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चमत्कारी खोज: 1 घंटे में कैंसर सेल्स को नष्ट कर सकता है मधुमक्खी का जहर, मरीजों को बड़ी राहत

कैंसर की पहचान शुरुआती चरण में नहीं हो पाती और जब तक इसका पता चलता है, तब तक इसका प्रसार इतना बढ़ चुका होता है कि इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है.

चमत्कारी खोज: 1 घंटे में कैंसर सेल्स को नष्ट कर सकता है मधुमक्खी का जहर, मरीजों को बड़ी राहत
Shivendra Singh|Updated: Sep 20, 2024, 05:15 PM IST
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कैंसर जैसी घातक बीमारी हर साल लाखों लोगों की जान ले रही है. इस बीमारी की पहचान शुरुआती चरण में नहीं हो पाती और जब तक इसका पता चलता है, तब तक कैंसर का प्रसार इतना बढ़ चुका होता है कि इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है. हालांकि, कैंसर पर काबू पाने के लिए दुनिया भर में विभिन्न शोध और अध्ययन किए जा रहे हैं. हाल ही में एक महत्वपूर्ण शोध में यह सामने आया है कि मधुमक्खी का जहर कैंसर सेल्स को नष्ट कर सकता है.

यह शोध 2020 में हैरी पर्किन्स इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था. इस अध्ययन के अनुसार, मधुमक्खी के जहर में मौजूद तत्व मेलिटिन (Melittin) तेजी से ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर और HER2-इनरिच ब्रेस्ट कैंसर सेल्स को नष्ट कर सकता है. यह अध्ययन प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय पत्रिका NPJ Nature Precision Oncology में प्रकाशित हुआ था.

मधुमक्खी के जहर का कैंसर पर प्रभाव
इस शोध की मुख्य शोधकर्ता डॉ. सियारा डफी ने बताया कि अब तक किसी ने मधुमक्खी के जहर या मेलिटिन के प्रभावों की तुलना विभिन्न प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर और सामान्य सेल्स पर नहीं की थी. हमने इस शोध में मधुमक्खी के जहर को सामान्य ब्रेस्ट सेल्स और ब्रेस्ट कैंसर के विभिन्न उपप्रकारों: हार्मोन रिसेप्टर पॉजिटिव, HER2-इनरिच, और ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर सेल्स पर टेस्ट किया.

मेलिटिन एक छोटा लेकिन अत्यंत शक्तिशाली पेप्टाइड है, जो मधुमक्खी के जहर का लगभग 50% हिस्सा होता है. यह पेप्टाइड कैंसर सेल्स की झिल्ली को नष्ट करने में सक्षम होता है. शोधकर्ताओं ने पाया कि मेलिटिन कैंसर सेल्स के रासायनिक संदेशों को कम कर सकता है, जो कैंसर सेल्स की वृद्धि और विभाजन के लिए आवश्यक होते हैं. यह प्रभाव केवल 20 मिनट में देखा गया, जबकि एक घंटे के भीतर मेलिटिन ने कैंसर सेल्स की झिल्ली को पूरी तरह से नष्ट कर दिया.

मेलिटिन और कीमोथेरेपी का कॉम्बिनेशन
शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि मेलिटिन का उपयोग छोटे मॉलिक्यूलर या कीमोथेरेपी के साथ किया जा सकता है, जैसे कि डोसेटैक्सल (Docetaxel), जो ट्रिपल-निगेटिव ब्रेस्ट कैंसर जैसी आक्रामक प्रकार की कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने में ज्यादा प्रभावी है. मेलिटिन और डोसेटैक्सल के कॉम्बिनेशन से चूहों में कैंसर ट्यूमर की वृद्धि में उल्लेखनीय कमी देखी गई. यह परिणाम बेहद उत्साहजनक हैं और कैंसर के इलाज के लिए एक नई दिशा खोल सकते हैं.

मेलिटिन: एक यूनीक कंपाउंट
मेलिटिन न केवल कैंसर सेल्स को नष्ट करने की क्षमता रखता है, बल्कि यह एक शक्तिशाली एंटी-इन्फ्लेमेटरी, एंटीवायरल और एंटिमाइक्रोबियल गुण भी रखता है. यह कोशिका झिल्ली को बाधित करके काम करता है, जिससे यह वैज्ञानिक अनुसंधान में विशेष रूप से कैंसर उपचार के लिए उपयोगी हो सकता है. हालांकि, इसका उपयोग केवल मेडिकल सुपरविजन में ही किया जाना चाहिए, क्योंकि यह शरीर में दर्द, सूजन और एलर्जी जैसी प्रतिक्रियाओं को भी ट्रिगर कर सकता है.

इस अध्ययन ने कैंसर उपचार के क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई है. मधुमक्खी के जहर में कैंसर सेल्स को नष्ट करने की जो क्षमता पाई गई है, वह भविष्य में कैंसर उपचार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकती है. हालांकि, इसके व्यापक उपयोग के लिए अभी और शोध की आवश्यकता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इसका उपयोग सुरक्षित और प्रभावी है.

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