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ब्रेस्ट मिल्क प्रोटीन से इस कैंसर के इलाज की जगी उम्मीद, 2 और परेशानियां भी हो सकती हैं दूर

भारत समेत दुनियाभर में कैंसर काफी लोगों की जिंदगी उथल-पुथल कर रहा है, इनमें से एक है ब्लैडर कैंसर. हालांकि अब ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद प्रोटीन के जरिए इसके ट्रीटमेंट की उम्मीदें जगी हैं. 

ब्रेस्ट मिल्क प्रोटीन से इस कैंसर के इलाज की जगी उम्मीद, 2 और परेशानियां भी हो सकती हैं दूर
Shariqul Hoda|Updated: Feb 27, 2025, 08:29 AM IST
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Breast Milk Proteins For Bladder Cancer: मां का दूध बच्चे की सेहत के लिए हेल्दी माना जाता रहा है, हालांकि अब इस दूध का इस्तेमाल कई बीमारियों के इलाज के लिए भी होने लगा है, जिससे कमर्शियल यूज बढ़ रहा है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक ब्रेस्ट मिल्क में मौजूद प्रोटीन के सिंथेटिक वर्जन का इस्तेमाल करके कैंसर के क्लिनिक ट्रायल में प्रॉमिसिंग रिजल्ट दिखाए गए हैं. महिलाओं के स्तन के दूध में अल्फा-लैक्टलबुमिन (alpha-lactalbumin) से प्राप्त दवा, अल्फा1एच (Alpha1H) ने शुरुआती स्टेज के ब्लैडर कैंसर के 88% मामलों में तेजी से ट्यूमर-सेल की डेथ दिखाई है.

ट्यूमर में आई कमी
स्वीडिश प्रोफेसर कैथरीना स्वानबोर्ग (Catharina Svanborg) की लीडरशिप में हैमलेट बायोफार्मा (Hamlet BioPharma) द्वारा विकसित, ये खोज 1995 की है. इसके ज्यादा खुराक में दिए जाने पर, दवा ने एडिशनल साइड इफेक्ट्ल के बिना अपनी इफेक्टिवनेस को तकरीबन दोगुना कर दिया. ट्यूमर रिस्पॉन्स रेट 27% से बढ़कर 44% हो गई, और कम खुराक में 30% की तुलना में हाई डोज में एवरेज ट्यूमर साइज में 59% की कमी आई.

ब्लैडर कैंसर कितना खतरनाक?
ब्लैडर कैंसर, जो 2022 में वर्ल्ड लेवल पर 6,10,000 से ज्यादा लोगों को प्रभावित करता है, इसका कोई इलाज नहीं है और रिकरेंस रेट हाई है. पारंपरिक उपचारों के उलट, ये ट्रीटमेंट हेल्दी टिशू को नुकसान पहुंचाए बिना कैंसर सेल्स को मारता है, और इसके कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं. दवा बचे हुए ट्यूमर टिशू को बदल देती है, जिससे वो हेल्दी सेल्स के जैसे दिखते हैं.

ब्लैडर कैंसर पेशेंट को जगी उम्मीद
हैमलेट बायोफार्मा को यूएस एफडीए (US FDA) से फेज III परीक्षणों के साथ आगे बढ़ने के लिए फास्ट-ट्रैक स्टेटस हासिल हुआ है. अगर कामयाब होता है, तो ये दवा शुरुआती स्टेज के ब्लैडर कैंसर के मरीजों के लिए सर्जरी और कीमोथेरेपी का एक सुरक्षित, ज्यादा असरदार ऑप्शन प्रोवाइड कर सकती है.

एक बेहतरीन ऑप्शन
कैंसर से परे, कैथरीना स्वानबोर्ग का रिसर्च इम्यून सिस्टम के मॉड्यूलेशन तक फैला हुआ है. एक जर्मन स्टडी में, एक्यूट सिस्टिटिस वाले 20 मरीजों का एंटीबायोटिक दवाओं के बजाय एनाकिनरा (Anakinra), ब्रेस्ट मिल्क से हासिल एक दवा के साथ इलाज किया गया. रिजल्ट एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट के जैसे थे, जिसमें रिकरेंस रेट कम था, जो एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट से निपटने के लिए एक संभावित विकल्प प्रदान करता है.

3 प्रॉब्लम्स हो सकती हैं दूर
स्वानबोर्ग के काम ने 3 कामयाब क्लिनिकल ट्रायल को जन्म दिया है, जो ब्लैडर कैंसर, बैक्टीरियल इंफेक्शन और मूत्राशय के दर्द के इलाज में क्षमता दिखाते हैं. ये खोजें भविष्य में कैंसर और इम्यून सिस्टम के इलाज में क्रांति ला सकती हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है.  Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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