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सिर्फ कुत्तों के काटने से ही नहीं होता रेबीज इंफेक्शन, जानिए कितने घंटे के अंदर लगानी चाहिए वैक्सीन

हम में से काफी लोग सड़क पर या किसी घर में कुर्ते को देखकर काफी घबरा जाते हैं, क्योंकि रेबीज का खतरा हमारे जेहन में मंडराता रहता है. आइए इसके बारे में जरूरी फैक्ट्स जान लें.

सिर्फ कुत्तों के काटने से ही नहीं होता रेबीज इंफेक्शन, जानिए कितने घंटे के अंदर लगानी चाहिए वैक्सीन
Shariqul Hoda|Updated: Jul 19, 2025, 10:21 AM IST
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Rabies Infection: रेबीज एक जानलेवा वायरल डिजीज है, जो आमतौर पर इंफेक्ट जानवर, खासकर कुत्तों, के काटने से इंसानों में फैलती है. ये वायरस सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर असर डालता है और समय पर इलाज न मिलने पर मौत का कारण बन सकता है. शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, बेचैनी और काटे गए एरिया में जलन शामिल है.

डॉक्टर से जानें रेबीज का सच
बीमारी बढ़ने पर भ्रम, मिर्गी और पैरालिसिस जैसे लक्षण दिखते हैं. रेबीज से बचाव के लिए तुरंत वैक्सीनेशन जरूरी होता है. पालतू जानवरों का रेगुलर वैक्सिनेशन और कुत्ते के काटने पर तुरंत मेडिकल हेल्प लेना जरूरी है. भारत के मशहूर क्रैनियोफेशियल सर्जन डॉ. अनुज कुमार (Dr Anuj Kumar) ने अपने ट्विटर हैंडल के जरिए रेबीज को लेकर कुछ अहम फैक्ट्स शेयर किए हैं. 

उन्होंने लिखा, "रेबीज को लेकर तथ्य तो हम सभी को जानना चाहिए"

1. रेबीज सिर्फ़ कुत्तों के काटने से नहीं बल्कि बिल्ली, बंदरों वगैरह से भी हो सकता है

2. जानवरों के काटने के अलावा नोचने से भी हो सकता है

3. वैक्सीन की कोई समय सीमा नहीं है. यानी अगर  किसी वजह से 24 घंटे के अंदर नहीं लगवा पाये तो बाद में भी लगवा सकते. लक्षण आने से पहले लग जाना चाहिए.
अगर एक साल पहले काटा है तो भी अभी लगवा सकते हैं.

 

4. रेबीज के इशारे आने के समय में काफी ज्यादा  वेरिएशन है. हो सकता है 4 दिन में ही आ जाए या 25 साल बाद भी. अगर एक्सपोजर हुआ है तो ना खुद में लक्षण आने का इंतजार करना है और न जानवर के मरने का. जितनी जल्दी हो सके एंटी रेबीज वैक्सीन (Anti Rabies Vaccine) लेना चाहिए.

5. रेबीज लाइलाज बीमारी है. वैक्सीन ही इलाज है. मरीज में अगर रेबीज के लक्षण आ जाए तो मृत्यु दर करीब 100 फीसदी है.

इसलिए सावधानी और सतर्कता बेहद जरूरी है. अगर किसी ऐसे जानवर के संपर्क में आएं तो जितनी जल्दी हो वैक्सीन ले लेनी चाहिए.

 

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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