Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है. उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने एक ऐसा दावा किया कि उद्धव ठाकरे ने दिल्ली जाकर पीएम नरेंद्र मोदी से माफी मांगी थी. शिंदे ने कहा कि उद्धव महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान बीजेपी के साथ दोबारा सरकार बनाना चाहते थे लेकिन मुंबई लौटकर वो अपने वादे से पलट गए. शिंदे इस बयान पर तीखे पलटवार भी सामने आए हैं. उद्धव ने तो तुरंत इस दावे को खारिज किया लेकिन सवाल है कि आखिर शिंदे इतने समय बाद इस खुलासे से क्या साबित करना चाहते हैं?
मामला उस समय का है जब..
असल में एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को महाराष्ट्र विधान परिषद में यह बात कही है. उन्होंने उद्धव पर तंज कसते हुए कहा कि वो पीएम मोदी से मिले और बोले कि मुझे माफ कर दीजिए हम आपके साथ आना चाहते हैं. शिंदे का आरोप है कि मुंबई लौटते ही उद्धव ने पलटी मार दी. शिंदे ने यह भी कहा कि उद्धव के साथ उनके करीबी नेता अनिल परब भी दिल्ली गए थे और वहां मदद मांगी थी. यह मामला उस समय का है जब उद्धव की सरकार मुश्किल में थी और शिंदे बागी रुख अपनाए हुए थे.
पलटवार करते हुए तंज कसा
उधर उद्धव ठाकरे ने अभी इस पर सीधा जवाब नहीं दिया है लेकिन उनके गुट से प्रतिक्रिया जरूर आई है. शिवसेना UBT के अखबार सामना में छपी खबर के मुताबिक उद्धव ने इसे सिरे से खारिज किया है और पलटवार करते हुए तंज कसा कि उस समय शिंदे मोदी के डस्टबिन में बैठे थे. उद्धव के हवाले से आगे लिखा गया कि हमें इसकी जानकारी भी नहीं थी कई शिंदे को लेकर आगे क्या होने वाला है.
यह बात सही है कि उद्धव ठाकरे की मुलाकात उस समय पीएम मोदी दे हुई थी लेकिन माफी की बात करके शिंदे ने तहलका मचा दिया. साथ ही यह भी सच है ये बार तो उद्धव के अलावा किसी और को नहीं पता होगी लेकिन शिंदे ये आरोप लगाकर उद्धव सेना पर जरूर हमलावर हैं. शिंदे को यह बात भी पता होगी कि उद्धव सेना बीजेपी से दूर ही रहे क्योंकि फिलहाल तो बीजेपी के साथ उन्होंने ही गठबंधन किया है.
एक तीर से कई निशाने साध रहे
महाराष्ट्र की राजनीति पर नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस आरोप में कितनी सच्चाई है ये तो शिंदे और उद्धव ही जानें लेकिन शिंदे एक तीर से कई निशाने साध रहे हैं. एक तरफ वे उद्धव को और भी नाराज कर रहे हैं तो दूसरी तरफ यह जताना चाह रहे कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करना उद्धव की बड़ी भूल थी.साथ ही बीजेपी के साथ गठबंधन करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए शिंदे कह चुके हैं कि हमारे गुट ने उद्धव के विपरीत पारदर्शी तरीके से काम किया. हमने सब कुछ खुलेआम किया. हम छिपकर नहीं चले