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शेयर बाजार ने ली ट्रंप के टैरिफ की फिरकी...जहां बवंडर का था डर, वहां बस हल्का सा फिसला सेंसेक्स, ये 4 फैक्टर बने बाजार के तारणहार

Share Market Update: अमेरिका की ओर से भारत पर 26 फीसदी रिसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान हुआ. 2 अप्रैल की रात डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ये ऐलान किया . टैरिफ का हथोड़ा भारत पर जिस तेजी के बड़ा, बाजार से उसके उलट प्रतिक्रिया दिखाई. जहां उम्मीद की जा रही थी कि टैरिफ के ऐलान के साथ शेयर बाजार क्रैश हो जाएगा.

 शेयर बाजार ने ली ट्रंप के टैरिफ की फिरकी...जहां बवंडर का था डर, वहां बस हल्का सा फिसला सेंसेक्स, ये 4 फैक्टर बने बाजार के तारणहार
Bavita Jha |Updated: Apr 03, 2025, 05:20 PM IST
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Share Market: अमेरिका की ओर से भारत पर 26 फीसदी रिसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान हुआ. 2 अप्रैल की रात डोनाल्ड ट्रंप की ओर से ये ऐलान किया . टैरिफ का हथोड़ा भारत पर जिस तेजी के बड़ा, बाजार से उसके उलट प्रतिक्रिया दिखाई. जहां उम्मीद की जा रही थी कि टैरिफ के ऐलान के साथ शेयर बाजार क्रैश हो जाएगा. प्री ओपन मार्केट में वैसा दिखा भी, लेकिन सेंसेक्स ने जबरदस्त रिकवरी करते हुए निचले स्तर से खुद को संभाला. सेंसेक्स ने टैरिफ हमले का मुंहतोड़ जवाब देते हुए गिरावट को सीमित रखा.  

लाल निशान से साथ बंद  

ट्रंप ने टैरिफ की घोषणा की, अमेरिका ने पिछले 100 साल में सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाए. 60 से अधिक देश प्रभावित हुए हैं. भारत पर 26 फीसदी टैरिफ लगाया गया, लेकिन बाजार ने इस टैरिफ हमले में खुद को संभाला. घरेलू शेयर बाजार में आज उस तरह की उथलपुथल नहीं दिखी जैसी आशंका जताई जा रही थी. शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 500 अंक गिरकर समझा और गिरावट 250-300 अंक के आसपास रह गई.  जहां आशंका थी कि सेंसेक्स लहुलुहान हो जाएगा. बाजार में सीमित गिरावट हुई. ऐसे में हम बताते हैं कि आखिर ये चमत्कार हुआ कैसे?  

बाजार से खुद को कैसे संभाला, ये हैं 4 फैक्टर 

टैरिफ ऐलान के बाद शुरुआती कारोबारी में सेंसेक्स कुछ घबराया, ललेकिन फार्मा सेक्टर के शेयरों में तेजी, क्रूड ऑयल की कीमत में गिरावट और भारत पर उम्मीद से कम टैरिफ लगाए जाने की वजह से निवेशकों ने दोबारा से खरीदारी शुरू कर दी. जिसकी वजह से बाजार में जबरदस्त रिकवरी देखने को मिली.  अमेरिका ने फार्मा सेक्टर को टैरिफ से बाहर रखा, जिसकी वजह से आज फार्मास्युटिकल शेयर्स जबरदस्त उछले.  निफ्टी फार्मा इंडेक्स 4 फीसदी तक चढ़ गए. 

अमेरिका ने बाकी एशियाई देशों के मुकाबले भारत पर कम टैक्स लगाया. जिससे भारतीय निर्यात बढ़ने का अनुमान है. चीन पर 54 फीसदी, वियतनाम पर 46 फीसदी, बांग्लादेश पर 37 फीसदी. अमेरिका ने भारत को लेकर थोड़ी नरमी दिखाई है. जिससे भारत को ग्लोबल व्यापार, अपनी मैन्युफैक्चरिंग मजबूत करने का मौका मिलेगा. जिसकी वजह से बाजार का सेटिमेंट बदला और निवेशकों से खरीदारी शुरू की. 

इसके साथ ही कच्चे तेल की कीमत में आई 3 फीसदी की गिरावट से बाजार को रिकवरी का मौका दे दिया. डॉलर के गिरने से भारतीय रुपये को मजबूती मिली. भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 85.61 पर पहुंच गया.  इसके साथ ही  बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट ने कहा कि भारत इस टैरिफ की मुश्किलों से आसानी से निपट सकता है.  जिससे बाजार की गिरावट को थाम दिया.  

लाल निशान के साथ बंद हुआ बाजार   

भारतीय शेयर बाजार गुरुवार को लाल निशान में बंद हुआ.  कारोबार के अंत में सेंसेक्स 322 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,295 और निफ्टी 82 अंक की गिरावट के साथ 23,250 पर था. बाजार में गिरावट की वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा जवाबी टैरिफ लगाए जाने को माना जा रहा है. लार्जकैप के उलट मिडकैप और स्मॉलकैप में खरीदारी देखने को मिली. सेक्टरोल आधार पर पीएसयू बैंक, फार्मा, एफएमसीजी, मीडिया, एनर्जी, प्राइवेट बैंक और कमोडिटीज इंडेक्स हरे निशान में बंद हुए हैं. ऑटो, आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज सबसे ज्यादा गिरने वाले इंडेक्स थे. 
 
सेंसेक्स पैक में पावर ग्रिड, सन फार्मा, अल्ट्राटेक सीमेंट, एनटीपीसी, एशियन पेंट्स, नेस्ले, इंडसइंड बैंक, टाइटन, एक्सिस बैंक, एसबीआई,अदाणी पोर्ट और एचयूएल टॉप गेनर्स थे. टीसीएस, टेक महिंद्रा, एचसीएल टेक, इन्फोसिस, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप लूजर्स थे. पीएल कैपिटल- प्रभुदास लीलाधर में एडवाइजरी प्रमुख, विक्रम कसात ने कहा कि  भारत और अमेरिका ट्रेड डील पर बातचीत इस साल के अंत तक समाप्त कर सकते हैं. संभावित टैरिफ स्वैप में अमेरिका द्वारा टैरिफ वापस लेने की बात कही जा सकती है, जिसके बदले में भारत ऑटो, कृषि-उत्पादों और शराब पर टैरिफ कम करेगा. 
 

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