trendingNow12843797
Hindi News >>Explainer
Advertisement

क्या ड्रूज लोगों की ढाल बनीं इजरायल की मिसाइलें? सीरिया की तबाही के मायने कुछ और भी हैं

Israel Syria conflict: ड्रूज का मुद्दा इजरायल की रणनीति का हिस्सा है. लेकिन अब इजरायल खुद सीरिया की जमीनों पर कब्जा कर चुका है. लेकिन यह बात समझना भी जरूरी है कि इजरायल कह रहा कि वह अब्राहम समझौते को सीरिया और लेबनान तक बढ़ाना चाहता है.

क्या ड्रूज लोगों की ढाल बनीं इजरायल की मिसाइलें? सीरिया की तबाही के मायने कुछ और भी हैं
Gaurav Pandey|Updated: Jul 17, 2025, 01:08 PM IST
Share

Druze in Syria: इजरायल ने अब सीरिया की तरफ अपनी मिसाइलों का मुंह कर दिया है. सीरिया के कई शहरों को निशाना बनाया गया. यहां तक कि सीरिया के रक्षा मंत्रालय और आर्मी हेडक्वार्टर पर भी हमला किया. कई कर्मचारी-अधिकारी मारे गए हैं. इन सबके बीच सीरिया में रहने वाली ड्रूज कम्युनिटी चर्चा में आ गई कि क्या इजरायल ने इन्हीं के लिए ये सब किया है. यह सही भी है क्योंकि सीरिया में ड्रूज और बैनेदोई समुदाय के बीच हिंसक झड़प के बाद स्थिति पहले ही खराब थी. इस झड़प में 350 से ज्यादा ड्रूज समुदाय के लोग मारे गए हैं. फिर इजरायल से रहा नहीं गया.

असल में सीरिया में ड्रूज समुदाय और वहां की सरकार के बीच टकराव हुआ. देश के नए नेता अहमद अल-शराआ ने ड्रूज अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का वादा किया था. लेकिन हाल की घटनाएं कुछ और ही तस्वीर पेश कर रही हैं. पहले अलेवाइट समुदाय पर हमले हुए. फिर ड्रूज बहुल क्षेत्रों में सरकारी सेना की घुसपैठ से हालात बिगड़ गए हैं. इसी बात ने इजरायल को भी बीच में कूदने के लिए मजबूर कर दिया है. उसने ड्रूज की सुरक्षा के नाम पर सीरिया में हवाई हमले शुरू कर दिए हैं.

आखिर कौन हैं ड्रूज और क्यों हैं खास

एक इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट ड्रूज एक अरबी मूल का धार्मिक समुदाय है जो इस्लाम के शिया संप्रदाय की इस्माइली शाखा से निकला है. इसकी शुरुआत मिस्र के फातिमी खलीफा अल-हाकिम के दौर में हुई थी जिन्हें उनके अनुयायियों ने ईश्वर का अवतार माना. आज यह समुदाय मुख्य रूप से सीरिया, लेबनान और इजरायल में रहता है. सीरिया के दक्षिणी हिस्से के स्वैदा प्रांत में ड्रूजों की बड़ी आबादी है. इजरायल के कब्जे वाले गोलन हाइट्स में भी करीब 20,000 ड्रूज रहते हैं. जिनके परिवार सीरिया में भी फैले हुए हैं.

लेकिन क्यों भड़की सीरिया में जंग?

हुआ यह कि हाल के महीनों में ड्रूज और सरकार समर्थक बलों के बीच टकराव बढ़ा है. मार्च में अलेवाइटों के खिलाफ कार्रवाई में सैकड़ों लोग मारे गए. और अप्रैल में ड्रूज लड़ाकों के साथ झड़पों में करीब 100 की मौत हुई. अहमद अल-शराआ ने ड्रूज मिलिशिया को हथियार डालने को कहा जिससे नाराजगी और बढ़ गई. ड्रूज धर्मगुरु हिकमत अल-हिजरी ने इसे नरसंहार की कोशिश बताया और दुनिया से सुरक्षा की अपील की.

अचानक इजरायल क्यों आया बीच में?

इजरायल ने ड्रूज समुदाय की सुरक्षा को भाईचारे की जिम्मेदारी बताते हुए सीरिया में हवाई हमले किए हैं. प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल अपने देश के ड्रूज नागरिकों और सीरिया में उनके रिश्तेदारों की रक्षा को प्रतिबद्ध है. इजरायल ने दक्षिणी सीरिया में एकतरफा डिमिलिट्राइज्ड जोन घोषित कर दिया है, जिसे सीरिया ने खारिज कर दिया है. इजरायल ने चेतावनी दी है कि अगर ड्रूज इलाकों में सीरियाई सेना की मौजूदगी जारी रही तो कार्रवाई और तेज होगी.

एक्सपर्ट का कहना है कि असली मंशा कुछ और है. ये बात कितनी सही?

कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ड्रूज का मुद्दा इजरायल की रणनीति का हिस्सा है. अमेरिका ने सीरिया-इजरायल सुलह की कोशिशें कीं लेकिन अब इजरायल खुद सीरिया की और जमीनों पर कब्जा कर चुका है. इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने हाल में कहा कि वह अब्राहम समझौते को सीरिया और लेबनान तक बढ़ाना चाहता है. लेकिन हकीकत यह है कि उसके हमले शांति की बजाय तनाव ही बढ़ा रहे हैं.

Read More
{}{}