Balochistan Freedom Movement: एक कहावत है कि जो दूसरों के लिए गड्ढे खोदता है.. वो खुद उसी में गिर जाता है. पाकिस्तान नाम का देश इसका एक ज्वलंत उदाहरण है. भारत में दशकों से आतंक की खेप भेजता रहा पाकिस्तान अब खुद अपने ही जाल में फंस गया है. बलूचिस्तान में चल रही आजादी की लड़ाई ने पाकिस्तान की नींव को हिला कर रख दिया है. हाल ही में बलोच लिबरेशन आर्मी BLA ने सुराब शहर पर कब्जे का दावा किया है जिससे पाकिस्तान की चिंता और बढ़ गई है. इस शहर में पुलिस स्टेशन.. लेविस फोर्स की चौकियां बैंक और सरकारी दफ्तर अब BLA के कब्जे में बताए जा रहे हैं. ये दावा पाकिस्तान की सैन्य और खुफिया एजेंसियों की विफलता का संकेत है. आइए इस शहर की महत्ता को समझते हैं.
क्वेटा से सिर्फ 150 किलोमीटर की दूरी..
असल में रणनीतिक नजरिए से सुराब शहर की अहमियत काफी अधिक है. यह बलूचिस्तान की राजधानी क्वेटा से सिर्फ 150 किलोमीटर की दूरी पर है और क्वेटा-कराची हाईवे पर स्थित है. यह वही हाईवे है जो चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे CPEC के लिए जीवनरेखा जैसा है. पहले भी इस रास्ते को बलूच विद्रोहियों ने बंद किया था और अब एक बार फिर उसपर खतरा मंडरा रहा है. सुराब पर BLA का कब्जा पाकिस्तान की आर्थिक परियोजनाओं और चीन के साथ उसके रिश्तों पर भी सीधा असर डाल सकता है.
सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत बड़ा झटका
उधर बीएलए के प्रवक्ता जयंद बलोच ने कहा है कि संगठन ने सुराब और इसके आस-पास के क्षेत्रों में मुख्य सड़कों जैसे क्वेटा-कराची हाईवे और सुराब-गडदर रोड पर नाकेबंदी कर दी है. लड़ाके इलाके में पेट्रोलिंग कर रहे हैं और सरकारी इमारतों पर पूरी तरह से नियंत्रण है. बताया गया है कि कई सरकारी वाहन फूंक दिए गए हैं और कुछ अधिकारियों को बंधक भी बना लिया गया है. हालांकि पाकिस्तान सरकार की तरफ से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन अगर दावे सच हैं तो यह सुरक्षा एजेंसियों के लिए बहुत बड़ा झटका है.
स्वतंत्रता संग्राम के नए अध्याय की शुरुआत
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह सिर्फ एक हमला नहीं बल्कि बलूच स्वतंत्रता संग्राम के नए अध्याय की शुरुआत है. बलूच जनता लंबे समय से पाक सरकार और चीन पर उनके संसाधनों के शोषण का आरोप लगाती रही है. विकास के नाम पर बलूचों को हाशिए पर धकेल दिया गया है. यही कारण है कि अब एक-एक करके बलूचिस्तान के शहर पाकिस्तान के खिलाफ बगावत की आवाज बुलंद कर रहे हैं. सुराब पर BLA का कब्जा केवल सिर्फ हार नहीं बल्कि टूटते पाकिस्तान का प्रमाण भी है.