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किस उम्र के लिए कितना न्यूट्रीएंट्स जरूरी? सरकार खुद बताएगी आपको, 2047 तक हेल्दी इंडिया का टारगेट

लैंसेट स्टडी बताती है कि साल 2050 तक भारत की बड़ी आबादी मोटापे का शिकार होगी, वहीं केंद्र सरकार चाहती है कि देश 2047 तक हेल्दी इंडिया के लक्ष्य को हासिल करे, इसके लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं. 

किस उम्र के लिए कितना न्यूट्रीएंट्स जरूरी? सरकार खुद बताएगी आपको, 2047 तक हेल्दी इंडिया का टारगेट
Shariqul Hoda|Updated: Jun 23, 2025, 10:23 AM IST
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Nutrient Guidelines: हर उम्र के हिसाब से पोषक तत्वों की जरूरत अलग-अलग होती है, अगर इसमें बैलेंस बिगड़ा है, तो इसका असर सेहत पड़ पड़ सकता है. ईटी की खबर के मुताबिक सरकार जल्द ही सभी एज ग्रुप्स के लिए न्यूट्रीएंट्स गाइडलाइंस जारी करेगी, जिसमें छोटे बच्चों, टीन एजर्स, एडल्च और बुजुर्गों के लिए प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन की मिनिमम रिक्वायरमेंट्स को बताएगी.

उम्र के हिसाब से न्यूट्रीशन
एज बेस्ड लाइफ साइकिल न्यूट्रीशन स्ट्रैटेजी अलग-अलग एज ग्रुप्स के लोगों को अनहेल्दी फूड आइटम्स की मार्केटिंग और एडरवरटाइजिंग को डिसकरेज करने और हेल्दी फूड्स को प्रमोट करने के लिए टारगेटेड इंटरवेंशन को भी प्रपोज कर सकती है.

'2047 तक हेल्दी इंडिया' का लक्ष्य
एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने ईटी को बताया कि इस कदम का मकसद कुपोषण, ज्यादा वजन और मोटापे की परेशानियों को दूर करना है, जो अच्छी सेहत और वेल बीइंग से जुड़ा भारत के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गो 3 को हासिल करने और '2047 तक हेल्दी इंडिया' (Healthy India by 2047) बनाने की दिशा में एक अहम कदम है.

ओवरवेट किसे कहते हैं?
भारत में, 23 और 24.9 kg/m² के बॉडी मास इंडेक्स को ओवरवेट माना जाता है, जबकि 25 kg/m² या उससे ज्यादा के बीएमआई को मोटापे के तौर पर क्लासिफाई किया जाता है,

"एक महीने में पेश होगी रिपोर्ट"
एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार के बड़े थिंक टैंक, नीति आयोग (NITI Aayog) ने एक साल से ज्यादा वक्त तक एक्सटेंसिव स्टेकहोल्डर कंसल्टेशन के बाद एज वाइज न्यूट्रीशन स्ट्रैटेजी को अंतिम रूप दे दिया है और एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करने की उम्मीद है.

 

नेशनल न्यूट्रीशन स्ट्रैटिजी कब आएगी?
इंडिविजुअल लेवल की रिपोर्ट, जो नेचर में एडवाइजरी होगी, उसके बाद अगले एक साल में कम्यूनिटी-वाइज और एक नेशनल न्यूट्रीशन स्ट्रैटिजी आएगी. अलग-अलग एज ग्रुप्स के बीच भोजन के सेवन और कुपोषण और मोटापे को कम करने पर इसके असर की जांच के लिए एक रिजल्ट बेस्ड मॉनिटरिंग और एकाउंटेबिलिटी फ्रेमवर्क भी स्थापित किया जाएगा.

पीएम मोदी ने उठाया था मुद्दा
पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने इस साल की शुरुआत में भारत में मोटापे के मुद्दे को उठाया था, इसे कई बीमारियों का मूल कारण बताते हुए, और लोगों से इस क्रोनिक हेल्थ कंडीशन से लड़ने के लिए खाद्य तेल की खपत में 10% की कमी करने और रेगुलर फिजिकल एक्सरसाइज करने की गुजारिश की थी. एक लैंसेट स्टडी ने अनुमान लगाया है कि 2050 तक भारत की एक तिहाई आबादी या 449 मिलियन (44.9 करोड़) लोग मोटपे के शिकार होंगे.

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