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हाई शुगर और हाई बीपी दोनों पर एक साथ लगेगी लगाम, अगर रोजाना अपनाएंगे ये 5 आदतें

डायबिटीज और हाइपरटेंशन दोनों ही कंडीशन हमारी सेहत के लिए अच्छे नहीं होते, इसलिए हमें इन पर लगाम लगाने के लिए हर जरूरी कदम को उठाना पड़ेगा. 

हाई शुगर और हाई बीपी दोनों पर एक साथ लगेगी लगाम, अगर रोजाना अपनाएंगे ये 5 आदतें
Shariqul Hoda|Updated: Jun 02, 2025, 09:40 AM IST
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High Blood Sugar and High BP: हाई ब्लड शुगर और हाई ब्लड प्रेशर आजकल कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम बन चुका हैं, जो एक साथ होने पर हार्ट डिजीज, स्ट्रोक और किडनी की बीमारियों का खतरा बढ़ा देती हैं. लेकिन कुछ सरल आदतों को अपनाकर इन दोनों को नियंत्रित किया जा सकता है. आइए जानें ऐसी 5 आदतें, जो रोजाना अपनाने से हाई शुगर और हाई बीपी पर लगाम लगेगी.

1. बैलेंस्ड डाइट
हाई बीपी और शुगर को कंट्रोल करने के लिए कम नमक, कम चीनी और फाइबर बेस्ड डाइट लें. हरी सब्जियां, साबुत अनाज, दालें और फल जैसे सेब, नाशपाती और जामुन खाएं. प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक्स से बचें. नमक की मात्रा कम करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है, और कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फूड आइटम्स ब्लड शुगर को नॉर्मल रखते हैं.

2. रेगुलर एक्सरसाइज
रोजाना 30-40 मिनट का मिड लेवल एक्सरसाइज, जैसे तेज चलना, योग या साइकिलिंग, ब्लड शुगर और बीपी दोनों को कंट्रोल करता है. एक्सरसाइड इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाता है और ब्लड प्रेशर को कम करता है. शुरू करने से पहले डॉक्टर की सलाह लें, खासकर अगर आप पहले से दवाएं ले रहे हैं.

3. स्ट्रेस मैनेजमेंट
स्ट्रेस हाई बीपी और शुगर के लेवल को बढ़ा सकता है. मेडिटेशन, गहरी सांस लेने की तकनीक और योग तनाव को कम करने में मदद करते हैं. रोजाना 10-15 मिनट मेडिटेशन या माइंडफुलनेस प्रैक्टिस करें. प्रोपर स्लीप (7-8 घंटे) भी तनाव को काबू कर ब्लड शुगर और बीपी को स्टेबल रखती है.

4. वजन पर काबू रखना
ज्यादा वजन हाई बीपी और शुगर का बड़ा कारण हो सकता है. हेल्दी वेट मेंटेन रखने के लिए कैलोरी कंट्रोल्ड डाइट और रेगुलर एक्सरसाइज अपनाएं. पेट की चर्बी कम करने पर खास ध्यान दें, क्योंकि ये इंसुलिन रेजिस्टेंस और हाइपरटेंशन को बढ़ाता है. छोटे-छोटे बदलाव, जैसे छोटी प्लेट में खाना, मददगार हो सकते हैं.

5. रेगुलर हेल्थ चेकअप
हाई शुगर और बीपी को काबू करने के लिए रेगुलरली ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की जांच करवाएं. डॉक्टर की सलाह के मुताबिक दवाएं लें और समय-समय पर लिवर, किडनी और हार्ट का चेकअप कराएं. इन परेशानियों को शुरुआती स्टेज में पकड़ने में मदद करता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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