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डिलिवरी के बाद बच्चे की केयर जरूरी, लेकिन मां की इमोशनल हेल्थ का क्या? ये कदम देंगे राहत

Happy Mother's Day: मां बनने के बाद जज्बाती तौर पर उतार-चढ़ाव आना लाजमी है, लेकिन कुछ सिंपल स्टेप्स के जरिए न्यू मदर अपने इमोशनल हेल्थ का ख्याल रख सकती हैं.

डिलिवरी के बाद बच्चे की केयर जरूरी, लेकिन मां की इमोशनल हेल्थ का क्या? ये कदम देंगे राहत
Shariqul Hoda|Updated: May 11, 2025, 09:26 AM IST
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Emotional Wellness Of Mother After Child Birth: आपके घर जब किसी नए बच्चे का जन्म होता है, तो पूरा माहौल खुशियों से भर जाता है, लेकिन डिलिवरी के बाद मां के लिए ये वक्त चुनौतियों से भर सकता है. मसलन फीडिंग के टाइम का ख्याल रखना, बढ़ते खर्च की टेंशन, घर की जिम्मेदारियों को संभालना. न्यूक्लियर फैमिली में अक्सर न्यू मदर को सपोर्ट की कमी हो जाती है, जिसकी वजह से उनकी इमोशनल हेल्थ पर काफी बुरा असर पड़ता है. चाइल्ड बर्थ के बाद साइलेंटली स्ट्रगल करती महिलाओं के लिए आपको एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए.

बच्चे के जन्म के बाद मन को कैसे रखें शांत?

मशहूर साइकोलॉजिस्ट रीमा भांडेकर (Rima Bhandekar) ने बताया कि बच्चे पैदा होने के बाद न्यू मदर को इमोशनल वेल बीइंग के लिए कुछ जरूरी कदम उठाने चाहिए. 

1. इमोशंस को एक्सेप्ट करें
क्या डिलिवरी के बाद आपका दिमाग थका हुआ, फिक्रमंद या उदास महसूस कर रहा रहा है? इमोशनल ओवरलोड निराशा नहीं है, यहां आपका ब्रेन सांस लेने की डिमांड कर रहा है, जब हम इसे एक्सेप्ट करते हैं, तो हम सहारा लेना शुरू कर देते हैं. अपने पति, अपने माता-पिता, अपने ससुराल वालों या यहां तक कि करीबी, भरोसेमंद दोस्तों से भी सपोर्ट मांगना शुरू करें. मदद मांगना आपको बुरा नहीं बनाता, ये आपको समझदार बनाता है.

2. छोटे पल भी मायने रखते हैं
इस दौरान मैनेज करने के लिए अनगिनत चीजें होती हैं, लेकिन अपना ख्याल रखने से समझौता नहीं किया जा सकता है. 5 मिनट का टी ब्रेक, एक झपकी, या बाहर थोड़ी देर टहलना आपके मेंटल हेल्थ के लिए बेहतरीन काम कर सकता है, जो बदले में आपके बच्चे की देखभाल करने की आपकी एनर्जी को अफेक्ट करता है, इसलिए एनश्योर करें कि आप खुद को ये चीजें करने की इजाजत दें.

3. दूसरों पर भरोसा करें और एक सपोर्ट के जरिए ताकत पाएं
ये जानकर सुकून मिलता है कि दूसरी माताएं भी वैसा ही महसूस करती हैं जैसा आप करती हैं. दूसरी मदर्स के साथ बातचीत बढ़ाएं, भले ही ये ऑनलाइन बने ग्रुप्स के जरिये ही क्यों न हो. बातें शेयर करना माताओं को गुस्से, दुख, खुशी जैसी भावनाओं की लिमिट को बयां करने के लिए एक सेक्योर स्पेस देता है.

4. परफेक्शन नहीं अपनी जर्नी का लुत्फ उठाएं
इस सफर में धीरे-धीरे चलें. मदरहुड सब कुछ सही करने के बारे में नहीं है. ये प्यार के साथ मौजूद होने के बारे में है, मुश्किल दिनों में भी. खुद को गलतियां करने, थका हुआ महसूस करने और खुद सभी सवाल का जवाब न जानने की इजाजत दें. आपके बच्चे को एक ऐसी मां की ज़रूरत नहीं है, जो गलती ही न करे, उन्हें बस आप चाहिए, ठीक वैसे ही, जैसी आप हैं.

5. सेल्फ केयर के लिए निकालें
एक वॉर्म शावर, थोड़ी देर टहलना, एक किताब के कुछ पन्ने पढ़ना, या बस गहरी सांसें लेना जैसे सेल्फ केयर के ये छोटे कदम राहत ला सकते हैं और आपको याद दिला सकते हैं कि आप भी खुद के लिए मायने रखती हैं. मदरहुड की उथल-पुथल में भी, अपने बच्चे का पोषण करने जितना ही खुद का ख्याल रखना है.

6. प्रोफेक्शन हेल्प लें
डिलिवरी के बाद की टेंशन को दूर करने के लिए जब भी जरूरत पड़े तो पेशेवर सलाह जरूर लें. एक भरोसेमंद मेंटल हेल्थ प्रोफेक्शन का नंबर अपने कॉन्टेक्ट लिस्ट में जरूर रखें, जिससे इस मुश्किल वक्त में आपकी मदद हो पाए.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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