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बस 3 मिनट का ये काम, और हार्ट डिजीज का काम तमाम? जानिए बजुर्ग दिल कैसे रहेगा सेहतमंद

भारत दिल की बीमारियों का अहम सेंटर बनते जा रहा है, खासकर बजुर्ग लोगों को अपने हार्ट हेल्थ का खास ख्याल रखना चाहिए वरना परेशानी बढ़ सकती है

बस 3 मिनट का ये काम, और हार्ट डिजीज का काम तमाम? जानिए बजुर्ग दिल कैसे रहेगा सेहतमंद
Shariqul Hoda|Updated: Apr 26, 2025, 01:47 PM IST
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Heart Health: दिल की सेहत को बेहतर बनाए रखने के लिए भला हम क्या नहीं करते. एक स्टडी के मुताबिक रोजाना सिर्फ 3 मिनट की मिड लेवल की एक्टिविटी भी ओल्डर एडल्ट्स में बेहतर हार्ट हेल्थ को बढ़ावा देने के लिए काफी हो सकती है. पिछले अध्ययनों से पता चला है कि जैसे-जैसे लोगों की उम्र बढ़ती है, कई लोग फिजिकल एक्टिविटीज में शामिल नहीं होते हैं, जिससे दिल से जुड़ी परेशानियों को एक्सपीरिएंस करने की उनकी संभावना बढ़ जाती है.

छोटी सी कोशिश
नए स्टडी में, यूके और ऑस्ट्रेलिया के रिसर्चर्स ने पाया कि घर के काम करना या किराने का सामान खरीदना जिसे इंसिडेंटल एक्टिविटीज कहा जाता है, वो भी सेहत को बढ़ावा देने के लिए काफी हो सकती है. इंसिडेंटल फिजिकल एक्टिविटीज (IPA) फ्री टाइम के दायरे से बाहर डेली लाइफ की गतिविधियों को शामिल करती है और इसमें भोजन तैयार करना, घर को साफ रखना, लॉन की घास काटना या बागवानी करना शामिल है.

रिसर्च का मकसद
यूनिवर्सिटी ऑफ सिडनी (University of Sydney) के रिसर्चर्स ने कहा, "किसी भी डेली आईपीए की जोरदार या मॉडरेट इंटेंसिटी की डोज रिस्पॉन्स मैनक से हार्ट डिजीज के कम रिस्क से जुड़ी थी." उन्होंने आगे कहा, "हमारी फाइंडिंग्स इंसिडेंटल फिजिकल एक्टिविटीज के संभावित कार्डियोवेस्कुलर हेल्थ वैल्यू पर फोकस करते हैं, खासकर उन लोगों के लिए जो स्ट्रक्चर्ड एक्सरसाइज करने के लिए जद्दोजहद करते हैं." जर्नल सर्कुलेशन (Circulation) में छपी स्टडी में, टीम ने 24,139 लोगों के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिन्होंने कलाई पर एक्टिविटी-ट्रैकिंग मॉनिटर पहने थे और जिन्होंने खुद को एक्सरसाइज न करने वालों के तौर पर पहचाना था.

कैसे की गई रिसर्च?
इनकी तुलना उन लोगों से की गई जिनके कलाई पर पहने हुए मॉनिटर से पता चला कि वो रेगुलर मॉडरेट एक्टिविटीज में शामिल थे और उन लोगों से जो कम या ज्यादा एक्टिव थे. रिजल्ट्स से पता चला कि जो लोग रेगुलर मॉडरेट इंडिडेंटल एक्टिविटीज में शामिल थे, उनमें कार्डियोवेस्कुलर इवेंट का अनुभव करने या उससे मरने का खतरा कम था.

3 मिनट की कोशिश के फायदे
खास तौर से, टीम ने पाया कि जो लोग नियमित रूप से कम से कम तीन मिनट तक मॉडरेट तरीके से एक्टिव थे, उन्होंने दिल का दौरा, स्ट्रोक या दूसरे तरह की दिल से जुड़ी घटनाओं की संभावना को कम कर दिया. रिसर्चर्स ने कहा कि खास बात ये है कि हर दिन कई छोटे ड्यूरेशन की एक्टिविटीज करने की कोशिश की जाए.

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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