trendingNow12818874
Hindi News >>Health
Advertisement

कार्डियक अरेस्ट के 5 सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स, वो बीमारी जिसने छीन ली शेफाली जरीवाला की जिंदगी

Shefali Jariwala Death: 42 साल में शेफाली जरीवाला के मौत से ये समझना जरूरी है कि कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर स्थिति है और इसके रिस्क फैक्टर की अवेरनेस आपको और आपके अपनों को महफूज रखने में मदद कर सकता है.

कार्डियक अरेस्ट के 5 सबसे बड़े रिस्क फैक्टर्स, वो बीमारी जिसने छीन ली शेफाली जरीवाला की जिंदगी
Shariqul Hoda|Updated: Jun 28, 2025, 06:14 AM IST
Share

Cardiac Arrest Risk Factors: आइकॉनिक म्यूजिक वीडियो 'कांटा लगा' में अपने शानदार परफॉर्मेंस के लिए जानी जाने वाली एक्ट्रेस और मॉडल शेफाली जरीवाला का 27 जून 2025 को अचानक निधन हो गया, जिससे एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री सदमे में है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, शेफाली को उनके पति, अभिनेता पराग त्यागी और 3 अन्य लोगों ने बीते शुक्रवार को मुंबई के एक मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में एडमिट कराया. हालांकि, अस्पताल के कर्मचारियों ने कंफर्म किया कि उन्हें लाए जाने से पहले ही उनका निधन हो चुका था. 42 साल की शेफाली के मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है.

कार्डियक अरेस्ट के 5 रिस्क फैक्टर्स
एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला के अचानक कार्डियक अरेस्ट से हुए निधन ने एक बार फिर इस सीरियस हेल्थ कंसर्न पर हर किसी का ध्यान गया है. कार्डियक अरेस्ट एक ऐसी कंडीशन है जहां दिल अचानक काम करना बंद कर देता है, जिससे पूरे शरीर में ब्लड फ्लो रुक जाता है. ये एक जानलेवा इमरजेंसी है जिसके लिए फौरन मेडिकल इंटरवेंशन की जरूरत होती है. लेकिन, सवाल ये उठता है कि आखिर किन कारणों से यो जानलेवा स्थिति पैदा होती है? आइए जानते हैं कार्डियक अरेस्ट के 5 बड़े रिस्क फैक्टर्स कौन-कौन से हैं.

1. कोरोनरी आर्टरी डिजीज 
कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) कार्डियक अरेस्ट का सबसे आम कारण है. इस कंडीषन में, दिल को खून पहुंचाने वाली धमनियों में प्लाक (फैट और कोलेस्ट्रॉल) जमा हो जाता है, जिससे वो तंग (नैरो) हो जाती हैं और हार्ट में ब्लड का फ्लो कम हो जाता है. ये प्लाक टूटकर रक्त के थक्के भी बना सकता है, जिससे दिल में खून की सप्लाई पूरी तरह से रुक सकती है और दिल का दौरा पड़ सकता है. दिल का दौरा अक्सर कार्डियक अरेस्ट का कारण बन सकता है.

2. दिल की मांसपेशी में असामान्यताएं (कार्डियोमायोपैथी)
कार्डियोमायोपैथी एक ऐसी स्थिति है जिसमें दिल की मांसपेशी असामान्य रूप से मोटी, कमजोर या सख्त हो जाती है. ये हार्ट की पंप करने की क्षमता को अफेक्ट करता है और एब्नॉर्मल हार्ट रिदम का कारण बन सकता है. कई तरह की कार्डियोमायोपैथी होती हैं, जिनमें से कुछ जेनेटिक फैक्टर्स होते हैं और कुछ दूसरी बीमारियों या लाइफस्टाइल फैक्टर्स के कारण विकसित होती हैं। ये कंडीशन कार्डियक अरेस्ट के खतरे को काफी बढ़ा देती है.

3. एरिथमिया
हार्ट रिदम से जुड़ी परेशानियां, जिन्हें एरिथमिया भी कहा जाता है, कार्डियक अरेस्ट का एक बड़ा कारण हैं. अगर दिल के पावर सिस्टम में कोई खराबी आ जाती है, तो दिल बहुत तेजी से, बहुत धीमी गति से, या अनियमित रूप से धड़क सकता है. वेंट्रिकुलर फाइब्रिलेशन एक खास तौर से खतरनाक तरह का एरिथमिया है, जिसमें हार्ट के निचले चैंबर (वेंट्रिकल) एब्नॉर्मल तरीके से कांपने लगते हैं और असरदार तरीके से ब्लड पंप नहीं कर पाते, जिससे कार्डियक अरेस्ट हो जाता है.

4. कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज
कुछ लोग जन्म से ही दिल की बीमारियों के साथ पैदा होते हैं. ये डिजीज हार्ट के स्ट्रक्चर या फंक्शन को अफेक्ट कर सकते हैं और जीवन में बाद में कार्डियक अरेस्ट के रिस्क को बढ़ा सकते हैं. हालांकि ये परेशानी अक्सर बचपन में ही पकड़ में आ जाते हैं, कुछ हल्की प्रॉब्लम्स यंग होने तक अनकंट्रोल्ड रह सकते हैं और परेशानियां पैदा कर सकते हैं.

5. दूसरे मेडिकल कंडीशंस और लाइफस्टाइल फैक्टर्स
ऊपर बताई गई वजहों के अलावा, कुछ दूसरे मेडिकल कंडीशंस और लाइफस्टाइल फैक्टर्स भी कार्डियक अरेस्ट के रिस्क को बढ़ा सकते हैं. इनमें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, स्मोकिंग, हद से ज्यादा शराब का सेवन, स्ट्रेस और फिजिकल इनएक्टिविटी शामिल हैं. ये फैक्टर्स हार्ट को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कार्डियक अरेस्ट के रिस्क को बढ़ा सकते हैं.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

Read More
{}{}