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BJP में राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के चुनाव के बाद पीएम नरेंद्र मोदी लेंगे बड़ा फैसला!

BJP Naitonal President Election: बीजेपी में संगठन स्‍तर पर बदलाव के साथ सरकार में उच्‍च स्‍तर पर अचानक कई फैसले तेजी से होते दिख रहे हैं. 

BJP में राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष के चुनाव के बाद पीएम नरेंद्र मोदी लेंगे बड़ा फैसला!
Atul Chaturvedi|Updated: Jul 15, 2025, 10:35 AM IST
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बीजेपी में संगठन स्‍तर पर बदलाव के साथ सरकार में उच्‍च स्‍तर पर अचानक कई फैसले तेजी से होते दिख रहे हैं. इससे ही सुगबुगाहट हो रही है कि आने वाले दिनों में कुछ महत्‍वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं. एक तरफ बीजेपी के अंदर इस वक्‍त सबसे बड़ी चर्चा संगठन में बदलाव की हो रही है. नए राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष का चुनाव जल्‍द से जल्‍द होने वाला है क्‍योंकि उसके लिए जरूरी शर्त पूरी कर ली गई है. यानी कम से कम आधे राज्‍यों में सांगठनिक चुनाव हो चुके हैं. उन जगहों पर नए प्रदेश अध्‍यक्ष भी चुन लिए गए हैं. अब तय माना जा रहा है कि जल्‍द ही पार्टी को नया राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मिलेगा. वैसे तो इस पद के लिए कई नए नामों की चर्चा हो रही है लेकिन केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर को इस रेस में सबसे आगे माना जा रहा है.

दूसरी तरफ सरकार के स्‍तर पर देखा जाए तो राज्‍यों में नए राज्‍यपालों की नियुक्ति का काम भी चालू हो गया है. हरियाणा, गोवा में राज्‍यपाल और लद्दाख में नया उपराज्‍यपाल नियुक्‍त किया गया. इस बीच चार नए राज्‍यसभा सांसद भी नामित किए गए. कहा जा रहा है कि इन सब कार्यों को सुनियोजित रणनीति के तहत किया जा रहा है और इसके पूरा होने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में बदलाव कर सकते हैं. 

क्‍या हो सकते हैं बदलाव?
द इंडियन एक्‍सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक देखा जाए तो सरकार का जोर निरंतरता पर रहा है. यानी सरकार के चेहरों को यदि देखें तो मोदी 2.0 और मोदी 3.0 के एक वर्ष पूरा होने के बावजूद लगभग सभी उन्‍हीं चेहरों को महत्‍वपूर्ण विभागों की जिम्‍मेदारी मिली हुई है जिन पर ये दारोमदार पहले से रहा है. लेकिन इस बीच राष्‍ट्रीय-अंतरराष्‍ट्रीय जगत में नए समीकरण उभरे हैं. 

डोनाल्‍ड ट्रंप अमेरिका के राष्‍ट्रपति बन चुके हैं और नई टैरिफ व्‍यवस्‍था लागू कर रहे हैं. इससे विदेश-व्‍यापार-वाणिज्‍य क्षेत्र में नई चुनौतियां उत्‍पन्‍न हो रही हैं. अमेरिका में भारत के राजदूत रहे हर्षवर्धन श्रृंगला को राज्‍यसभा भेजने के फैसले के पीछे इन्‍हीं वजहों को माना जा रहा है. इसी तरह ये भी कहा जा रहा है कि जिन लोगों को राज्‍यसभा कार्यकाल खत्‍म हो रहा है उनमें से कई मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है. इससे बदलती परिस्थितियों के अनुरूप संगठन और सरकार के स्‍तर पर फ्रेश लुक देखने को मिलेगा.

इसके साथ ही ये भी ध्‍यान रखना जरूरी है कि इस साल नवंबर में बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. कहा जा रहा है कि मोदी सरकार में जेडीयू, चिराग पासवान की लोजपा के नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है. इसी तरह अन्‍य गठबंधन सहयोगी टीडीपी के नेताओं को भी मंत्री बनाया जा सकता है.

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