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डायबिटीज से लेकर फैटी लिवर में राहत का सबब है ये पौधा, जानिए कैसे करें सेवन

हम अक्सर कई बीमारियों से घिरे रहते हैं, ऐसे में हमें इससे बचने या राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक उपायों को अपनाना होगा. ऐसा ही एक प्लांट है भूमि आंवला, जो सेहत का दोस्त माना जाता है.

डायबिटीज से लेकर फैटी लिवर में राहत का सबब है ये पौधा, जानिए कैसे करें सेवन
Shariqul Hoda|Updated: Jul 05, 2025, 01:07 PM IST
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Bhumi Amla Ke Fayde: भूमि आंवला, जिसे भुई आंवला भी कहते हैं, आयुर्वेद में एक चमत्कारी जड़ी-बूटी मानी जाती है. इसके पत्ते, तने और जड़ कई स्वास्थ्य समस्याओं जैसे गठिया, मधुमेह, लिवर और डाइजेशन से जुड़ी बीमारियों के लिए फायदेमंद हैं. आयुर्वेदाचार्य बताते हैं कि भूमि आंवला अपने औषधीय गुणों की वजह से शरीर को स्वस्थ रखने में बहुत असरदार है.

इन बीमारियों में असरदार
चरक संहिता में भूमि आंवला को 'कषहार' कहा जाता है, जो लिवर को सेहतमंद करता है और पीलिया, हेपेटाइटिस, लिवर सिरोसिस जैसी बीमारियों में राहत देता है. ये लिवर को डिटॉक्स करने में मदद करता है. चाहे फैटी लिवर हो या लिवर का संपूर्ण स्वास्थ्य, साथ ही ये ये अपच, एसिडिटी, पेट फूलना और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मददगार है. इसके नियमित सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है.

डायबिटीज पेशेंट जरूर खाएं
भूमि आंवला ब्लड ग्लूकोज को कंट्रोल करने में मददगार है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को फायदा मिलता है. येी नहीं, इसके एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सूजन कम करते हैं और शरीर को बीमारियों से बचाने में कारदर हैं. इसके साथ ही ये खांसी, जुकाम, बुखार, गठिया के दर्द और स्किन डिजीज में भी असरदार है.

कैसे करें सेवन?
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि इसका सेवन कैसे करना चाहिए. भूमि आंवला को सूखाकर पाउडर पानी या शहद के साथ लिया जा सकता है. इसका ताजा जूस पीना फायदेमंद है. इसे अन्य जूस के साथ भी मिलाया जा सकता है. पत्तियों और जड़ों को उबालकर काढ़े का सेवन किया जा सकता है. इसे पीसकर त्वचा पर इसके लेप को लगाने से त्वचा रोगों में राहत मिलती है.

नाम अनेक हैं इसके
भूमि आंवला भारत में स्थानीय रूप से कई नामों से जाना जाता है. हिंदी में इसे भूमि आंवला, जंगली आंवला, संस्कृत में तमालकी, कषाहार, बहुपत्र, कन्नड़ में नेलनेली, भू नेल्ली के नाम से जाना जाता है. वहीं, मराठी में भुई आंवला, भुई आंवला, मलयालम में किझुकानेली और तेलुगू में नेला उसिरका कहा जाता है. भूमि आंवला का साइंटिफिक नेम 'फाइलैन्थस यूरीनेरिया' (Phyllanthus urinaria) है.

इन बातों का रखें ख्याल
भूमि आंवला के फायदे अनेक हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए. आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के बिना इसका सेवन न करें. गर्भवती या ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाली महिलाओं को डॉक्टर से सलाह जरूरी है. अगर आप कोई दवा ले रहे हैं, तो भूमि आंवला शुरू करने से पहले डॉक्टर से बात लें.

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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