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बारिश का मजा कहीं बना न ले अस्पताल का रास्ता! ये 5 आम बीमारियां ले सकती हैं खतरनाक रूप

बरसात का मौसम अपने साथ सुकून और ठंडक जरूर लाता है, लेकिन इसके साथ ही कई बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं. पानी से भरी गलियां, गीले कपड़े, कीचड़ और बढ़ती नमी बीमारियों को पनपने का मौका देती हैं.

बारिश का मजा कहीं बना न ले अस्पताल का रास्ता! ये 5 आम बीमारियां ले सकती हैं खतरनाक रूप
Shivendra Singh|Updated: Jun 20, 2025, 09:30 AM IST
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बरसात का मौसम अपने साथ सुकून और ठंडक जरूर लाता है, लेकिन इसके साथ ही कई बीमारियां भी दस्तक देने लगती हैं. पानी से भरी गलियां, गीले कपड़े, कीचड़ और बढ़ती नमी बीमारियों को पनपने का मौका देती हैं. खासकर जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उनके लिए यह मौसम खतरे की घंटी बजा सकता है.

यहां हम आपको ऐसी 5 आम बीमारियों के बारे में बता रहे हैं जो मानसून के दौरान तेजी से फैलती हैं और अगर समय रहते इनका इलाज न हो तो ये गंभीर रूप ले सकती हैं.

1. डेंगू और मलेरिया
बरसात के दौरान सबसे आम और खतरनाक बीमारियों में डेंगू और मलेरिया शामिल हैं. पानी के जमाव से मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ती है, जिससे ये बीमारियां फैलती हैं. तेज बुखार, बदन दर्द, सिरदर्द और प्लेटलेट्स की गिरावट इसके प्रमुख लक्षण हैं. समय पर इलाज न मिलने पर ये जानलेवा भी हो सकती हैं. मच्छरों से बचाव के लिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें और आसपास पानी जमा न होने दें.

2. टायफाइड
मानसून में दूषित पानी और खानपान की वजह से टायफाइड तेजी से फैलता है. यह सलमोनेला टायफी नामक बैक्टीरिया से होता है. लगातार बुखार, कमजोरी, पेट दर्द, दस्त या कब्ज इसके सामान्य लक्षण हैं. उपचार न मिलने पर यह इंटेस्टाइन को नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए साफ पानी पीना और बाहर के खाने से परहेज करना बेहद जरूरी है.

3. लेप्टोस्पायरोसिस
यह बीमारी एक खास प्रकार के बैक्टीरिया से होती है, जो गंदे पानी में पनपते हैं और त्वचा के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं. गंदे पानी में चलना या नंगे पैर घूमना इसका कारण बन सकता है. इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और आंखों में लालिमा शामिल हैं. गंभीर मामलों में यह किडनी और लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है.

4. फंगल इन्फेक्शन
नमी और पसीना मानसून में फंगल इन्फेक्शन का सबसे बड़ा कारण होते हैं. यह आमतौर पर त्वचा की सिलवटों, पैर की उंगलियों और अंडरआर्म्स में होता है. खुजली, लाल चकत्ते और जलन इसके लक्षण हैं. इस मौसम में शरीर को सूखा और साफ रखना बेहद जरूरी है.

5. वायरल फीवर और सर्दी-खांसी
मौसम में बार-बार बदलाव और भीगने के कारण सामान्य वायरल संक्रमण भी तेज़ी से फैलते हैं. नाक बहना, गले में खराश, बुखार और थकान इसके सामान्य लक्षण हैं. यह आम तो है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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