trendingNow12728542
Hindi News >>Health
Advertisement

महिलाओं के लिए वरदान बनेगी ये किट, सर्वाइकल कैंसर की जांच होगी अब और आसान

भारत में महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए स्वदेशी रूप से विकसित 'एचपीवी डायग्नोस्टिक किट' तैयार की है. यह किट ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) की पहचान करेगी.

महिलाओं के लिए वरदान बनेगी ये किट, सर्वाइकल कैंसर की जांच होगी अब और आसान
Shivendra Singh|Updated: Apr 23, 2025, 08:54 PM IST
Share

भारत में महिलाओं के स्वास्थ्य की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए सरकार ने सर्वाइकल कैंसर की जांच के लिए स्वदेशी रूप से विकसित 'एचपीवी डायग्नोस्टिक किट' तैयार की है. यह किट ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) की पहचान करेगी, जो सर्वाइकल कैंसर के 90% मामलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है. इस किफायती और सुलभ जांच तकनीक से अब देश की लाखों महिलाओं को समय पर बीमारी का पता लग सकेगा.

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस किट के सत्यापन से जुड़े निष्कर्ष शेयर करने के लिए आयोजित समीक्षा बैठक में इसकी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यह किट महिलाओं के लिए एक वरदान साबित होगी, खासकर तब जब भारत में हर पांच में से एक महिला सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित पाई जाती है.

युवा महिलाएं ज्यादा पीड़ित
डॉ. जितेंद्र ने बताया कि इस बीमारी के 70% मामले युवा महिलाओं में देखे जाते हैं. अगर समय रहते इसका पता चल जाए, तो इलाज संभव है और जान बचाई जा सकती है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह किट विकसित की है ताकि बड़े पैमाने पर जांच की जा सके और बीमारी को जड़ से खत्म किया जा सके. एचपीवी डायग्नोस्टिक किट को जैव प्रौद्योगिकी विभाग, बाइरैक, एम्स दिल्ली, आईसीएमआर और उद्योग के अन्य साझेदारों ने मिलकर विकसित किया है. यह तुरंत आरटी-पीसीआर तकनीक पर आधारित है, जो सटीक और तेज जांच सुनिश्चित करती है.

25% मौतें भारत में
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर से होने वाली ग्लोबल मौतों में से 25% भारत में होती हैं. इसका मुख्य कारण बीमारी का देर से पता चलना है. ऐसे में यह किट समय पर डायग्नोसिस कर महिलाओं की जान बचाने में अहम भूमिका निभाएगी. डॉ. जितेंद्र ने प्राइवेट सेक्टर से इस मिशन में भागीदारी बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि जांच को बड़े स्तर पर सुलभ बनाने के लिए निजी और सरकारी प्रयासों का समन्वय जरूरी है. यह पहल ना सिर्फ महिलाओं की सेहत को बेहतर बनाएगी, बल्कि भारत को सर्वाइकल कैंसर मुक्त बनाने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगी.

(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)

Read More
{}{}