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खून को करता है शुद्ध, लिवर को रखता है दुरुस्त, आयुर्वेद भी मानता है शरपुंखा को फायदेमंद

प्रकृति ने हमें ऐसे अनेक औषधीय गुणों से भरपूर पौधे दिए हैं, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के शरीर की कई समस्याओं से राहत दिला सकते हैं. ऐसा ही एक पौधा है शरपुंखा. जिसे आयुर्वेद भी फायदेमंद मानता है. यह झाड़ी जैसा छोटा सा पौधा देखने में भले ही साधारण लगे, लेकिन इसके अंदर सेहत के कई बड़े राज छिपे हैं. आइए इसके फायदे विस्तार से जानते हैं...

खून को करता है शुद्ध, लिवर को रखता है दुरुस्त, आयुर्वेद भी मानता है शरपुंखा को फायदेमंद
Udbhav Tripathi|Updated: Jul 14, 2025, 10:34 AM IST
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Sharapunkha: औषधीय गुणों से भरपूर शरपुंखा का वैज्ञानिक नाम 'ट्रेफसिया परप्यूरिया' (Trichodesma indicum) है. यह भारत के विभिन्न हिस्सों खासकर सूखे और पथरीले स्थानों पर पाया जाता है. इसका उपयोग आमतौर पर कई स्वास्थ संबंधित समस्या से छुटकारा पाने के लिए किया जाता है.

यह एक छोटा झाड़ीनुमा पौधा होता है, जिसकी ऊंचाई आमतौर पर 30 से 60 सेंटीमीटर तक होती है. इसकी टहनियां अक्सर फैली हुई होती हैं. इसकी पत्तियां हल्की हरे रंग की और छोटी होती हैं, जो बारीक रूप से कटी हुई लगती हैं. वहीं, इसके फूल गुलाबी, बैंगनी या लाल-बैंगनी रंग के होते हैं, और छोटे गुच्छों में खिलते हैं. इसकी एक सफेद फूलों वाली प्रजाति भी होती है. फूल के बाद इसमें छोटी, सीधी फलियां लगती हैं, जिनमें छोटे-छोटे बीज होते हैं.

स्वास्थ्य के लिए एक लाभकारी है शरपुंखा

आयुर्वेद में शरपुंखा को लिवर के स्वास्थ्य के लिए एक लाभकारी माना गया है. इसके अलावा, यह जड़ी बूटी पाचन तंत्र के लिए भी अच्छी है. साथ ही यह खांसी और सांस संबंधी बीमारी के लिए भी अच्छी मानी गई है. यह लिवर को डिटॉक्स करके विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है, जिससे लिवर की कार्यक्षमता बेहतर होती है. सरफोंका में एंटी-बैक्‍टीरियल गुण होते हैं, जो इंफेक्शन को दूर करने में मदद करता है. शरपुंखा के फूल को पीसकर उसे शहद में म‍िलाकर चोट या घाव पर लेप को लगाने से घाव जल्दी से ठीक हो जाता है.

शरपुंखा से किसी भी प्रकार के घाव को ठीक किया जा सकता है. शरीर पर होने वाले फोड़े फुंसी को यह ठीक करने में मदद करती है, इसके इस्तेमाल से दांतों को स्वस्थ रखा जाता है और मसूड़े और दांतों की सभी बीमारियों का समाधान होता है. इसका इस्तेमाल जरूरी मात्रा और चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए. यह खून को शुद्ध करने में सहायक है, जिससे त्वचा और शरीर के अन्य अंगों को लाभ होता है.

यह यूरिन संबंधी समस्याओं, जैसे कि यूरिन इन्फेक्शन और पेशाब के दौरान होने वाले दर्द या जलन को कम करने में सहायक हो सकता है. हालांकि प्रयोग से पहले किसी विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है.

(आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी इसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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