वैज्ञानिकों ने एक नई और चिंताजनक खोज में पाया है कि गायों के दूध में मौजूद बर्ड फ्लू (H5N1) वायरस पर अक्सर इस्तेमाल की जाने वाली एंटीवायरल दवाएं कारगर नहीं हो रही हैं. यह वायरस न सिर्फ दूध में मिला है, बल्कि इससे जुड़े डेयरी वर्कर्स में संक्रमण के मामले भी सामने आ रहे हैं.
अमेरिका में बर्ड फ्लू वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और वैज्ञानिक इस वायरस के मानव सेहत पर प्रभाव का अध्ययन कर रहे हैं. हाल ही में सेंट जूड चिल्ड्रन रिसर्च हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने चूहों पर किए गए एक अध्ययन में पाया कि फ्लू के लिए एफडीए द्वारा स्वीकृत दो प्रमुख एंटीवायरल दवाएं इस वायरस के खिलाफ प्रभावी नहीं हैं. इस शोध के नतीजे 'नेचर माइक्रोबायोलॉजी' जर्नल में पब्लिश हुए हैं.
बर्ड फ्लू वायरस के नए खतरे
शोधकर्ताओं का कहना है कि गायों के कच्चे दूध में बर्ड फ्लू वायरस पाया गया है, जो डेयरी का काम करने वाले लोगों में संक्रमण का प्रमुख कारण बन रहा है. दूध में मौजूद वायरस के संपर्क में आने पर वर्कर्स की आंख, नाक और मुंह के जरिए संक्रमण हो रहा है. वैज्ञानिकों का कहना है कि कच्चा दूध पीना या इसका संपर्क वायरस का खतरा बढ़ा सकता है.
एंटीवायरल दवाओं का नहीं हो रहा असर
रिसर्च में पाया गया कि जिन चूहों को बर्ड फ्लू वायरस से संक्रमित किया गया था, उन पर तमिफ्लू (Oseltamivir) और जॉफ्लूजा (Baloxavir) नामक एंटीवायरल दवाएं ज्यादा असरदार नहीं रहीं. शोधकर्ताओं के मुताबिक, जॉफ्लूजा ने वायरस को कंट्रोल करने में थोड़ा बेहतर काम किया, लेकिन फिर भी यह हर स्थिति में प्रभावी नहीं रही.
संक्रमण का रास्ता भी प्रभावित
वैज्ञानिकों ने बताया कि वायरस के शरीर में पहुंचने का तरीका भी इलाज की प्रभावशीलता को प्रभावित करता है. मुंह के जरिए संक्रमण (कच्चा दूध पीने) से सबसे गंभीर संक्रमण हुआ, जिसे कंट्रोल करना बेहद कठिन था. वहीं, आंख के जरिए संक्रमण में जॉफ्लूजा अधिक प्रभावी साबित हुई.
कच्चे दूध से बचें
मुख्य शोधकर्ता रिचर्ड वेबी ने चेतावनी दी कि बर्ड फ्लू का इलाज करना मुश्किल हो सकता है, खासकर जब संक्रमण गंभीर हो जाए. उन्होंने कहा कि संक्रमण का खतरा कम करने के लिए कच्चे दूध का सेवन न करना और डेयरी वर्कर्स को संक्रमण से बचाने के लिए सुरक्षात्मक उपाय अपनाना सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.