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डिप्रेशन के कारण हर साल होती हैं 8 लाख से ज्यादा मौतें, कहीं आप तो नहीं इसके शिकार? इस तरह मिलते हैं शुरुआती लक्षण

तनाव और डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक बीमारी है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में 8 लाख से ज्यादा लोग डिप्रेशन के कारण आत्महत्या कर लेते हैं.

डिप्रेशन के कारण हर साल होती हैं 8 लाख से ज्यादा मौतें, कहीं आप तो नहीं इसके शिकार? इस तरह मिलते हैं शुरुआती लक्षण
Shivendra Singh|Updated: Oct 11, 2024, 05:34 PM IST
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तनाव और डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक बीमारी है, जो आजकल तेजी से लोगों की जिंदगी को निगलती जा रही है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर साल दुनियाभर में 8 लाख से ज्यादा लोग डिप्रेशन के कारण आत्महत्या कर लेते हैं. यह समस्या खासकर 15-29 साल के युवाओं में मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. इसके बावजूद, लोग अक्सर इसके शुरुआती लक्षणों को पहचानने में असमर्थ रहते हैं, जो कि डिप्रेशन को और खतरनाक बना देता है.

फोर्टिस अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. समीर पारिख बताते हैं कि डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण बहुत ही सामान्य प्रकृति के होते हैं, जिस कारण कई लोग इसे नजरअंदाज कर जाते हैं. इनमें से कुछ सामान्य लक्षणों में मन में निराशा का भाव, किसी भी काम में रुचि न होना, जीवन के प्रति उदासीनता, आत्मविश्वास में कमी और एक अजीब सी थकान महसूस होना शामिल है. ऐसे व्यक्ति को हर चीज व्यर्थ लगने लगती है और जीवन बेमतलब सा प्रतीत होता है.

एक्सपर्ट की क्या राय?
डॉ. पारिख ने बताया कि तनाव की स्थिति में व्यक्ति का मूड तेजी से बदलने लगता है. कुछ लोगों में गलत सोच इतनी बढ़ जाती है कि वे खुद को हर काम में असफल मानने लगते हैं. धीरे-धीरे व्यक्ति अपनी क्षमताओं पर विश्वास खोने लगता है और उसे लगता है कि वह अब किसी भी काम के लायक नहीं है. अगर कोई व्यक्ति दो हफ्तों या उससे अधिक समय तक इस तरह के लक्षणों का सामना कर रहा है, तो यह एक स्पष्ट संकेत है कि उसे तुरंत मेडिकल चिकित्सकीय हेल्प लेनी चाहिए.

उपाय क्या?
डिप्रेशन से जूझ रहे लोगों के लिए सबसे अहम कदम यह है कि वे इसे एक मानसिक बीमारी के रूप में समझें और इसका इलाज कराएं. आजकल, डिप्रेशन के इलाज के लिए कई मनोचिकित्सकीय विधियां और दवाएं उपलब्ध हैं, जिनसे व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी मानसिक स्थिति में सुधार महसूस कर सकता है. जिन लोगों में यह लक्षण दिखाई देते हैं, उन्हें सलाह दी जाती है कि वे मनोचिकित्सक से मिलें और अपनी मानसिक सेहत पर ध्यान दें. सही समय पर उठाया गया कदम आपकी जिंदगी को बचा सकता है.

Disclaimer: जीवन अनमोल है. जी भरकर जिएं. इसका पूरी तरह सम्‍मान करें. हर पल का आनंद लें. किसी बात-विषय-घटना के कारण व्‍यथित हों तो जीवन से हार मारने की कोई जरूरत नहीं. अच्‍छे और बुरे दौर आते-जाते रहते हैं. लेकिन कभी जब किसी कारण गहन हताशा, निराशा, डिप्रेशन महसूस करें तो सरकार द्वारा प्रदत्‍त हेल्‍पलाइन नंबर 9152987821 पर संपर्क करें.

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