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कैंसर समेत इन 5 बीमारियों का रिस्क बढ़ा सकता है विटामिन डी का ओवरडोज, आप न करें ऐसी गलती

भारत में काफी लोग ऐसे हैं जिनमें विटामिन डी की कमी है, लेकिन कभी सोचा है कि क्या होगा अगर किसी की बॉडी में इस न्यूट्रिएंट का ओवरडोज हो जाए? 

कैंसर समेत इन 5 बीमारियों का रिस्क बढ़ा सकता है विटामिन डी का ओवरडोज, आप न करें ऐसी गलती
Shariqul Hoda|Updated: Jun 03, 2025, 10:28 AM IST
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Vitamin D Toxicity: विटामिन डी को 'सनसाइन विटामिन' भी कहा जाता है, क्योंकि ये धूप के जरिए हासिल होता है. ये हड्डियों की मजबूती, इम्यूनिटी और मूड रेगुलेशन के लिए जरूरी है, लेकिन इसका हद से ज्यादा इनटेक टॉक्सिसिटी की वजह बन सकता है, जिसे हाइपरविटामिनोसिस डी (Hypervitaminosis D) के नाम से जाना जाता है. ये कंडीनश कई तरह से हमारे हेल्थ को अफेक्ट करती है, जिसमें एक जानलेवा बीमारी का खतरा भी शामिल है. आइए जानते हैं कि अगर आपकी बॉडी में हद से ज्यादा विटामिन डी जमा हो जाए तो सेहत पर इसका कैसा असर पड़ेगा.

विटामिन डी ज्यादा हो जाए तो क्या होगा?

1. हाइपरकैल्सीमिया (Hypercalcemia)
विटामिन डी की हद से ज्यादा मात्रा हाइपरकैल्सीमिया का कारण बनती है, जहां खून में कैल्शियम का लेवल खतरनाक रूप से बढ़ जाता है. ये आंतों में कैल्शियम के बढ़े हुए एब्जॉर्ब्शन के कारण होता है. इसके लक्षणों में मतली, उल्टी, थकान और कंफ्यूजन शामिल हैं. 

2. किडनी डैमेज (Kidney Damage)
कैल्शियम का हाई लेवल किडनी स्टोन या क्रोनिक किडनी डैमेज का कारण बन सकता है. गुर्दे में कैल्शियम जमा होने से उनके फंक्शन पर असर पड़ता है, जिससे दर्द या गुर्दे फेल होने की संभावना हो सकती है. लंबे टाइम तक टॉक्सिसिटी के कारण परमानेंट डैमेज को रोकने के लिए मेडिकल इंटरवेंशन की जरूरत पड़ सकती है.

3. दिल से जुड़ी परेशानियां (Cardiovascular Issues)
विटामिन डी बढ़ने की वजह से कैल्शियम का हाई लेवल नसों और दिल के टिशू में जमा होने लगता है, जिसे हार्ट रिदम में एब्नार्मेलिटीज वेस्कुलर कैल्सिफिकेशन का रिस्क बढ़ जाता है
विटामिन डी टॉक्सिटिटी पर की गई स्टडीज से पता चला है कि ये हार्ट डिजी की संभावना को बढ़ा सकता है, खासकर उन लोगों में जिन्हें पहले से कोई बीमारी है.

4. डाइजेस्टिव और न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लमस (Digestive and Neurological Problems)
ज्यादा क्वांटिटी में विटामिन डी के इनटेक से पेट दर्द, कब्ज या दस्त जैसी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल प्रॉब्लम्स हो सकती हैं. न्यूरोलजिकल तौर से, कैल्शियम का हाई लेवल चिड़चिड़ापन, कंफ्यूजन, या, गंभीर मामलों में, दौरे (Seizures) का कारण बन सकता है, क्योंकि वो नर्व सिग्नलिंग को डिस्टर्ब करते हैं. ये लक्षण क्वालिटी ऑफ लाइफ को काफी अफेक्ट कर सकते हैं.

5. कैंसर का रिस्क (Cancer Risk)
जबकि विटामिन डी का ऑप्टिमम लेवल कुछ कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है, लेकिन हद से ज्यादा मात्रा पैंक्रियाटिक या प्रोस्टेट जैसे कैंसर में ट्यूमर के विकास को बढ़ावा दे सकती है. 2020 के एक स्टडी ने सुझाव दिया कि विटामिन डी का हाई लेवल सेलुलर रेगुलेशन को डिस्टर्ब कर सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, हालांकि इसको लेकर और ज्यादा रिसर्च की जरूरत है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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