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Explainer: क्‍या है क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड, ज‍िसके तहत 10 लाख करोड़ के पार पहुंचा ऑपरेट‍िव अमाउंट

KCC News: सरकार की क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड योजना के तहत ऑपरेट‍िव अमाउंट की संख्‍या प‍िछले 10 साल में दोगुने के पार चली गई है. मार्च, 2014 में यह राश‍ि 4.26 लाख करोड़ रुपये थी, जो क‍ि अब बढ़कर 10.05 लाख करोड़ पर पहुंच गई है. 

Explainer: क्‍या है क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड, ज‍िसके तहत 10 लाख करोड़ के पार पहुंचा ऑपरेट‍िव अमाउंट
Kriyanshu Saraswat|Updated: Feb 26, 2025, 07:08 AM IST
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Kisan Credit Card Update: वित्त मंत्रालय ने बताया क‍ि चालू किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) अकाउंट के तहत राशि 31 दिसंबर, 2024 तक 10 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई है. इससे 7.72 करोड़ किसानों को फायदा हुआ है. मार्च, 2014 में चालू केसीसी की राशि 4.26 लाख करोड़ रुपये थी. फाइनेंस‍ि म‍िन‍िस्‍ट्री की तरफ से बताया गया क‍ि इससे कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए किसानों को दिए जाने वाले सस्ते लोन की मात्रा में उल्लेखनीय वृद्धि का पता चलता है.

क‍िसान क्रेड‍िट कार्ड क्‍या है?

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) भारत सरकार की तरफ से शुरू की गई एक योजना है. केसीसी (KCC) एक बैंकिंग प्रोडक्‍ट है, ज‍िसके जरिये किसानों को बीज, उर्वरक और कीटनाशकों जैसे उत्पादों के साथ ही संबद्ध गतिविधियों की नकदी जरूरतों को पूरा करने के लिए समय पर और सस्ता लोन मिलता है. इसका मकसद किसानों को उनकी कृषि जरूरतों के लिए समय पर और पर्याप्त लोन मुहैया कराना है. इस योजना को 1998 में शुरू क‍िया गया था और तब से यह किसानों के लिए एक अहम फाइनेंश‍ियल प्रोडक्‍ट बन गई है.

किसान क्रेडिट कार्ड का मकसद
किसानों को उनकी खेती की जरूरतों के लिए समय पर लोन मुहैया कराना. इसके अलावा किसानों को साहूकारों और अन्य अनौपचारिक स्रोत से उच्च ब्याज दर पर लोन लेने से बचाना. किसानों को कृषि उपकरणों, बीजों, उर्वरकों और अन्य कृषि आदानों की खरीद के लिए लोन प्रदान करना. किसानों को फसल बीमा और अन्य बीमा प्रोडक्‍ट तक पहुंच प्रदान करना.

केसीसी के फायदे
केसीसी पर ब्याज दरें आमतौर पर अन्य प्रकार के लोन की तुलना में काफी कम होती है. केसीसी प्राप्त करना क‍िसी भी लोन के मुकाबले प्राप्‍त करना ज्‍यादा आसान है. यह योजना खासकर उन किसानों के लिए जिनके पास भूमि का स्वामित्व है. केसीसी में री-पेमेंट की शर्तें लचीली होती हैं, जिससे किसानों को अपनी फसल की कटाई के बाद लोन चुकाने में मदद मिलती है. केसीसी होल्‍डर को फसल बीमा और पर्सनल एक्‍सीडेंट इंश्‍योरेंस जैसे बीमा प्रोडक्‍ट तक पहुंच मिलती है.

कौन ले सकता है केसीसी?
सभी किसान चाहे वे पर्सनल हो या संयुक्त मालिक हों, इस योजना के लिए पात्र हैं. किरायेदार किसान, मौखिक पट्टेदार और स्वयं सहायता समूह (SHG) या संयुक्त देयता समूह (JLG) भी पात्र हैं. मत्स्य पालन करने वाले और पशुपालन करने वाले किसान भी इस योजना का फायदा उठा सकते हैं.

किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट किसानों की जरूरत और उनकी पात्रता के आधार पर अलग-अलग होती है. पहले किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की लिमिट 3 लाख रुपये थी, जिसे अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की तरफ से बजट 2025 में इसका ऐलान किया गया. केसीसी की लिमिट किसान की जमीन, फसल पैटर्न और क्रेडिट ह‍िस्‍ट्री जैसे कारकों के आधार पर तय की जाती है. बैंक किसान की आमदनी और री-पेमेंट क्षमता का भी आकलन करते हैं.

केसीसी एक प्रकार का रिवॉल्विंग क्रेडिट है, जिसका सीधा सा मतलब हुआ क‍ि इसमें से क‍िसान अपनी जरूरत के अनुसार लोन निकाल सकते हैं और चुका सकते हैं. केसीसी की वैल‍िड‍िटी पांच साल की होती है. इसकी सालाना समीक्षा के बाद र‍िन्‍यूअल क‍िया जा सकता है. केसीसी होल्‍डर को रुपे डेबिट कार्ड जारी किया जाता है, जिसका यूज वे एटीएम से नकदी निकालने और खरीदारी करने के लिए कर सकते हैं.

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