trendingNow12683743
Hindi News >>Health
Advertisement

हर महिला के लिए जरूरी ये 5 टेस्ट, बीमारी होने से पहले ही लग जाएगी भनक

Health Test For Women: स्वस्थ रहने के लिए नियमित चेकअप और टेस्ट्स करवाना बेहद जरूरी है. यदि आप इन टेस्ट्स को समय पर करवाती हैं, तो आप आगे आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को आसानी से रोक सकती हैं.

हर महिला के लिए जरूरी ये 5 टेस्ट, बीमारी होने से पहले ही लग जाएगी भनक
Sharda singh|Updated: Mar 17, 2025, 03:01 PM IST
Share

जब हम 20 की उम्र में होते हैं, तो अक्सर हम अपनी सेहत को नजरअंदाज करते हैं, क्योंकि हमें लगता है कि हम युवा हैं और बीमारियां केवल बड़ी उम्र के लोगों को ही होती हैं. हालांकि, यह सोच गलत हो सकती है. 20s का समय हमारे शरीर के लिए सबसे सक्रिय और तेजी से बदलने वाला दौर होता है. खासतौर पर महिलाओं के लिए यह साल बहुत अहम होते हैं. 

ऐसे में इस दौरान स्वस्थ रहने के लिए नियमित चेकअप और टेस्ट्स करवाना बेहद जरूरी है. यदि आप इन टेस्ट्स को समय पर करवाती हैं, तो आप आगे आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं को आसानी से रोक सकती हैं. आइए जानते हैं कि महिलाओं को अपनी 20s में कौन-कौन से 5 टेस्ट्स करवाने चाहिए, जो उनके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं-

इसे भी पढ़ें- टॉवेल को कितनी बार धोना जरूरी? जानिए कैसे गंदा तौलिया बिगाड़ सकता है आपकी सेहत

 

बीएमआई टेस्ट

बॉडी मास इंडेक्स इस बात का अच्छा संकेतक है कि आप अच्छे स्वास्थ्य में हैं या नहीं. बीस की उम्र के बाद शरीर में हार्मोन में बदलाव तेजी से शुरू होता है, ऐसे में किसी भी बीमारी को शुरुआती स्टेज पर पहचानने में यह टेस्ट बहुत मददगार साबित होता है. 

पैप स्मियर टेस्ट

पैप स्मियर टेस्ट के जरिए गर्भाशय में होने वाले कैंसर और एचपीवी (ह्यूमन पैपिलोमा वायरस) जैसी समस्याओं का पता लगाया जाता है. 20 की उम्र में, विशेषकर जो महिलाएं सेक्सुअली एक्टिव हैं, उन्हें यह टेस्ट करवाना चाहिए. यह टेस्ट हर तीन साल में एक बार करवाना जरूरी है, ताकि गर्भाशय कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से बचा जा सके.

ब्रैस्ट एग्जामिनेशन 

20s में स्तन कैंसर आमतौर पर नहीं होता, लेकिन इसका जोखिम भविष्य में बढ़ सकता है. अगर आपको किसी प्रकार का असामान्य लक्षण महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. इसके अलावा, साल में एक बार डॉक्टर से भी ब्रेस्ट चेकअप कराना चाहिए.

हेपेटाइटिस B और C टेस्ट 

हेपेटाइटिस B और C लीवर से जुड़ा वायरल इंफेक्शन हैं. यह टेस्ट लीवर की सेहत की जानकारी देता है. अगर आपको कभी संक्रमित खून से संपर्क हुआ हो या किसी अन्य कारण से जोखिम हो, तो आपको इस टेस्ट को करवाना चाहिए. यह वायरस लीवर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन इसका इलाज जल्द पकड़ने पर संभव है.

पीसीओडी या पीसीओएस टेस्ट

पीसीओडी और पीसीओएस सामान्य हार्मोनल स्थितियां हैं जो कम उम्र से ही महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालती हैं. ऐसे में यह जरूरी है कि सभी महिलाएं संकेतों और लक्षणों पर ध्यान दें और इसकी जांच कराएं.

इसे भी पढ़ें- हनीमून सिस्टाइटिस क्या है? ज्यादातर महिलाओं को नहीं पता, शादी के बाद होना पड़ सकता है शर्मिंदा

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
 

Read More
{}{}