Gaurav Taneja Plane Crash Explanation: देश के मशहूर यूट्यूबर और पूर्व पायलट गौरव तनेजा, जिन्हें लोग 'फ्लाइंग बीस्ट' के नाम से जानते हैं, ने हाल ही में अहमदाबाद में हुए दर्दनाक विमान हादसे पर अपनी राय दी. उन्होंने टाइम्स नाउ से बातचीत में टेकऑफ के तुरंत बाद हुई संभावित गड़बड़ियों पर तकनीकी नजरिए से बताया. उन्होंने कहा, 'सबसे पहले तो इस हादसे की खबर बेहद दुखद हैट. साथ ही उन्होंने बताया कि इस तरह का हादसा किन वजहों से हो सकता है.
गौरव ने बताया कि अगर विमान में टेकऑफ से पहले कोई बड़ी खराबी होती है, तो सिस्टम तुरंत पायलट को अलर्ट कर देता है. गौरव ने समझाया कि आज के मॉडर्न एयरक्राफ्ट टेकऑफ से पहले ही खराबी का संकेत दे देते हैं. अगर कोई बड़ी समस्या होती है, तो टेकऑफ की परमिशन ही नहीं मिलती. लेकिन अगर कोई छोटी गलती होती है, जो उस समय जानलेवा नहीं होती, तो सिस्टम उसे कुछ देर के लिए छुपा लेता है ताकि विमान पहले सुरक्षित ऊंचाई तक पहुंच जाए.
आखिर क्या हुआ था हादसे के दौरान?
उन्होंने बताया कि उसके बाद ही चेतावनी दी जाती है. यानी टेकऑफ के समय अगर कोई अलर्ट नहीं आया, तो माना जा सकता है कि सिस्टम सही तरीके से काम कर रहा था. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जब विमान ने उड़ान भर ली थी, तो शुरुआती पलों में कोई तकनीकी दिक्कत नहीं रही होगी. लेकिन एक बड़ी बात सामने आई है कि विमान का लैंडिंग गियर यानी उसके पहिए अब भी खुले हुए थे. आमतौर पर टेकऑफ के तुरंत बाद, जब विमान की ऊंचाई बढ़ती है, तो पायलट गियर को ऊपर कर देते हैं.
टेकऑफ के बाद की स्थिति होती है नाजुक
उन्होंने बताया कि लेकिन अगर गियर नीचे ही रह जाएं, तो इसका मतलब है कि कुछ बहुत बड़ा गलत हुआ. गौरव ने बताया कि टेकऑफ के बाद की ये स्थिति बहुत नाजुक होती है. हो सकता है पायलट को किसी बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा हो, जिससे वे गियर को ऊपर करना भूल गए हों. आमतौर पर टेकऑफ के 100-400 फीट बाद ऑटो-पायलट लगा दिया जाता है. लेकिन इस केस में शायद पायलट को ऐसा करने का मौका ही नहीं मिला.
इस रफ्तार से गिरा होगा विमान
उन्होंने बताया कि विमान की रफ्तार नीचे की ओर जा रही थी, यानी वो 400 फीट प्रति मिनट की दर से गिर रहा था. उन्होंने बताया कि पायलट बनने की ट्रेनिंग के दौरान कई बार ऐसे इमरजेंसी सिचुएशन की प्रैक्टिस कराई जाती है. लेकिन टेकऑफ के तुरंत बाद दोनों इंजन फेल हो जाना इतना खतरनाक होता है कि इसकी ट्रेनिंग नहीं होती. उन्होंने कहा, 'अगर टेकऑफ के सामने खुला मैदान होता, तो कोशिश करता वहीं लैंड करूं. लेकिन अगर सामने इमारतें और हाईवे हैं, तो कुछ नहीं कर सकते'.
पायलट के लिए सबसे डरावनी स्थिति
गौरव तनेजा ने कहा कि ये एक पायलट के लिए सबसे डरावनी स्थिति होती है. उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग में जब ऐसी परिस्थिति बनाई जाती है, तो आखिर में ट्रेनर विमान को 'बचाता' है, ताकि सब राहत की सांस ले सकें. लेकिन असली जिंदगी में अगर ऐसा हो जाए, तो कुछ नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, 'हमेशा यही डर रहता है कि क्या हो अगर असली में ऐसा हो जाए? दोनों इंजन जवाब दे दें और सामने कोई जगह ही न हो लैंडिंग की'.
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