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Covid Vaccine और हार्ट अटैक के बीच नहीं संबंध तो अचानक मौतों का क्‍या कारण?

Corona के दौर के बाद युवाओं में अचानक हार्ट अटैक के मामलों से इस तरह की भ्रांति फैल रही थी कि कहीं इसकी वैक्‍सीन वजह तो नहीं है. 

Covid Vaccine और हार्ट अटैक के बीच नहीं संबंध तो अचानक मौतों का क्‍या कारण?
Atul Chaturvedi|Updated: Jul 02, 2025, 02:07 PM IST
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ICMR-AIIMS Study: कोरोना के दौर के बाद युवाओं में अचानक हार्ट अटैक के मामलों से इस तरह की भ्रांति फैल रही थी कि कहीं इसकी वैक्‍सीन वजह तो नहीं है. अब इस मामले में एक महत्‍वपूर्ण स्‍टडी में इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और एम्‍स ने स्‍पष्‍ट किया है कि कोविड वैक्‍सीन और अचानक होने वाली मौतों के बीच किसी प्रकार का कोई संबंध नहीं है. यानी कोरोना की वैक्‍सीन पूरी तरह सुरक्षित रही हैं. 

स्‍टडी में युवाओं के बीच अचानक हार्ट अटैक और मौतों के बारे में जो निष्‍कर्ष निकाले गए हैं वो एकदम अलग हैं. इन अध्ययनों में जीवनशैली और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं को अचानक मौतों का प्रमुख कारण बताया गया है.

कोरोना वैक्‍सीन पूरी तरह सेफ
आईसीएमआर और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र ने 18-45 वर्ष की आयु के युवा वयस्कों में अचानक होने वाली अस्पष्टीकृत मौतों के कारणों का पता लगाने के लिए दो अध्ययन किए. पहला अध्ययन आईसीएमआर के राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान ने मई से अगस्त 2023 तक 19 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में किया.

इसमें अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच स्वस्थ दिखने वाले लोगों की अचानक मृत्यु के मामलों की जांच की गई. दूसरा अध्ययन वास्तविक समय में मौतों के कारणों का विश्लेषण करता है. इन अध्ययनों से साफ हुआ कि कोविड-19 टीके पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनके गंभीर दुष्प्रभाव बहुत दुर्लभ हैं.

अचानक मौतों की वजह
स्‍टडी के मुताबिक अचानक मौतों के पीछे आनुवंशिक कारण, खराब जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां और कोविड के बाद की जटिलताएं मुख्य कारक हैं. अध्ययनों में पाया गया कि इस आयु वर्ग में दिल का दौरा (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) अचानक मौत का सबसे बड़ा कारण है.

पिछले वर्षों की तुलना में मौतों के कारणों में कोई खास बदलाव नहीं देखा गया. कई मामलों में आनुवंशिक बदलाव (म्यूटेशन) को भी मौत का संभावित कारण माना गया. अंतिम परिणाम जल्द साझा किए जाएंगे. वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया कि कोविड टीकों को अचानक मौतों से जोड़ने वाले दावे गलत और भ्रामक हैं.

अफवाहों से बचें
ऐसे दावों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. विशेषज्ञों ने चेतावनी दी कि बिना सबूत के अफवाहें फैलाने से टीकों पर लोगों का भरोसा कम हो सकता है जिसने महामारी के दौरान लाखों लोगों की जान बचाई. वैज्ञानिकों के मुताबिक ऐसी अफवाहें वैक्सीन के प्रति हिचकिचाहट बढ़ा सकती हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. भारत सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए साक्ष्य-आधारित अनुसंधान पर जोर दिया है.

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