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महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकती हैं ये 5 जड़ी-बूटियां, मां बनने का सपना होगा पूरा!

मां बनने का सुख हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय होता है. कुछ महिलाओं के लिए यह सपना आसानी से पूरा हो जाता है, तो कुछ को थोड़ी देर लग सकती है.

महिलाओं के लिए वरदान साबित हो सकती हैं ये 5 जड़ी-बूटियां, मां बनने का सपना होगा पूरा!
Shivendra Singh|Updated: Apr 17, 2024, 05:07 PM IST
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मां बनने का सुख हर महिला के जीवन का एक महत्वपूर्ण अध्याय होता है. कुछ महिलाओं के लिए यह सपना आसानी से पूरा हो जाता है, तो कुछ को थोड़ी देर लग सकती है. प्रजनन क्षमता यानी फर्टिलिटी को बढ़ाना और हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए महिलाओं का शारीरिक संतुलन बहुत जरूरी होता है.

आयुर्वेद सदियों से महिलाओं के संपूर्ण सेहत का ख्याल रखने के लिए जाना जाता है. इसमें कई जड़ी-बूटियां शामिल हैं, जिनका उपयोग महिला फर्टिलिटी को बढ़ाने और पीरियड्स को नियमित करने में मदद के लिए किया जा सकता है. आइए जानें ऐसी ही 5 प्रमुख जड़ी-बूटीयों के बारे में, जो महिलाओं की फर्टिलिटी के लिए फायदेमंद मानी जाती हैं.

1. अश्वगंधा
अश्वगंधा को एक adaptogenic जड़ी-बूटी के रूप में जाना जाता है, जो शरीर को तनाव से लड़ने में मदद करती है. तनाव प्रजनन क्षमता को कम कर सकता है, इसलिए अश्वगंधा तनाव को कम करके महिलाओं में ओव्यूलेशन को नियमित करने और प्रेग्नेंसी की संभावना बढ़ाने में मदद कर सकती है.

2. शतावरी
शतावरी को महिलाओं के लिए एक रसायन के रूप में जाना जाता है, जिसका मतलब होता है कि यह पोषण प्रदान करता है और सेहत को बढ़ावा देता है. यह हार्मोनल असंतुलन को दूर करने में मदद करती है, जिससे पीरियड्स अनियमित हो सकता है. साथ ही, यह गर्भाशय की सेहत को भी बढ़ावा देती है.

3. मुकुना
मूड को बेहतर बनाने और तनाव को कम करने के लिए जानी जाने वाली मुकुना प्रोजेस्टेरोन के स्तर को बढ़ाने में भी मदद करती है. प्रोजेस्टेरोन गर्भाशय की परत को मोटा करने में मदद करता है, जो प्रग्नेंसी के लिए आवश्यक होता है.

4. विधारा गुग्गुल
यह आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन पीसीओएस (PCOS) जैसी स्थितियों के प्रबंधन में मददगार हो सकता है. पीसीओएस अनियमित पीरियड्स और हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है. विधारा गुग्गुल शरीर में फैट बैलेंस को बनाए रखने और हार्मोनल असंतुलन को दूर करने में मदद करता है.

5. लोहितक
लोहितक का उपयोग आयुर्वेद में ज्यादा ब्लीडिंग को रोकने के लिए किया जाता है. यह पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग को नियमित करने में मदद करता है. साथ ही यह गर्भाशय की सूजन को कम करने में भी मददगार हो सकती है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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