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मौत का खतरा 50% तक बढ़ा सकती है ये आम समस्या, एक्सपर्ट से जानें बचाव के उपाय!

रिसर्च में यह भी पाया गया कि MASLD वाले मरीजों में दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण मरने का खतरा 54% ज्यादा होता है. यानी भले ही आपको फैटी लिवर के कोई लक्षण महसूस न हों, लेकिन आपका दिल गंभीर खतरे में हो सकता है.

मौत का खतरा 50% तक बढ़ा सकती है ये आम समस्या, एक्सपर्ट से जानें बचाव के उपाय!
Shivendra Singh|Updated: Mar 25, 2025, 06:01 PM IST
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आज के समय में गलत खानपान, मोटापा और सुस्त लाइफस्टाइल के चलते फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है. यह बीमारी जितनी आम लगती है, उतनी ही घातक भी हो सकती है. हाल ही में करोलिंस्का इंस्टिट्यूट की रिसर्च में सामने आया है कि मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टियाटोटिक लिवर डिजीज (MASLD) यानी फैटी लिवर से जूझ रहे लोगों में सामान्य लोगों की तुलना में मौत का खतरा लगभग 50% अधिक होता है. यह बीमारी न केवल लिवर को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि दिल की बीमारियों, कैंसर और डायबिटीज जैसी घातक समस्याओं का खतरा भी बढ़ा देती है.

रिसर्च में यह भी पाया गया कि MASLD वाले मरीजों में दिल से जुड़ी बीमारियों के कारण मरने का खतरा 54% ज्यादा होता है. यानी भले ही आपको फैटी लिवर के कोई लक्षण महसूस न हों, लेकिन आपका दिल गंभीर खतरे में हो सकता है. इसके अलावा, फैटी लिवर की वजह से लिवर कैंसर, किडनी फेल्योर और श्वसन संक्रमण जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.

क्या है फैटी लिवर और इसके खतरे?
फैटी लिवर तब होता है, जब लिवर में फैट की मात्रा ज्यादा हो जाती है. इससे लिवर में सूजन आ जाती है, जिससे इंसुलिन रेजिस्टेंस और क्रोनिक इंफ्लेमेशन बढ़ने लगता है. यही स्थिति आगे चलकर हार्ट डिजीज, कैंसर और डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों को जन्म देती है. शोध के मुताबिक, MASLD वाले मरीजों में लिवर कैंसर से मरने का खतरा 35 गुना अधिक होता है, जबकि लिवर सिरोसिस से मरने की संभावना 27 गुना ज्यादा होती है. इसके अलावा, फैटी लिवर वाले लोगों में किडनी फेल्योर, फेफड़ों के संक्रमण और कमजोर इम्यूनिटी का खतरा भी बढ़ जाता है. ये सभी समस्याएं मरीज की मृत्यु दर को तेजी से बढ़ा सकती हैं.

कैसे करें बचाव?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, फैटी लिवर से बचाव का सबसे कारगर तरीका हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना है. इसके लिए:
वजन कंट्रोल करें: मोटापा फैटी लिवर का मुख्य कारण है, इसलिए वजन पर कंट्रोल रखें.
हेल्दी डाइट लें: प्रोसेस्ड फूड, तले-भुने और शुगर से भरपूर भोजन से बचें. फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हेल्दी फैट का सेवन करें.
व्यायाम करें: नियमित रूप से कम से कम 30-45 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें.
शराब से बचें: एल्कोहल लिवर को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. इसे पूरी तरह छोड़ना ही बेहतर है.
रूटीन चेकअप कराएं: समय-समय पर लिवर फंक्शन टेस्ट और ब्लड प्रेशर की जांच करवाते रहें.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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