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ईरान में सर्वोच्च नेता के पास क्या शक्ति है? कैसे होता है चुनाव, खामेनेई को कुछ हुआ तो कौन लेगा उनकी जगह?

Ayatollah Khamenei: खामेनेई की अचानक अनुपस्थिति में ईरान में सत्ता संघर्ष जन आक्रोश और अस्थिरता का माहौल बन सकता है. खामेनेई ईरानी सेना और IRGC, Quds Force पर सीधा नियंत्रण रखते हैं और ईरान की विदेश नीति पर अंतिम निर्णय उन्हीं का होता है.

File Photo
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Gaurav Pandey|Updated: Jun 20, 2025, 12:02 PM IST
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Iran Supreme Leader: इजरायल और अमेरिका की तरफ से मिल रही निजी धमकियों के बावजूद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई डटे हुए हैं. जबसे दोनों मुल्कों के बाद जंग छिड़ी है तभी से इजरायल और अमेरिका हमलावर हैं. इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू और रक्षा मंत्री ने यहां तक कह दिया है कि अब खामेनेई को जिंदा नहीं छोड़ा जा सकता. ऐसे में सवाल उठता है कि अगर खामेनेई की अचानक मौत हो जाती है या वे पद छोड़ते हैं तो ईरान की सत्ता किसके हाथ में जाएगी. ईरान में सर्वोच्च नेता का चयन कैसे होता है और इस पद की ताकतें कितनी होती हैं..इसे भी समझना जरूरी है. 

IRGC, Quds Force पर सीधा नियंत्रण

असल में ईरान में सर्वोच्च नेता राष्ट्रपति संसद और न्यायपालिका से भी ऊपर होता है. उसके पास सेना के साथ गुप्तचर एजेंसियों न्यायपालिका और राज्य मीडिया प्रमुखों की नियुक्ति का अधिकार होता है. वह किसी भी चुने हुए अधिकारी को हटा सकता है. संसद के कानूनों को खारिज कर सकता है और युद्ध या शांति की घोषणा कर सकता है. खामेनेई ईरानी सेना और विशेष बलों (IRGC, Quds Force) पर सीधा नियंत्रण रखते हैं और ईरान की विदेश नीति पर अंतिम निर्णय उन्हीं का होता है.

इस्लामी राज्य.. सर्वोच्च मार्गदर्शक

ईरानी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 1939 में मषहद शहर में जन्मे खामेनेई ने 1979 की इस्लामिक क्रांति में सक्रिय भूमिका निभाई थी और 1981 से 1989 तक ईरान के राष्ट्रपति भी रहे. क्रांति के संस्थापक अयातुल्ला खुमैनी के निधन के बाद खामेनेई सर्वोच्च नेता बने. वे इस्लामी शासन की विचारधारा 'विलायत-ए-फकीह' में विश्वास रखते हैं. जिसमें एक धर्मगुरु इस्लामी राज्य का सर्वोच्च मार्गदर्शक होता है.

दमन में भी खामेनेई का रिकॉर्ड
वो खामेनेई ही हैं जिनके नेतृत्व में ईरान ने अपने दुश्मनों से सीधे टकराव से बचते हुए क्षेत्रीय प्रभाव फैलाया है. उन्होंने हिजबुल्ला हमास और यमन के हूथियों जैसे समूहों को लगभग खड़ा किया. आर्थिक मोर्चे पर 'प्रतिरोधी अर्थव्यवस्था' की नीति अपनाई जिसमें पश्चिमी प्रतिबंधों से लड़ने के लिए तेल पर निर्भरता कम करने और चीन-रूस से व्यापार बढ़ाने की कोशिश की गई. हालांकि विरोधों के दमन में भी खामेनेई का रिकॉर्ड कड़ा रहा है जैसा कि महसा अमीनी की मौत के बाद हुए प्रदर्शनों में देखा गया.

उत्तराधिकारी का सवाल

रिपोर्ट्स के मुताबिक अब जब खामेनेई 85 साल के हैं और कैंसर से पीड़ित हैं तो उत्तराधिकारी का सवाल उठता है. आधिकारिक तौर पर 88 मौलवियों वाली असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स अगला सर्वोच्च नेता चुनेगी. लेकिन प्रक्रिया गोपनीय और सत्ता के वफादारों के कब्जे में होती है. खामेनेई के बेटे मोजतबा खामेनेई को संभावित उत्तराधिकारी के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि पहले खामेनेई खुद वंशवादी उत्तराधिकार की आलोचना कर चुके थे पर अब वही इसे अपना सकते हैं.

खामेनेई की अचानक अनुपस्थिति में ईरान में सत्ता संघर्ष जन आक्रोश और अस्थिरता का माहौल बन सकता है. इस्लामी शासन की संरचना अब तक तो मजबूत रही है लेकिन खामेनेई के बाद यह अपनी सबसे बड़ी परीक्षा से गुजर सकता है.

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