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ना शादी, ना टेंशन: कुंवारे लोगों को डिमेंशिया का खतरा सबसे कम, रिसर्च ने उड़ाए सबके होश!

अब तक हम यही मानते आए हैं कि शादीशुदा लोग अकेलेपन से दूर रहते हैं, बेहतर लाइफस्टाइल अपनाते हैं और इस कारण उनकी सेहत अच्छी रहता है. लेकिन हाल ही में सामने आए एक शोध ने इस आम धारणा को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है.

ना शादी, ना टेंशन: कुंवारे लोगों को डिमेंशिया का खतरा सबसे कम, रिसर्च ने उड़ाए सबके होश!
Shivendra Singh|Updated: Apr 12, 2025, 05:55 PM IST
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क्या शादी वाकई सेहत के लिए फायदेमंद होती है? अब तक हम यही मानते आए हैं कि शादीशुदा लोग अकेलेपन से दूर रहते हैं, बेहतर लाइफस्टाइल अपनाते हैं और इस कारण उनकी सेहत अच्छी रहता है. लेकिन हाल ही में सामने आए एक शोध ने इस आम धारणा को पूरी तरह से हिला कर रख दिया है. अमेरिका की 'फ्लोरिडा स्टेट यूनिवर्सिटी' के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में खुलासा हुआ है कि अविवाहित लोगों में डिमेंशिया (मनोभ्रंश) का खतरा सबसे कम होता है.

इस शोध ने वैज्ञानिक समुदाय को चौंका दिया है क्योंकि इससे पहले के ज्यादातर अध्ययन यह दर्शाते थे कि शादीशुदा लोगों की मानसिक और शारीरिक सेहत अविवाहित लोगों से बेहतर होती है. मगर इस बार 24 हजार से ज्यादा अमेरिकियों के लंबे समय तक अध्ययन के बाद कुछ बेहद रोचक और उलट परिणाम सामने आए हैं.

18 साल की निगरानी में चौंकाने वाले आंकड़े
शोधकर्ताओं ने जिन प्रतिभागियों को चुना, उन्हें अध्ययन की शुरुआत में डिमेंशिया नहीं था. 18 वर्षों तक उनकी सेहत की निगरानी की गई और उन्हें चार वर्गों में बांटा गया- विवाहित, तलाकशुदा, विधवा और अविवाहित. शुरुआती नतीजों में दिखा कि विवाहित लोगों की तुलना में बाकी तीनों ग्रुप में डिमेंशिया की दरें कम थीं. लेकिन जब शोध में धूम्रपान, डिप्रेशन, सामाजिक संपर्क जैसे अन्य कारकों को भी जोड़ा गया, तब यह साफ हुआ कि खासकर अविवाहित और तलाकशुदा लोगों में डिमेंशिया का खतरा सबसे कम था.

क्या शादीशुदा लोग ज्यादा पहचाने जाते हैं?
शोधकर्ताओं का मानना है कि इस अंतर के पीछे एक बड़ा कारण यह भी हो सकता है कि शादीशुदा लोगों के साथ उनके पार्टनर होते हैं, जो मेमोरी से जुड़ी समस्याओं को जल्दी पहचान लेते हैं और डॉक्टर से मिलने का दबाव बनाते हैं. इस वजह से विवाहित लोगों में बीमारी की पहचान जल्दी हो जाती है, जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि उन्हें डिमेंशिया ज्यादा होता है.

अल्जाइमर से भी जुड़ा है रिश्ता
रिसर्च में यह भी सामने आया कि अविवाहित लोगों में अल्जाइमर जैसे डिमेंशिया के सबसे सामान्य रूप का खतरा भी कम पाया गया. इससे यह स्पष्ट होता है कि सामाजिक मान्यताओं से इतर, मेंटल हेल्थ पर शादी का असर उतना सीधा नहीं है जितना पहले सोचा जाता था.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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