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पहले क्यों मुकाबले ज्यादा क्यों बीमार पड़ रहे हैं बच्चे? इस रिपोर्ट ने बताया चौंकाने वाला सच

मौजूदा दौर की लाइफस्टाइल और फूड हैबिट्स इतनी अनहेल्दी हो गई है, कि इसका दंश बच्चे भी झेल रहे हैं. अमेरिका से आई रिपोर्ट ने हर किसी को हैरान कर दिया है. 

पहले क्यों मुकाबले ज्यादा क्यों बीमार पड़ रहे हैं बच्चे? इस रिपोर्ट ने बताया चौंकाने वाला सच
Shariqul Hoda|Updated: Jul 08, 2025, 12:42 PM IST
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Child Health: एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, आज अमेरिका के बच्चे पहले की तुलना में ज्यादा मोटे हो गए हैं, उन्हें ज्यादा बीमारियां हो रही हैं और उनके लिए सीरियस डिजीज की चपेट में आकर मरने की संभावना भी पहले की पीढ़ी के मुकाबले ज्यादा है. ये रिपोर्ट पिछले लगभग 20 सालों में बच्चों की सेहत पर सबसे बड़ा स्टडी है.

स्टडी ने चौंकाया
ये स्टडी जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (JAMA) में सोमवार को जारी किया गया. इसमें साल 2002 से अब तक के आठ अलग-अलग नेशनल डेटा सेट की मदद से 170 से ज्यादा सेहत से जुड़े पहलुओं को एनालाइज किया गया.

खराब हो रही बच्चों की सेहत
इस स्टडी के लीड ऑथर फिलाडेल्फिया के चिल्ड्रन हॉस्पिटल के प्रमुख लेखक क्रिस्टोफर फॉरेस्ट का कहना है, “हर आंकड़ा ये दिखाता है कि बच्चों की सेहत लगातार खराब हो रही है.” रिसर्चर्स ने पाया कि 2 से 19 साल के बच्चों में मोटापा 2007-08 में 17 फीसदी था, जो 2021-23 में बढ़कर 21 फीसदी हो गया.

बच्चों को लॉन्ग टर्म डिजीज
1 मिलियन से ज्यादा यंग पेशेंट को कवर करने वाले इलेक्ट्रॉनिक मेडिकल रिकॉर्ड से पता चला है कि 2011 में 40 फीसदी बच्चों को किसी न किसी लॉन्ग टर्म डिजीज की पहचान मिली थी. 2023 में ये बढ़कर 46 फीसदी हो गई. इनमें एंग्जाइटी, डिप्रेशन और नींद की दिक्कतें शामिल हैं.

डेथ रेट में इजाफा
मृत्यु दर के आंकड़े अन्य धनी देशों के साथ और भी ज्यादा उलट हैं. अमेरिका में बच्चों की मौत की दर अन्य अमीर देशों (जैसे कनाडा, जर्मनी, जापान) के मुकाबले 1.8 गुना ज्यादा है. बच्चों के लिए समय से पहले जन्म और अचानक अप्रत्याशित शिशु मृत्यु के आंकड़ों में सबसे ज्यादा इजाफा हुआ. वहीं बड़े बच्चों में चोट लगना और सड़क हादसे बड़ी वजह बनीं. बच्चों में डिप्रेशन, अकेलापन, नींद न आना, और फिजिकल एक्टिविटीज में कमी जैसे लक्षण भी बढ़ते दिखे. बच्चे समाज की परेशानियों को सबसे पहले और सबसे गहराई से महसूस करते हैं.

क्या कदम उठाने होंगे
पीडियाट्रिशियन फ्रेडरिक रिवारा और एविटल नथानसन ने कहा कि बच्चों को महफूज रखने के लिए जरूरी कदम उठाने होंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि पब्लिक हेल्थ बजट में कटौती, बुनियादी ढांचे को ठीक करने में देरी, या टीकाकरण विरोधी भावना को बढ़ावा देने से हालात और बिगड़ सकते हैं. इस गिरावट के लिए एक वजह नहीं, बल्कि कई कारण जिम्मेदार हैं, जैसे- बहुत ज्यादा प्रोसेस्ड (डिब्बाबंद) खाना खाना. अच्छे इलाज की कमी. बच्चों के लिए असुरक्षित माहौल और बढ़ती आर्थिक असमानता.

फॉरेस्ट ने सुझाव दिया कि सामुदायिक स्तर पर अलग योजना बनाकर बच्चों की सेहत को सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में देखा जाए. हालांकि अमेरिका हेल्थ पर सबसे ज्यादा खर्च करता है, फिर भी इस हालत को सुधारने के लिए सिर्फ अस्पतालों में नहीं, बल्कि स्कूलों, घरों, परिवहन और सामाजिक सेवाओं में भी निवेश करना जरूरी है.

(इनपुट-आईएएनएस)

 

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