trendingNow12827372
Hindi News >>Health
Advertisement

कुत्ते काटने पर रेबीज को शरीर में फैलने से कैसे रोकें? जान बचानी हैं तो अपनाने हों ये तरीके

Anti Rabies: कुत्ते के काटने से हम सभी को बचना चाहिए, क्योंकि अगर डॉग बाइट हो जाए, तो ये परेशानी का सबब बन सकता है, कई मामलों में जान भी जा सकती है.

कुत्ते काटने पर रेबीज को शरीर में फैलने से कैसे रोकें? जान बचानी हैं तो अपनाने हों ये तरीके
Shariqul Hoda|Updated: Jul 05, 2025, 12:38 PM IST
Share

Rabies Prevention After Dog Bite: केरल में रेबीज से 2 लोगों की मौत के बाद तमिलनाडु के डायरेक्टेरेट ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड प्रिवेंटिव मेडिसिन ने सभी हेल्थ वर्कर्स को सख्त सलाह जारी की. सर्कुलर में कुत्ते के काटने की कैटेगरी को पहचानने के लिए प्रोपर ट्रेनिंग और समय पर सही तरीके से पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP), जिसमें रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन (RIG) और एंटी-रेबीज वैक्सीन (ARV) शामिल हैं, देने की तुरंत जरूरत पर जोर दिया गया.

क्या है रेबीज इंफेक्शन?
डायरेक्टर ऑफ पब्लिक हेल्त डॉ. टीएस सेल्वाविनायगम (Dr. TS Selvavinayagam) ने स्वास्थ्य अधिकारियों को बताया कि रेबीज एक घातक वायरल बीमारी है जो ब्रेन और नर्वस सिस्टम को अफेक्ट करती है. इसके लक्षण दिखने के बाद बचने की संभावना बहुत कम होती है. उन्होंने कहा कि रेबीज की वैक्सीन तभी जान बचा सकती है जब इसे सही तरीके से और जल्दी दिया जाए. ये एडवाइजरी केरल में 2 लड़कों की मौत के बाद जारी की गई है, जिन्हें आवारा कुत्तों ने काट लिया था.

जानलेवा संक्रमण
मौत की वजह मानी जा रही है कि पीईपी (पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस) शुरू करने में देरी, कैटेगरी III के मामलों में आरआईजी (रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन) न देना, घाव की ठीक से सफाई न करना, टीके की खुराक छूटना या देरी होना थीं.

रेबीज को रोकने के उपाय
1. हेल्थ केयर्स प्रोवाइडर्स को याद दिलाया गया है कि गहरे या खून बहने वाले घावों में रेबीज इम्यून ग्लोबुलिन (आरआईजी) वायरस को रोकने के लिए बहुत जरूरी है, खासकर शुरुआती दिनों में जब तक वैक्सीन से इम्यूनिटी डेवलप नहीं होती.

2. आरआईजी के बिना, टीकाकरण के बाद भी वायरस नर्वस सिस्टम तक फैल सकता है. अधिकारियों ने बताया कि चेहरे या सिर पर घाव होने पर तुरंत और इंटेंसिव केयर की जरूरत है, क्योंकि कुछ दिनों की देरी भी टीके को बेअसर कर सकती है.

3. रेबीज को रोकने के लिए सबसे जरूरी पहला कदम है घाव को कम से कम 15 मिनट तक साबुन और पानी से अच्छी तरह धोना.

एडवाइजरी में कहा गया है कि बच्चों को कुत्ते के काटने से रेबीज का खतरा ज्यादा है, क्योंकि उनकी इम्यूनिची कमजोर होती है और वे काटने की सही जानकारी नहीं दे पाते.

जरूरी उपाय

स्वास्थ्य निदेशालय ने कुत्ते के काटने की गंभीरता जांचने के दिशा-निर्देश दोहराए हैं.

कैटेगरी I: जानवर को छूने, खाना खिलाने या साफ त्वचा पर चाटने पर कोई इलाज जरूरी नहीं.

कैटेगरी II: मामूली खरोंच या घाव बिना खून के हो, तो रेबीज वैक्सीन (एआईवी) देनी होगी।

कैटेगरी III: अगर कुत्ते के काटने या खरोंच से खून निकले, या टूटी त्वचा पर चाटा हो, तो रेबीज वैक्सीन (एआरवी) के साथ रेबीज इम्यूनोग्लोबुलिन (आरआईजी) देना कंपलसरी है.

सभी हेल्थ सेंटर्स को इन नियमों का सख्ती से पालन करने को कहा गया है ताकि रेबीज से होने वाली मौतों को रोका जा सके.

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

Read More
{}{}