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200 बीमारियों को हराने का सीक्रेट: रिसर्च में बताया गया एक्सरसाइज करने का सही शेड्यूल, जानें पूरी डिटेल

हाल ही में एक शोध से खुलासा हुआ है कि हफ्ते के अंत (वीकेंड) में किया गया एक्सरसाइज भी आपको 200 से अधिक बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है.

200 बीमारियों को हराने का सीक्रेट: रिसर्च में बताया गया एक्सरसाइज करने का सही शेड्यूल, जानें पूरी डिटेल
Shivendra Singh|Updated: Oct 19, 2024, 03:15 PM IST
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रोजाना एक्सरसाइज करना हमारी सेहत के लिए बहुत जरूरी और बड़ी-बड़ी बीमारियों से हम हमेशा दूर रहते हैं. हाल ही में एक शोध से खुलासा हुआ है कि हफ्ते के अंत (वीकेंड) में किया गया एक्सरसाइज भी आपको 200 से अधिक बीमारियों से बचाने में मदद कर सकता है. यदि आप अपने व्यस्त जीवन में वर्कआउट के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है. अमेरिका के मैसाचुसेट्स जनरल अस्पताल के शोधकर्ताओं ने पाया है कि 'वीकेंड वॉरियर्स' यानी वे लोग जो हफ्ते के अंत में व्यायाम करते हैं, वे भी उतने ही स्वास्थ्य लाभ उठा सकते हैं जितने नियमित रूप से एक्सरसाइज करने वाले लोग.

शोधकर्ताओं ने 89,573 लोगों के फिटनेस ट्रैकर्स से प्राप्त डेटा का विश्लेषण किया, जिससे पता चला कि जो लोग अपने एनएचएस द्वारा सुझाए गए 150 मिनट के साप्ताहिक व्यायाम को केवल वीकेंड पर करते हैं, वे 264 बीमारियों के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं. इन बीमारियों में दिल का दौरा, स्ट्रोक, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और अन्य खतरनाक बीमारियां शामिल हैं.

डायबिटीज, बीपी का खतरा कम
शोध के अनुसार, 'वीकेंड वॉरियर्स' में डायबिटीज का खतरा 43% तक कम हो जाता है, जबकि हाई ब्लड प्रेशर का खतरा 23% तक कम होता है. इसका मतलब यह है कि व्यायाम का कुल समय अधिक महत्वपूर्ण है, न कि यह कि आप उसे हफ्ते में कैसे बांटते हैं. शोध में यह भी पता चला कि जो लोग हफ्ते के बीच में नियमित रूप से व्यायाम करते हैं, वे दिल के दौरे के खतरे को 35% तक कम कर सकते हैं, जबकि वीकेंड वॉरियर्स के लिए यह आंकड़ा 27% है. स्ट्रोक के मामले में, नियमित रूप से व्यायाम करने वालों में यह जोखिम 17% तक कम होता है, जबकि "वीकेंड वॉरियर्स" में यह 21% तक कम हो जाता है.

क्या है दिक्कतें?
हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि सभी वीकेंड वॉरियर्स अपने व्यायाम की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाते हैं, खासकर उन लोगों में जिनकी आर्थिक स्थिति कमजोर है. कम आय वाले लोग अक्सर पर्याप्त तीव्रता वाला वर्कआउट नहीं कर पाते हैं, जिससे उनकी सेहत पर इसका प्रभाव सीमित रहता है. इस अध्ययन से यह साफ हो गया है कि चाहे आप हफ्ते में कभी भी व्यायाम करें, उसका कुल समय और तीव्रता आपकी सेहत के लिए अहम है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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