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Explained: इंफोस‍िस और कॉग्‍न‍िजेंट आमने-सामने, दोनों ने दायर क‍िया केस; जान‍िए क्‍या है पूरा मामला?

Infosys Cognizant Controversy: द‍िग्‍गज टेक कंपन‍ियों इंफोस‍िस और कॉग्‍न‍िजेंट ने एक-दूसरे के ख‍िलाफ मुकदमा दायर क‍िया है. दोनों कंपन‍ियों की तरफ से दायर केस में क्‍या दावा क‍िया गया है और क्‍या है पूरा मामला, आइए जानते हैं. 

Explained: इंफोस‍िस और कॉग्‍न‍िजेंट आमने-सामने, दोनों ने दायर क‍िया केस; जान‍िए क्‍या है पूरा मामला?
Kriyanshu Saraswat|Updated: Jan 14, 2025, 10:17 AM IST
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Infosys and Cognizant Case: इंफोस‍िस ने इंडस्‍ट्री कॉम्‍पटीटर कॉग्‍न‍िजेंट के खिलाफ टेक्सास की फेडरल कोर्ट में काउंटर केस दायर किया है. इस मामले में अमेरिकी कंपनी कॉग्‍न‍िजेंट और उसके सीईओ रवि कुमार पर एंटी-कॉम्‍पटेट‍िव प्रैक्‍ट‍िस में शाम‍िल होने, अधिकारियों को प्रभाव‍ित करने का आरोप लगाया गया है. इंफोस‍िस की तरफ से यह मुकदमा तब क‍िया गया है जब कॉग्‍न‍िजेंट की सब्‍स‍िड‍ियरी कंपनी कॉग्निजेंट ट्राइजेट्टो ने इंफोस‍िस पर हेल्‍थ इंश्‍योरेंस सॉफ्टवेयर से ट्रेड र‍िलेट‍िड सीक्रेट चोरी करने का आरोप लगाया है. हालांकि, इंफोस‍िस की तरफ से इन आरोपों का खंडन किया गया है.

इंफोस‍िस ने केस में क्‍या दावा क‍िया?

टेक्सास के उत्तरी जिले में कॉग्‍न‍िजेंट के खिलाफ दायर 50 पेज की जवाबी अर्जी में बेंगलुरु बेस्‍ड इंफोस‍िस ने दावा किया कि कॉग्‍न‍िजेंट इंफोस‍िस से होने वाले कॉम्‍पटीशन से इतना डरता है कि उसने कॉम्‍पटीशन रोकने के लिए कठोर कदम का सहारा लिया है. इंफोस‍िस ने कॉग्‍न‍िजेंट के सीईओ पर गोपनीय जानकारी का म‍िसयूज करने का आरोप लगाया है. मुकदमे में दावा किया गया कि 'कॉग्‍न‍िजेंट ने अपने एनडीएए के जर‍िये प्रवेश बाधाओं को कृत्रिम रूप से बढ़ा दिया है. इंफोसिस में कर्मचारियों की न‍िष्‍ठा कमजोर करने और उसकी कॉम्‍पटीट‍िव जानकारी प्राप्त करने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया है.'

हेलीक्स को पूरा करने में 18 महीने की देरी हुई
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के अनुसार इंफोस‍िस की तरफ से लगाए गए आरोप में कहा गया क‍ि सेल्‍स लीड करने वाले रव‍ि कुमार को हेलीक्स प्लेटफॉर्म के डेवलपमेंट और गोपनीयता से जुड़ी जानकारी थी. उन्होंने प्रोजेक्‍ट को नया प्रोग्रामिंग टैलेंट अलॉट नहीं करके इसकी लॉन्‍च‍िंग को धीमा कर द‍िया. रव‍ि कुमार ने इंफोस‍िस में अपने सीन‍ियर पद के नाते हेलीक्स को सपोर्ट क‍िया था. लेकिन 2022 में कुमार का इंफोस‍िस हेलीक्स प्रोडक्‍ट के प्रति उत्साह और उम्‍मीद अचानक बदल गई. उन्होंने इंफोस‍िस हेलीक्स के लिए जरूरी संसाधनों के अनुरोध को र‍िजेक्‍ट करना शुरू कर दिया. मुकदमे में आगे कहा गया क‍ि इंफोसिस हेलीक्स को  पूरा होने में कम से कम 18 महीने की देरी हुई.

इंफोस‍िस ने की नुकसान का तीन गुना मुआवजा देने की मांग
इसके बाद रव‍ि कुमार ने अक्टूबर 2022 में इंफोस‍िस र‍िजाइन कर द‍िया और वह बाद में कॉग्‍न‍िजेंट के सीईओ के रूप में शामिल हो गए. मुकदमे में कहा गया, 'इंफोस‍िस लीड को भर्ती करने के अलावा, कॉग्‍न‍िजेंट इंफोसिस को पेयर्स के गैर-कॉग्‍न‍िजेंट सॉफ्टवेयर को इंफोसिस हेलीक्स से बदलने से रोकने का प्रयास कर रहा है, जिससे कॉग्‍न‍िजेंट प्रोडक्‍ट के साथ अंतः क्रियाशीलता में रुकावटें बन हो रही हैं.' इंफोस‍िस ने अपने नुकसान का तीन गुना मुआवजा देने के साथ ही वकील की फीस और बाकी खर्चों की मांग की है. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार दाखिल किए गए दस्‍तावेज में नुकसान की राशि का खुलासा नहीं किया गया है.

कॉग्‍न‍िजेंट की सहायक कंपनी ट्राइजेट्टो ने अगस्त में इंफोस‍िस पर हेल्‍थ इंश्‍योरेंस सॉफ्टवेयर से संबंधित ट्रेड सीक्रेट की चोरी का आरोप लगाया था. कॉग्‍न‍िजेंट ने अगस्त 2024 में अमेरिका की फेडरल कोर्ट में इंफोसिस पर मुकदमा दायर किया था, जिसमें हेल्‍थ इंश्‍योरेंस सॉफ्टवेयर से संबंधित ट्रेड सीक्रेट और मालिकाना जानकारी की चोरी का आरोप लगाया गया था. टेक्सास की कोर्ट में दायर की गई याचिका में दावा किया गया कि इंफोस‍िस ने ट्राइजेट्टो के फैसेट्स और क्यूएनएक्सटी सॉफ्टवेयर से अवैध रूप से डेटा का यूज क‍िया और इस जानकारी का उपयोग एक प्रतिस्पर्धी उत्पाद विकसित करने के लिए किया. 

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