Boycott Turkey on Social Media: पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की तरफ से पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की गई. भारत की तरफ से पाकिस्तान पर की गई कार्रवाई का विरोध कर तुर्की लोगों के निशाने पर आ गया है. सोशल मीडिया पर boycott turkey ट्रेंड करने लगा और लोग कह रहे हैं कि भारत के खिलाफ हथियारों का इस्तेमाल करने वाले तुर्की का व्यापारिक बहिष्कार कर देना चाहिए. लोग इस बात से नाराज हैं कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तुर्की के हथियारों का इस्तेमाल किया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तुर्की ने पाकिस्तान को हथियारबंद ड्रोन मुहैया कराए. इसका असर यह हो रहा है कि तुर्की से व्यापार बंद करने और उसके सामान का बहिष्कार करने की मांग देश में उठ रही है.
भारत भी करता है तुर्की से हथियारों का आयात
ऐसे में यह जानना जरूरी है कि आखिर भारत और तुर्की का आपस में कितना बड़ा कारोबार है. दोनों देश एक-दूसरे से क्या इम्पोर्ट करते हैं और क्या एक्सपोर्ट करते हैं? आपको बता दें भारत और तुर्की एक-दूसरे से कई जरूरी सामान लेते हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि पाकिस्तान ही नहीं भारत भी तुर्की से हथियारों को इम्पोर्ट करता है. पिछले कुछ सालों में तुर्की के पर्यटन में भारतीयों की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. दोनों देश आपस में केमिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट और कपड़ों का आयात-निर्यात करते हैं. तुर्की की कंपनी सेलेबी एविएशन दिल्ली-मुंबई समेत कई प्रमुख एयरपोर्ट की सुरक्षा संभालती है.
दोनों देशों के बीच कितना व्यापार?
भारत और तुर्की के व्यापार आंकड़ों पर नजर डालने से साफ हुआ कि अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 तक (करीब 11 महीने) भारत ने तुर्की को 5.2 अरब डॉलर (करीब 45 हजार करोड़) का निर्यात किया. एक साल पहले यही आंकड़ा 6.65 अरब डॉलर का रहा था. हालांकि भारत की तरफ से दूसरे देशों को किये गए निर्यात के मुकाबले यह काफी कम है. लेकिन एक हकीकत यह भी है कि भारत ने तुर्की से इससे काफी कम आयात किया है. अप्रैल 2024 से फरवरी 2025 की अवधि में तुर्की से भारत ने 2.84 अरब डॉलर (करीब 24 हजार करोड़) का आयात किया. यानी भारत ने तुर्की को जितना निर्यात किया, उससे करीब आधा आयात किया.
तुर्की से क्या लेता है भारत?
तुर्की का मार्बल काफी मशहूर है. भारत में यहां के मार्बल की काफी डिमांड है. भारतीय बाजार में तुर्की के सेब और फलों का आयात किया जाता है. सोना, सब्जियों, चूना और सीमेंट का बिजनेस भी तुर्की से होता है. साल 2023-24 के दौरान भारत ने 1.81 करोड़ डॉलर (करीब 150 करोड़) का खनिज तेल इम्पोर्ट किया था. कुछ मात्रा में केमिकल, मोती, आयरन और स्टील की खरीदारी भी भारत तुर्की से करता है. आंकड़ों के अनुसार सालभर में तुर्की से यह सब व्यापार कुल मिलाकर करीब 24000 करोड़ रुपये का किया जाता है.
भारत से क्या लेता है तुर्की?
दोनों देशों के व्यापारिक संबंधों में भारत की तरफ से ज्यादा निर्यात किया जाता है. तुर्की के बाजार में भारत से कपड़े, सूती धागे, इंजीनियरिंग से जुड़ा सामान, केमिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स सामान का एक्सपोर्ट किया जाता है. वहां पर भारत में बने रेडीमेड कपड़ों को खूब पसंद किया जाता है. खनिज तेल और ईंधन की भी तुर्की में अच्छी डिमांड है. एल्युमीनियम प्रोडक्ट और ऑटो कंपोनेंट का निर्यात भी भारत की तरफ से ही तुर्की को किया जाता है. खाने-पीने से जुड़े कई सामान जैसे तेल, चावल, चाय पत्ती, मसालों और कॉफी के लिए तुर्की भारत के ऊपर निर्भर है.
पर्यटन पर पड़ेगा असर!
भारत और पाकिस्तान के तनाव के बीच तुर्की की तरफ से पाक की मदद किये जाने से वहां जाने वाले भारतीय पर्यटकों पर इसका असर पड़ सकता है. कुछ ट्रैवल कंपनियां भारतीयों को जरूरी नहीं होने पर वहां नहीं जाने की सलाह दे रही हैं. पिछले कुछ सालों में तुर्की भारतीय पर्यटकों के घूमने-फिरने की पसंदीदा जगह बन गई है. पिछले साल तुर्किये ने 3.3 लाख भारतीय पर्यटकों का स्वागत किया, जो 2022 के मुकाबले 20.7% ज्यादा है. इन पर्यटकों ने एवरेज सवा लाख रुपये के करीब खर्च किये. इससे तुर्की की टूरिज्म इंडस्ट्री को 4000 करोड़ से ज्यादा की कमाई हुई. हालांकि, भारत-पाकिस्तान बॉर्डर पर चल रहे तनाव और तुर्की की तरफ से पाकिस्तान का सपोर्ट किये जाने के कारण कई भारतीय ट्रैवल कंपनियों ने चेतावनी जारी करना शुरू कर दिया है. कुछ ने तो नई बुकिंग लेना तक बंद कर दिया है.
तुर्की और भारत की कंपनियों ने एक- दूसरे देश में निवेश भी किया हुआ है. तुर्की ने अप्रैल 2000 से दिसंबर 2023 तक भारत में कुल 22.75 करोड़ डॉलर का निवेश किया. इसके अलावा भारतीय कंपनियों की तरफ से अगस्त 2000 से मार्च 2024 के बीच तुर्की में 20 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया है.