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Baby Bottle Syndrome: बोतल से दूध पिलाने से बच्चों के दांतों में हो सकती है सड़न, ऐसे बरतें सावधानियां

Baby Oral Health: बेबी बॉटल सिंड्रोम, एक ऐसी कंडीशन है जिसमें मीठे लिक्विड्स, जैसे कि दूध, फॉर्मूला, जूस या मीठे पेय, बच्चों के दांतों के खराब होने का कारण बनते हैं. इस खबर में इस कंडीशन से बचने के कई तरीके बताए गए हैं.  

Baby Bottle Syndrome: बोतल से दूध पिलाने से बच्चों के दांतों में हो सकती है सड़न, ऐसे बरतें सावधानियां
Reetika Singh|Updated: Mar 20, 2025, 02:43 PM IST
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World Oral Health Day: आमतौर पर छोटे बच्चों को माताएं बॉटल पकड़ा देती हैं. बच्चें घंटों बॉटल से दूध, जूस, जैसे मीठे लिक्विड्स पीते रहते हैं. खासकर रात में सोते समय बच्चों को बॉटल लेकर सोने दिया जाता है. इससे लिक्विड्स में मौजूद शक्कर घंटों तक दांतों पर रहती है, जो बैक्टीरिया का कारण बन जाता है, इसे ही बेबी बॉटल सिंड्रोम कहा जाता है. इसको लेकर अवेयरनेस फंसाते हुए फोर्टिस हॉस्पिटल के प्रिंसिपल डायरेक्टर और एचओडी-नियोनेटल डिजीज एंड पीडियाट्रिक्स डॉ. राहुल नागपाल ने बच्चों के अच्छे ओरल हेल्थ के लिए कुछ जरूरी कदम बताएं हें, जिन्हें माता-पिता को जरूर फॉलो करना चाहिए.

1. बॉटल में मीठे लिक्विड्स से बचें
अपनी बच्ची को बॉटल के साथ सोने देने से बचें, खासकर अगर उसमें दूध, फॉर्मूला या जूस हो. इन लिक्विड्स में मौजूद शक्कर घंटों तक दांतों पर रहती है, जो बैक्टीरिया को बढ़ावा देती है और कैविटी का कारण बनती है. इसके बजाय, अगर आपके बच्चे को रात में बॉटल की जरूरत होती है, तो उसे नॉर्मल पानी दें.

2. जल्दी कप से खाना शुरू करें
लगभग 6 महीने की उम्र से सिप्पी कप का इस्तेमाल शुरू करें और 12 से 18 महीने के बीच बच्चे को बॉटल से हटा दें. कप से पीने से शक्कर लंबे समय तक मुंह में जमा नहीं रह पाता है और हेल्दी ओरल हैबिट्स डेवलप होती है.

3. रोज बच्चे के दांत और मसूड़े साफ करें
पहले दांत आने से पहले भी, एक साफ, गीले कपड़े से अपने बच्चे के मसूड़ों को पोंछें. जब दांत आ जाएं, तो दिन में दो बार नरम टूथब्रश के साथ बच्चों के लिए इस्तेमाल होने वाले टूथपेस्ट से ब्रश करें.

4. हेल्दी ईटिंग हैबिट्स
बच्चे में बैलेंस्ड डाइट की आदत डालें, जिससे मीठे स्नैक्स और लिक्विड्स कंट्रोल हो. जूस की जगह पानी या दूध दें और फलों के जूस के बजाय पूरे फल दें. 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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