कहते हैं आंखें आत्मा का आईना होती हैं, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो आंखें आपके शरीर की सेहत का भी आईना बन सकती हैं. कई बार जब शरीर में गंभीर बीमारियां पनप रही होती हैं, तब सबसे पहले उनके लक्षण आंखों में नजर आने लगते हैं. हाल ही में एक रिपोर्ट में बताया गया है कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर और हार्ट डिजीज जैसी जानलेवा बीमारियों के शुरुआती संकेत आंखों के जरिए देखे जा सकते हैं.
डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की कई बड़ी बीमारियां केवल आंखों की जांच से ही समय रहते पकड़ में आ सकती हैं. इसके लिए जरूरी नहीं है कि आपकी नजर कमजोर हो रही हो या कोई स्पष्ट समस्या हो, बल्कि आंखों की नियमित जांच से उन संकेतों का पता लगाया जा सकता है, जो बाद में गंभीर बीमारियों का रूप ले सकते हैं.
डॉ. राज दासगुप्ता के मुताबिक, “आंखों में बेहद बारीक ब्लड वेसल्स, नर्व्स और टिशूज होते हैं, जो शरीर में हो रहे बदलावों के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होती हैं. यही कारण है कि कई बार शरीर की बीमारियों के शुरुआती संकेत सबसे पहले आंखों में दिखाई देते हैं.
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर की चेतावनी
डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर दोनों ही बीमारियां आंखों की नसों को नुकसान पहुंचा सकती हैं. जब ब्लड शुगर लगातार बढ़ा रहता है, तो यह आंखों के ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी नाम की स्थिति पैदा होती है. यह लोगों में अंधेपन की सबसे बड़ी वजह बन चुकी है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, यह समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब आंखों में खून के धब्बे या सफेद भाग पर लाल धब्बे नजर आने लगते हैं. इसी तरह हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी आंखों की नसें सिकुड़ने या कमजोर हो सकती हैं, जिससे उनमें रिसाव होने लगता है.
आंखों में दिख सकते हैं कैंसर के संकेत
आंखों के भीतर दिखने वाले काले धब्बे या पुतली के आकार में बदलाव, अक्सर आंखों के कैंसर (Ocular Melanoma) के संकेत हो सकते हैं. यह कैंसर आंख के बीच के हिस्से में होता है, जिसे यूविया (Uvea) कहा जाता है. यहां मेलानोसाइट्स नामक सेल्स होती हैं, जो मेलानिन बनाती हैं. इन सेल्स में असामान्यता से कैंसर विकसित हो सकता है.
कैंसर के शुरुआती लक्षण
डॉ. दासगुप्ता के अनुसार, इस तरह का कैंसर आमतौर पर बिना लक्षणों के शुरू होता है, लेकिन आंखों की नियमित जांच के दौरान एक "डार्क स्पॉट" या ग्रोथ के रूप में इसका पता लगाया जा सकता है. इसके लक्षणों में अचानक दृष्टि धुंधली होना, रोशनी की चमकें दिखना या साइड विजन का कम होना शामिल हो सकते हैं.
बच्चों में भी हो सकता है खतरनाक कैंसर
रेटिनोब्लास्टोमा नामक एक दुर्लभ कैंसर बच्चों की आंखों में होता है, जो आमतौर पर जन्मजात जीन म्यूटेशन के कारण होता है. इस कैंसर की पहचान अक्सर एक साधारण तस्वीर से हो जाती है, जिसमें बच्चे की आंखों में फ्लैश के दौरान सफेद चमक नजर आती है.
आर्थराइटिस के लक्षण
रुमेटाइड आर्थराइटिस, जो जोड़ों की सूजन की बीमारी है, उसका असर भी आंखों पर पड़ता है. इससे आंखें लाल, सूजी हुई और जलन वाली हो सकती हैं. लंबे समय तक सूजन बने रहने पर यह आंखों के दबाव को भी बढ़ा सकता है, जिससे ग्लूकोमा जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है.
इन लक्षणों को इग्नोर न करें
* अंधेरे में देखने में असामान्यता
* पास या दूर की चीजों पर फोकस करने में परेशानी
* ज्यादा रोशनी या ग्लेयर से आंखों का चुभना
* डबल विजन या दोहरी छवि दिखना
* आंखों में बार-बार पानी आना
* आंखों के चारों ओर दर्द या जलन
डॉक्टरों की सलाह
अमेरिकन ऑप्टोमेट्रिक एसोसिएशन की अध्यक्ष डॉ. जैकलीन बोवेन के अनुसार, हम आंखों की जांच के जरिए करीब 270 बीमारियों की पहचान कर सकते हैं, जिनका आंखों से सीधा संबंध नहीं होता. उन्होंने बताया कि अकेले साल 2019 में ही अमेरिका में करीब 4.3 लाख लोगों की डायबिटीज पहली बार उनकी आंखों की जांच से पकड़ी गई.
कितनी बार कराएं आंखों की जांच?
विशेषज्ञों की सलाह है कि यदि आप पूरी तरह हेल्दी हैं, तब भी हर 2–3 साल में एक बार आंखों की जांच जरूर कराएं. लेकिन अगर आप डायबिटीज, ब्लड प्रेशर या हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं, तो हर साल आंखों की जांच कराना बेहद जरूरी है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.