trendingNow12809119
Hindi News >>Explainer
Advertisement

Israel Iran War: डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरान पर हमले को लेकर फैसला 2 हफ्ते के लिए क्‍यों टाला?

Iran Israel War: इजरायल के लगातार हमलों के बीच ईरान ने सख्‍त पलटवार करते हुए घातक क्‍लस्‍टर बम का इस्‍तेमाल किया है. ये हमला ऐसे वक्‍त किया गया है जब ये कहा जा रहा था कि अमेरिका इस युद्ध में किसी भी वक्‍त इजरायल की तरफ से ईरान पर हमला कर देगा. 

Israel Iran War: डोनाल्‍ड ट्रंप ने ईरान पर हमले को लेकर फैसला 2 हफ्ते के लिए क्‍यों टाला?
Atul Chaturvedi|Updated: Jun 20, 2025, 02:20 PM IST
Share

World News In Hindi: इजरायल के लगातार हमलों के बीच ईरान ने सख्‍त पलटवार करते हुए घातक क्‍लस्‍टर बम का इस्‍तेमाल किया है. ये हमला ऐसे वक्‍त किया गया है जब ये कहा जा रहा था कि अमेरिका इस युद्ध में किसी भी वक्‍त इजरायल की तरफ से ईरान पर हमला कर देगा. यानी ईरान ने सख्‍त संदेश दिया है कि वो न ही अमेरिका के कहने पर सरेंडर करेगा और न ही इजरायल से दबेगा. लेकिन इस बीच इजरायल को परेशान करने वाली खबर ये है कि अमेरिका ने फौजी रूप से उसकी तरफदारी करने से पहले अचानक दो हफ्ते का समय लेकर उसको सांसत में डाल दिया है. यानी अगले दो हफ्तों तक इजरायल को ही अपनी रक्षा करनी होगी. 

जाहिर सी बात है कि ईरान के सख्‍त जवाबी वार के बाद इजरायल ऐसा नहीं चाहता था कि अमेरिका समय ले लेकिन अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने ऐन मौके पर दो हफ्ते के लिए फैसला टालने की बात कहकर मिडिल ईस्‍ट में संशय को बढ़ा दिया है. सवाल उठ रहे हैं कि आखिर उन्‍होंने ऐसा क्‍यों किया? जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंगलवार रात को ट्रंप ने ईरान पर हमले की योजनाओं को मंजूरी दी थी. हालांकि ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम को छोड़ने की स्थिति में उन्होंने अंतिम फैसला टाल दिया है. 

पर्दे के पीछे की कहानी
दरअसल इसके पीछे की वजह ये है कि अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत चल रही है.  13 जून को इजरायल के ईरान पर हमलों के बाद से अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कई बार फोन पर बात की है ताकि इस संकट का राजनयिक समाधान निकाला जा सके. स्थानीय मीडिया ने राजनयिकों के हवाले से बताया कि इस बातचीत में अमेरिका ने एक प्रस्ताव रखा, जिसमें ईरान के बाहर एक क्षेत्रीय समूह द्वारा यूरेनियम संवर्धन की बात थी लेकिन ईरान ने इसे ठुकरा दिया है.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "अगर ईरान के साथ कोई राजनयिक समझौता होता है, तो ईरान को यूरेनियम संवर्धन पर सहमत होना होगा और उसे परमाणु हथियार बनाने की अनुमति नहीं होगी." इस पर ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ से कहा कि अगर अमेरिका इजरायल पर युद्ध खत्म करने का दबाव डाले तो तेहरान परमाणु मुद्दे पर विचार कर सकता है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जब तक इजरायल हमले बंद नहीं करता, ईरान बातचीत में वापस नहीं आएगा. यह जानकारी एक क्षेत्रीय राजनयिक के हवाले से स्थानीय मीडिया ने दी.

इजरायल Vs ईरान
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ता संघर्ष लगातार आठवें दिन में प्रवेश कर गया है. इजरायल रक्षा बल (आईडीएफ) ने शुक्रवार को घोषणा की है कि उसने गुरुवार रात को तेहरान में कई हवाई हमले किए, जिनमें ईरान के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों से जुड़े कई ठिकानों को निशाना बनाया गया. इन हमलों में मिसाइल बनाने वाली सैन्य औद्योगिक इकाइयां, ईरान का डिफेंस इनोवेशन और रिसर्च संगठन (एसपीएनडी) का मुख्यालय शामिल था.

आईडीएफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "60 से अधिक वायु सेना के लड़ाकू जेट ने गुरुवार रात को ईरान में कई सैन्य ठिकानों पर हमला किया, जिसमें लगभग 120 हथियारों का उपयोग किया गया. इसमें तेहरान इलाके में कई मिसाइल बनाने वाली औद्योगिक इकाइयां भी शामिल थीं." पोस्ट में आगे कहा गया, "ये ठिकाने कई सालों में बनाए गए थे और ये ईरान के रक्षा मंत्रालय का औद्योगिक केंद्र थे. हमले किए गए ठिकानों में मिसाइल घटकों के उत्पादन के लिए सैन्य औद्योगिक स्थल और रॉकेट इंजन बनाने के लिए कच्चे माल के उत्पादन स्थल शामिल थे."

आईडीएफ ने उल्लेख किया कि ईरान के परमाणु हथियार परियोजना को नुकसान पहुंचाने की अपनी कार्रवाइयों के तहत तेहरान में एसपीएनडी मुख्यालय की इमारत पर भी हमला किया गया.
आईडीएफ ने कहा, "एसपीएनडी मुख्यालय का इस्तेमाल ईरान के सैन्य क्षमताओं के लिए उन्नत तकनीकों और हथियारों के अनुसंधान और विकास के लिए किया जाता है, जिसे 2011 में ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के संस्थापक फखरी जादेह ने स्थापित किया था." इसके अलावा, इजरायली सेना ने दावा किया कि ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए आवश्यक एक साइट पर हमला किया गया था.

अस्पताल और बच्चों के वार्ड पर हमला
इस बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इजरायल के बीरशेबा स्थित सोरोका अस्पताल के दौरे के दौरान अस्पताल पर बैलिस्टिक मिसाइल हमला करने के लिए ईरान की निंदा की, जिसमें कई मरीज, डॉक्टर और कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए. नेतन्याहू ने इसे नागरिकों पर एक ज़बरदस्त हमला बताते हुए इसकी आलोचना की और कहा कि जहां इजरायल ईरान के परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों पर सटीक हमले कर रहा है, वहीं ईरान ने बच्चों के वार्ड वाले एक अस्पताल को निशाना बनाया है.

गुरुवार को इजरायली प्रधानमंत्री के कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया, "मैं बीयर-शेवा के सोरोका अस्पताल में हूं, साथ में स्वास्थ्य मंत्री, उप मंत्री अल्मोग कोहेन, दक्षिण के निवासी, और साथ ही सोरोका अस्पताल के निदेशक भी हैं. हम यहां पूरा अंतर देख रहे हैं. हम परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों के लक्ष्यों पर सटीकता से हमला कर रहे हैं, और वे एक ऐसे अस्पताल पर हमला कर रहे हैं, जहां लोग उठकर भाग भी नहीं सकते."

उन्होंने जोर देकर कहा कि जिस जगह हमला हुआ, उसके पास ही बच्चों का वार्ड है. नेतन्याहू ने इसे लोकतंत्र और आतंकवादियों के बीच का अंतर बताया. उन्होंने कहा कि इजरायल खुद को बचाने के लिए कानूनी कार्रवाई कर रहा है, जबकि आतंकवादी सभी को खत्म करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इससे आपको सब कुछ पता चल जाता है.

(इनपुट: एजेंसी आईएएनएस के साथ)

Read More
{}{}