Weather of India: देखते ही देखते बरसात का मौसम आ गया. इस मौसम में गरम चाय और पकौड़े तमाम लोगों का प्रिय नाश्ता होता है. लेकिन यह तब जब बारिश भी सुहावनी होती है. मगर मानसून के आने के बाद भी दिल्ली एनसीआर जैसी जगहों पर अभी भी लोग बारिश के लिए तरस रहे हैं. शायद यही वजह है कि उमस वाली गर्मी और बादलों की लुकाछिपी का दौर जारी है. आसमान कई दिनों से बादलों से ढका हुआ है लेकिन बारिश नहीं हो रही. कहीं-कहीं नाममात्र बूंदाबांदी होती है पर वो भी इतनी हल्की कि गर्मी और उमस पर कोई असर नहीं डाल पा रही. आखिर ऐसा क्यों है.
बादल छाए रहे लेकिन बारिश नहीं..
असल में मौसम एक्सपर्ट्स का मानना है कि बारिश न होने की एक अहम वजह ये है कि हवा में मौजूद नमी या मॉइस्चर बादलों में तो है लेकिन वह इतनी नहीं है कि बारिश करवा सके. यानी बादल भारी नहीं हो पा रहे कि वे बरसें. यही वजह है कि दिल्ली और इसके आसपास के इलाकों में बुधवार को घने बादल छाए रहे लेकिन बारिश की संभावना न के बराबर रही. मंगलवार को भी यही स्थिति थी. हालांकि गुरुवार सुबह हल्की फुहारें संभव हैं.
इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण
इसे विज्ञान के नजरिए से समझने की जरूरत है. होता यह है कि बारिश तब होती है जब बादलों में मौजूद जलकण आपस में मिलकर इतने बड़े हो जाते हैं कि गुरुत्वाकर्षण उन्हें नीचे गिरा सके. लेकिन फिलहाल ऐसा नहीं हो पा रहा. इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं. जैसे ऊपर की हवा का तापमान बहुत ठंडा होना. ऊपरी सतहों पर सूखी हवा का मौजूद रहना जो नमी को सोख लेती है. या फिर अलग-अलग ऊंचाई पर हवाओं की दिशा में अंतर होना जिससे बादल एक जगह टिक नहीं पाते.
समुद्र से लगातार नमी नहीं आती..
इस पर एक फैक्ट यह भी है कि दिल्ली एक लैंडलॉक्ड इलाका है जहां समुद्र से लगातार नमी नहीं आती. साथ ही मानसून ट्रफ इस समय दिल्ली से दक्षिण की ओर है जिससे यहां मानसून की सक्रियता कम है. स्थानीय हीट आइलैंड इफेक्ट, ऊंचाई पर सूखी हवा और हवा की दिशा में गड़बड़ी की वजह से बादल आते तो हैं पर बरस नहीं पाते.
ये सब बड़े कारण हैं कि दिल्ली हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अक्सर ऐसा होता है कि बादल कई दिन मंडराते हैं, लेकिन बारिश नहीं होती. हालांकि देश के कुछ और इलाके भी हैं जहां अक्सर बादल तो आते हैं लेकिन बारिश नहीं होती. जैसे राजस्थान के जयपुर-अलवर जैसे इलाके, महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र, गुजरात का कच्छ और तमिलनाडु के कुछ हिस्से भी इसमें शामिल हैं.