trendingNow12630048
Hindi News >>Health
Advertisement

अब बदलेगा कैंसर के इलाज का तरीका, आईआईटी मद्रास का ये ऐतिहासिक कदम मरीजों के लिए साबित होगा गेम चेंजर!

कैंसर जैसी घातक बीमारी के इलाज में अब एक नई क्रांति आने वाली है. आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो मरीजों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है.

अब बदलेगा कैंसर के इलाज का तरीका, आईआईटी मद्रास का ये ऐतिहासिक कदम मरीजों के लिए साबित होगा गेम चेंजर!
Shivendra Singh|Updated: Feb 03, 2025, 07:10 PM IST
Share

कैंसर जैसी घातक बीमारी के इलाज में अब एक नई क्रांति आने वाली है. आईआईटी मद्रास के वैज्ञानिकों ने एक ऐसा ऐतिहासिक कदम उठाया है, जो मरीजों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. यह नई तकनीक न केवल इलाज को अधिक प्रभावी बनाएगी, बल्कि इससे मरीजों को कम दर्द और कम खर्च में बेहतर उपचार मिल सकेगा.

आईआईटी मद्रास ने सोमवार को 'भारत कैंसर जीनोम एटलस' शुरू किया, जिससे कैंसर पर शोध को बढ़ावा मिलेगा और इस घातक बीमारी के लिए पर्सनल उपचार विकसित किया जा सकेगा. आईआईटी मद्रास ने 2020 में इस कैंसर जीनोम प्रोग्राम की शुरुआत की थी. इस प्रोग्राम के तहत, देशभर से 480 ब्रेस्ट कैंसर मरीजों के टिशू नमूनों का विश्लेषण किया गया और 960 संपूर्ण एक्सोम टेस्ट पूरा किया गया है.

संस्थान ने इस डाटाबेस को शोधकर्ताओं और डॉक्टरों के लिए सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराया है. आईआईटी मद्रास के डायरेक्टर प्रो. वी. कामकोटी ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस डाटा से कैंसर के कारणों को गहराई से समझने में मदद मिलेगी और शुरुआती लेवल पर रोकथाम के उपाय किए जा सकेंगे.। यह एटलस भारत में विभिन्न प्रकार के कैंसर की जीनोम जानकारी को पूरा करने में मददगार होगा.

इस अध्ययन में आईआईटी मद्रास ने मुंबई स्थित कार्किनोस हेल्थकेयर, चेन्नई ब्रेस्ट क्लिनिक और कैंसर रिसर्च एंड रिलीफ ट्रस्ट, चेन्नई के साथ मिलकर काम किया. इन संस्थानों ने भारतीय स्तन कैंसर के नमूनों से मिले जेनेटिक बदलावों का विश्लेषण कर सारांश तैयार किया.

कैंसर एक गंभीर समस्या
भारत और दुनिया में कैंसर एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनी हुई है. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, इस बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है. राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के अनुसार, भारत में हर 9 में से 1 व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की संभावना है और वर्तमान में 14,61,427 लोग कैंसर से जूझ रहे हैं.

कैंसर मरीजों में 12% की वृद्धि
2022 से हर साल कैंसर के मामलों में 12.8% की वृद्धि हो रही है. हालांकि कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, लेकिन भारत में कैंसर से जुड़े जीनोम अध्ययनों की संख्या अब तक कम रही है. भारत में पाए जाने वाले कैंसर के जीनोमिक डेटा की कमी के कारण, यहां की विशिष्ट जेनेटिक विशेषताओं को सही तरीके से पहचाना और सूचीबद्ध नहीं किया गया है. इससे न तो कैंसर की पहचान करने वाली किट बन पाई हैं और न ही प्रभावी दवाएं विकसित हो सकी हैं.

(इनपुट- न्यूज़ एजेंसी आईएएनएस)

Read More
{}{}