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दिल की अच्छी सेहत के लिए जरूरी हैं ये 4 टेस्ट, 45+ महिलाएं जरूर करवाएं ये हेल्थ चेकअप

45 की उम्र के बाद महिलाओं में हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. बदलती लाइफस्टाइल, हार्मोनल बदलाव और बढ़ती उम्र के कारण महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं.

दिल की अच्छी सेहत के लिए जरूरी हैं ये 4 टेस्ट, 45+ महिलाएं जरूर करवाएं ये हेल्थ चेकअप
Shivendra Singh|Updated: Feb 26, 2025, 11:12 PM IST
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45 की उम्र के बाद महिलाओं में हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है. बदलती लाइफस्टाइल, हार्मोनल बदलाव और बढ़ती उम्र के कारण महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और दिल की बीमारी जैसी समस्याएं आम हो गई हैं. ऐसे में अपने दिल की सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी हो जाता है. डॉक्टरों के मुताबिक, नियमित हेल्थ चेकअप से दिल की बीमारियों का समय रहते पता लगाया जा सकता है, जिससे गंभीर स्थिति से बचा जा सकता है.

आइए जानते हैं वो 4 जरूरी टेस्ट जो 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को जरूर करवाने चाहिए.

लिपिड प्रोफाइल टेस्ट
लिपिड प्रोफाइल टेस्ट के जरिए शरीर में मौजूद कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर की जांच की जाती है. अगर शरीर में 'बैड कोलेस्ट्रॉल' (LDL) की मात्रा ज्यादा हो जाए तो यह धमनियों में जमा होकर ब्लड फ्लो को बाधित कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. 45 की उम्र के बाद हर महिला को साल में एक बार यह टेस्ट जरूर करवाना चाहिए.

ब्लड प्रेशर टेस्ट
हाई ब्लड प्रेशर को 'साइलेंट किलर' कहा जाता है क्योंकि इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते. अनियंत्रित ब्लड प्रेशर दिल पर ज्यादा दबाव डालता है, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है. 45 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर मापते रहना चाहिए और किसी भी असामान्यता पर डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.

ईसीजी
ईसीजी टेस्ट के जरिए दिल की धड़कनों और इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी की जांच की जाती है. यह टेस्ट दिल की अनियमित धड़कनों (Arrhythmia) और दिल की बीमारियों के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने में मदद करता है. अगर आपको थकान, सीने में दर्द, या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो रही हैं, तो डॉक्टर से सलाह लेकर ईसीजी टेस्ट करवाएं.

ब्लड शुगर टेस्ट
डायबिटीज और हार्ट डिजीज का गहरा संबंध है. हाई ब्लड शुगर लेवल दिल की नसों को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए, 45 की उम्र के बाद महिलाओं को नियमित रूप से फास्टिंग ब्लड शुगर और HbA1c टेस्ट करवाना चाहिए ताकि ब्लड शुगर लेवल की मॉनिटरिंग की जा सके.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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