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Bharat Forecasting System: 6 KM के दायरे तक मौसम की सटीक भविष्‍यवाणी से क्‍या पड़ेगा फर्क?

IMD and BFS: खेती-किसानी, आंधी-पानी, बरसात को लेकर अब हमारा पूर्वानुमान ज्‍यादा सटीक हो सकेगा.

Bharat Forecasting System: 6 KM के दायरे तक मौसम की सटीक भविष्‍यवाणी से क्‍या पड़ेगा फर्क?
Atul Chaturvedi|Updated: May 27, 2025, 11:05 AM IST
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Monsoon Prediction: खेती-किसानी, आंधी-पानी, बरसात को लेकर अब हमारा पूर्वानुमान ज्‍यादा सटीक हो सकेगा. भारत ने मौसम की भविष्‍यवाणी करने के सिस्‍टम में उल्‍लेखनीय सफलता हासिल की है. पुणे स्थित इंडियन इंस्‍टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मैटिओरोलॉजी (IIMT) ने इसके लिए एक नया न्‍यूमेरिकल मॉडल भारत फोरकास्टिंग सिस्‍टम (BFS) लॉन्‍च किया है. ये एक ऐसा सिस्‍टम है जिसमें छह किमी के दायरे तक की मौसम की सटीक भविष्‍यवाणी करना संभव होगा. यानी ये यह बताने में सक्षम होगा कि छह किमी के भीतर मौसम कैसा रहने वाला है? ये उपलब्धि हासिल करने वाला भारत दुनिया का पहला देश हो गया है. 

अभी तक भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) की क्षमता 12x12 किमी के ग्रिड में भविष्‍यवाणी करने की थी जोकि अब 6X6 किमी के दायरे में होगी. यानी अभी तक मौसम की भविष्‍यवाणी 12 किमी के दायरे में आने वाले चार गांवों के लिए होती थी. अब यह छह किमी के दायरे तक होने से और भी सटीक मौसम संबंधी पूर्वानुमान व्‍यक्‍त किए जा सकेंगे. अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय देशों में अभी तक 9-14 किमी का ही रिजोल्‍यूशन सिस्‍टम विकसित हुआ है. इस वजह से भारत ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाला पहला देश बन गया है. सोमवार को आईआईटीएम ने आईएमडी को नया सिस्‍टम सौंप दिया है. 

10 बड़े लाभ
1. मौसम के पूर्वानुमान के लिए अब 10 घंटे की जगह चार घंटे ही लगेंगे

2. दो घंटे तक की लघु अवधि का सही अनुमान लगाया जा सकेगा

3. बारिश, तूफान, तापमान की सटीक भविष्‍यवाणी की जा सकेगी

4. बाढ़, भारी बारिश, चक्रवात की पहले की तुलना में अधिक जल्‍दी चेतावनी दी जा सकेगी

5. जलभराव, प्रदूषण और तापमान से निपटना आसान होगा

6. छोटे गांवों और इलाकों तक मौसम का सटीक अनुमान व्‍यक्‍त किया जा सकेगा

7. इस मॉडल में पहली बार एआई और मशीन लर्निंग का इस्‍तेमाल हुआ

8. यह एक ओपन एक्‍सेस मॉडल होगा. दुनियाभर के मौसम विज्ञानी इसके आउटपुट का इस्‍तेमाल कर सकेंगे

9. इस सिस्‍टम के जरिये अत्‍यधिक वर्षा की भविष्‍यवाणी का अनुमान 30 फीसद सटीक रहा. वर्षा का पूर्वानुमान पहले की तुलना में 64 प्रतिशत सटीक रहा 

10. समुद्री तूफानों की दिशा एवं तीव्रता का बेहतर आकलन किया गया

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