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क्या वेटलिफ्टिंग से हड्डियों-मांसपेशियों में टूट-फूट होती है? नीता अंबानी के फिटनेस ट्रेनर ने बताया स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का असली सच

Effects Of Strength Training: स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या वेट उठाने से हड्डियां और मांसपेशियां डैमेज होने लगती है. यदि आप भी इसे सच मानते हैं तो नीता अंबानी और अनंत अंबानी का वेट लॉस करने वाले कोच विनोद चन्ना की ये राय आपके लिए है.  

क्या वेटलिफ्टिंग से हड्डियों-मांसपेशियों में टूट-फूट होती है? नीता अंबानी के फिटनेस ट्रेनर ने बताया स्ट्रेंथ ट्रेनिंग का असली सच
Sharda singh|Updated: Jun 22, 2025, 04:31 PM IST
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नीता अंबानी ने अपने छोटे बेटे अनंत अंबानी को मोटिवेट करने के लिए उनके साथ वेट लॉस जर्नी शुरू की थी. जिसमें उनकी मदद मशहूर फिटनेस ट्रेनर विनोद चन्ना ने की थी. सिर्फ अंबानी परिवार ही नहीं अपनी सटीक डाइट और वर्कआउट गाइडेंस से उन्होंने कई लोगों को उनके फिटनेस गोल तक पहुंचाया है.

हाल ही में अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर विनोद चन्ना ने वेट लिफ्टिंग से जुड़े एक कॉमन मिथक के बारे में बात की है. ज्यादातर लोगों को यह गलतफहमी है कि भारी वजन उठाने से हड्डियां और मांसपेशियां खराब हो सकती हैं. जबकि असल में स्ट्रेंथ ट्रेनिंग फिटनेस के लिए बहुत कारगर होती है. उन्होंने लिखा, जो लोग धीरे-धीरे 5 पाउंड से लेकर 100 किलो तक वजन बढ़ाते हैं और साथ में सही पोषण लेते हैं, उनके लिए यह नुकसानदायक नहीं बल्कि फायदेमंद होता है.

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वेट लिफ्टिंग स्लो प्रोसेस है!

विनोद चन्ना ने समझाया कि वजन उठाना कोई एक दिन में होने वाली प्रक्रिया नहीं है. यह एक धीमी और स्थिर प्रक्रिया है जिसमें इंसान धीरे-धीरे अपनी ताकत को बढ़ाता है. उन्होंने कहा कि हर कोई अगर सही तरीके से वजन को धीरे-धीरे बढ़ाता है, तो एक समय ऐसा आता है जब शरीर भारी वजन उठाने में सक्षम हो जाता है. यह उनके लिए मुमकिन नहीं होता जो बिल्कुल व्यायाम नहीं करते.

सही पोषण है जरूरी

विनोद ने बताया कि वजन उठाने के साथ-साथ सही पोषण लेना बेहद जरूरी है. इसमें प्रोटीन, कार्ब्स और फाइबर शामिल होने चाहिए, जो शरीर को रिकवरी में मदद करते हैं और आगे बढ़ने के लिए ऊर्जा देते हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर कोई व्यक्ति बिना सही तकनीक और बिना उचित पोषण के ज्यादा वजन उठाने की कोशिश करता है, तो उसे चोट लग सकती है.

मांसपेशियों की रिकवरी की प्रक्रिया

विनोद ने बताया कि जब हम 100 किलो वजन उठाते हैं, तो हमारे शरीर की 100 किलो के बराबर मांसपेशियों को तनाव मिलता है, जो फिर टूटती हैं. इन मांसपेशियों की रिकवरी के लिए समय और सही पोषण की जरूरत होती है. अगर पोषण सही तरीके से दिया जाए, तो रिकवरी जल्दी होती है और अगली बार और भी भारी वजन उठाने की ताकत मिलती है.

हड्डियों और मांसपेशियों पर असर

अगर शरीर को सही पोषण नहीं दिया जाए, तो इसका असर लंबे समय में हड्डियों और मांसपेशियों पर पड़ सकता है. इसलिए पोषण को हमेशा अपने वर्कआउट की तीव्रता के अनुसार लेना चाहिए ताकि एक्सरसाइज का पूरा लाभ मिल सके.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों पर आधारित है. इसे अपनाने से पहले चिकित्सीय सलाह जरूर लें. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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