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लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हुआ वक्फ संशोधन बिल, फिर भी एक सीढ़ी बाकी

Waqf Bill:  राज्यसभा में इस पर गुरुवार को लंबी बहस हुई. इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने जोरदार पक्ष रखा. बहस के बाद शुक्रवार को विधेयक पर मतदान हुआ जिसमें 128 सांसदों ने पक्ष में और 95 ने विरोध में मतदान किया.

लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पास हुआ वक्फ संशोधन बिल, फिर भी एक सीढ़ी बाकी
Gaurav Pandey|Updated: Apr 04, 2025, 06:26 AM IST
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Waqf Amendment Bill: संसद ने शुक्रवार तड़के जोरदार चर्चा के बाद वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी. यह विधेयक पहले लोकसभा में पारित हुआ जहां इसे 288 सांसदों का समर्थन मिला जबकि 232 ने विरोध किया. इसके बाद राज्यसभा में इस पर गुरुवार को लंबी बहस हुई. इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई नेताओं ने जोरदार पक्ष रखा. बहस के बाद शुक्रवार को विधेयक पर मतदान हुआ जिसमें 128 सांसदों ने पक्ष में और 95 ने विरोध में मतदान किया. अब यह विधेयक कानून बनने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी का इंतजार कर रहा है.

दरअसल संशोधित वक्फ विधेयक के तहत वक्फ संस्थानों की बोर्ड को अनिवार्य योगदान राशि को 7 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है. साथ ही एक लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले संस्थानों के लिए राज्य द्वारा नियुक्त ऑडिटरों द्वारा अनिवार्य ऑडिट की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा प्रशासनिक कार्यक्षमता और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए वक्फ संपत्ति प्रबंधन हेतु एक स्वचालित केंद्रीकृत पोर्टल की स्थापना की जाएगी.

लागू होंगे नए प्रावधान..
नए प्रावधानों के तहत 2013 के पूर्व के नियमों को बहाल किया गया है जिससे कम से कम पांच वर्षों तक इस्लाम का पालन करने वाले व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ को समर्पित कर सकते हैं. महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए यह सुनिश्चित किया गया है कि वक्फ के लिए समर्पण से पहले उन्हें उनकी संपत्ति में उत्तराधिकार का अधिकार मिल जाए. विधेयक में विधवाओं, तलाकशुदा महिलाओं और अनाथ बच्चों के हितों की विशेष सुरक्षा का प्रावधान भी किया गया है. इसके अलावा यदि कोई संपत्ति वक्फ के रूप में दावा की जाती है तो अब जांच का कार्य कलेक्टर रैंक से ऊपर के अधिकारियों को सौंपा जाएगा.

तीसरे और अंतिम चरण में विधेयक 
किसी भी विधेयक को कानून बनने के लिए तीन प्रमुख चरणों से गुजरना होता है. पहले चरण में विधेयक को लोकसभा में पेश किया जाता है और बहस के बाद मतदान से पारित किया जाता है. दूसरे चरण में इसे राज्यसभा में पेश किया जाता है जहां एक बार फिर चर्चा और मतदान होता है. यदि दोनों सदनों से विधेयक पारित हो जाता है तो यह तीसरे और अंतिम चरण में चला जाता है.

राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता
वक्फ संशोधन विधेयक अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुका है. इसे कानून बनने के लिए केवल राष्ट्रपति की मंजूरी की आवश्यकता है. जैसे ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस विधेयक को अपनी स्वीकृति देंगी यह आधिकारिक रूप से एक कानून बन जाएगा और लागू किया जाएगा.

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