दिया, जिन्हें लोग नजरअंदाज करते थे. अब जब एकता अपने करियर के चौथे दशक में एंट्री मार चुकी हैं तो यह साफ है कि वे सिर्फ समय के साथ नहीं चलतीं, बल्कि समय को अपने मुकाबिक मोड़ती हैं. 90 के दशक और 2000 के दर्शकों को प्रभावित करने के बाद, उन्होंने सहजता से Gen Z की दुनिया में कदम रखा और अब Gen Alpha के लिए भी कंटेंट तैयार कर रही हैं.
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