Coronavirus: दुनियाभर में इन दिनों कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है. इससे विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गई है. भारत में भी पिछले कुछ दिनों से कोविड के मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई है. तेज रफ्तार से बढ़ रहे इस संक्रमण ने हमें सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या हम वापस कोविड के एक और लहर की तरफ बढ़ रहे हैं. क्या इस बार ये लहर खतरनाक होने वाली है?
लगातार बढ़ रहे कोविड के मामले
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में कोविड के मामले बढ़कर 3,395 हो चुके हैं. सबसे अधिक मामले केरल में हैं. यहां मौजूदा समय में कुल 1,336 केस हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 467 और दिल्ली में 375 एक्टिव मामले हैं. शुक्रवार से शनिवार के बीच कोविड के 685 नए केस सामने आए. वहीं इससे 4 मौते हुई हैं, जिसमें दिल्ली, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश में एक-एक मौत हुई है. विशेषज्ञों के मुताबिक भारत में NB.1.8.1 और LF.7 वेरिएंट्स के कारण मामलों में वृद्धि हो रही है. इनसे मौत के मामले बढ़ रहे हैं.
कितना खतरनाक है वायरस?
बता दें किस NB.1.8.1 और LF.7 ओमिक्रॉन के JN.1 वेरिएंट और इसमें हुए म्यूटेशन से उत्पन्न सब-वैरिएंट्स हैं. वैज्ञानिकों ने इसे बेहद सक्रामक बताया है. इतना ही नहीं NB.1.8.1 से होने वाले खतरों को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने इसे वैरिएंट ऑफ मॉनिटरिंग के रूप में क्लासीफाई किया है. इसे अबतक वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट के रूप में रखा गया था. WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक NB.1.8.1 रिकॉम्बिनेंट वैरिएंट XDV.1.5.1 से निकला है. इसका सबसे पहला सैंपल 22 जनवरी साल 2025 को इकट्ठा किया गया था. इस वेरिएंट में कुछ ऐसे म्यूटेशन देखे गए हैं, जो इम्यूनिटी को भी चकमा दे सकते हैं.
वैक्सीन रोक पाएगी संक्रमण?
बता दें कि साल 2019-2020 में पहली बार देखे गए कोरोनावायरस में अबतक कुल 130-140 म्यूटेशन हो चुके हैं. ऐसे में अगर आपके पास अच्छी एंटीबॉडी है तो आप इससे सुरक्षित बच सकते हैं. समय के साथ हमारी एंटीबॉडीज कम भी हो जाती हैं. ऐसे में जिनके पास इसका स्तर कम होता है वे इसका शिकार बन जाते हैं. जिन लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है उनमें इसका खतरा अधिक हो सकता है. वहीं जिन लोगों की किसी बीमारी के कारण इम्युनिनटी कमजोर हो गई है उनमें भी नए वेरिएंट से संक्रमित होने का खतरा रहता है. बाकी लोगों के लिए यह वायरस उतना चिंताजनक नहीं है.