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कैंसर से जंग जीतकर भी पूरा होगा पेरेंट बनने का सपना, जानें प्रिसीजन मेडिसिन की ताकत

कैंसर से लड़ाई जीतने वाले मरीजों के लिए अब खुशखबरी है. मॉडर्न मेडिकल साइंस में आई क्रांति ने यह साबित कर दिया है कि कैंसर के इलाज के बाद भी माता-पिता बनने का सपना साकार किया जा सकता है.

कैंसर से जंग जीतकर भी पूरा होगा पेरेंट बनने का सपना, जानें प्रिसीजन मेडिसिन की ताकत
Shivendra Singh|Updated: Feb 04, 2025, 01:46 PM IST
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कैंसर से लड़ाई जीतने वाले मरीजों के लिए अब खुशखबरी है. मॉडर्न मेडिकल साइंस में आई क्रांति ने यह साबित कर दिया है कि कैंसर के इलाज के बाद भी माता-पिता बनने का सपना साकार किया जा सकता है. प्रिसीजन मेडिसिन (Precision Medicine) ने कैंसर उपचार के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है. यह तकनीक मरीज की जेनेटिक प्रोफाइल, लाइफस्टाइल और ट्यूमर के विश्लेषण के आधार पर पर्सनल इलाज प्रदान करती है, जिससे कैंसर के इलाज के दौरान फर्टिलिटी को सुरक्षित रखा जा सकता है.

नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में प्रसूति एवं स्त्री रोग कि डायरेक्टर और एचओडी डॉ. अंजना सिंह बताती हैं कि प्रिसीजन मेडिसिन का टारगेट सही समय पर, सही मरीज को, सही इलाज और सही डोज देना होता है. यह ‘वन-साइज-फिट्स-ऑल’ वाले कैंसर उपचार के पुराने तरीके को पीछे छोड़कर मरीजों के डीएनए, प्रोटीन और सेलुलर लेवल पर ट्यूमर की विशेषताओं का गहराई से अध्ययन करती है. इसके तहत जीन थेरेपी, टार्गेटेड थेरेपी, ट्यूमर मार्कर टेस्टिंग और एडवांस्ड रेडिएशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे कैंसर पर असर डालने वाले खास जीन और प्रोटीन को टार्गेट किया जाता है.

कैंसर और फर्टिलिटी पर इसका प्रभाव
कैंसर का इलाज, खासकर कीमोथेरेपी और रेडिएशन, पुरुषों और महिलाओं की फर्टिलिटी को गंभीर रूप से प्रभावित करता है. महिलाओं में अंडाणु (Oocytes) सबसे सेंसिटिव सेल्स होती हैं, जो रेडिएशन के संपर्क में आने से नष्ट हो सकती हैं. एक अध्ययन के अनुसार, 20 से 30 Gy रेडिएशन का एक्सपोजर 90% तक मरीजों में अंडाशय की काम करने की क्षमता खत्म कर सकता है. इसी तरह, कीमोथेरेपी में इस्तेमाल होने वाले कुछ ड्रग्स (जैसे साइक्लोफॉस्फेमाइड और बुसुल्फान) स्पर्म और एग सेल्स को नष्ट कर सकते हैं.

फर्टिलिटी सुरक्षित रखने में कैसे मदद करता है प्रिसीजन मेडिसिन?
* जेनेटिक टेस्टिंग: मरीज के डीएनए और ट्यूमर की विशेषताओं का विश्लेषण कर यह पता लगाया जाता है कि किस प्रकार की थेरेपी दी जानी चाहिए, जिससे कम से कम नुकसान हो.
* टार्गेटेड थेरेपी: विशेष जीन और प्रोटीन को टार्गेट करने वाली दवाएं, जो फर्टिलिटी को सुरक्षित रखते हुए कैंसर कोशिकाओं को खत्म करती हैं.
* जीन थेरेपी: प्रभावित जीन को रिप्लेस या मॉडिफाई कर कैंसर से लड़ने और फर्टिलिटी बचाने में मदद करता है.
*  एडवांस्ड रेडिएशन तकनीक: प्रोटॉन थेरेपी और MR-Linac जैसी नई तकनीकों का उपयोग कर रेडिएशन को सीधे कैंसर सेल्स तक सीमित किया जाता है, जिससे प्रजनन तंत्र को कम नुकसान पहुंचे.

फर्टिलिटी प्रिजर्वेशन के ऑप्शन
आज कैंसर के मरीजों के लिए फर्टिलिटी बचाने के कई ऑप्शन उपलब्ध हैं, जैसे कि स्पर्म, एग और एंब्रियो बैंकिंग. हालांकि, महिलाओं के लिए ओवेरियन टिशू क्रायोप्रिजर्वेशन अभी भी एक प्रायोगिक प्रक्रिया है, लेकिन इसके सफल परिणाम मिल रहे हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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