End-Stage Kidney Disease: एंड स्टेज किडनी डिजीज (ESKD), वो मेडिकल कंडीशन है है जब दोनों गुर्दे पूरी तरह से काम करना बंद कर देते हैं. ये किडनी फेलियर का सबसे सीरियस स्टेज होता है, जिसमें शरीर से टॉक्सिक सब्सटांस और एक्सट्रा फ्लूइड बाहर नहीं निकल पाता. अगर इस स्टेज पर वक्त रहते किडनी ट्रांसप्लांट नहीं हुआ, तो मरीज को पूरी जिंदगी डायलिसिस पर डिपेंड रहना पड़ता है.
कब होती है एंड स्टेज किडनी डिजीज?
किडनी धीरे-धीरे खराब होती है और क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD) के 5वें यानी आखिरी स्टेज पर पहुंचकर ESKD बन जाती है. ये आमतौर पर तब होता है जब किडनी की एफिशिएंसी 10-15% से कम रह जाती है. डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज और लंबे वक्त तक बिना इलाज के किडनी इंफेक्शन इस कंडीशन का बड़ा कारण है.
ESKD के लक्षण
1. लगातार थकान और कमजोरी
2. भूख में कमी और उल्टी
3. शरीर में सूजन, खासकर टखनों और पैरों में
4. पेशाब में कमी या झागदार पेशाब
5. सांस लेने में तकलीफ
6. मांसपेशियों में ऐंठन और नींद की परेशानी
क्या होता है इलाज?
एंड स्टेज किडनी डिजीज का इलाज सीमित है, मरीज के पास 2 ही ऑप्शंस होते हैं:-
1. किडनी ट्रांसप्लांट
अगर कोई परफेक्ट डोनर मिल जाए, तो ये सबसे बेहतर ऑप्शन होता है. ट्रांसप्लांट के बाद मरीज सामान्य जीवन जी सकता है, लेकिन उसे जीवनभर इम्यूनो-सप्रेसिव दवाएं लेनी पड़ती हैं.
2. डायलिसिस
अगर ट्रांसप्लांट मुमकिन नहीं है, तो मरीज को हफ्ते में 2 से 3 बार डायलिसिस कराना होता है. इसमें मशीन के जरिए खून से वेस्ट और एक्सट्रा फ्लूइड निकाला जाता है. ये प्रॉसेस थकाऊ होती है और मरीज की जिंदगी मशीन पर डिपेंड हो जाती है.
क्यों खतरनाक है ये स्टेज?
ESKD में शरीर के अन्य अंगों पर भी असर पड़ता है, जैसे हार्ट, लिवर और ब्रेन. इसमें इम्यूनिटी कमजोर हो जाती है और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है. अगर सही वक्त पर इलाज न हो, तो मरीज की जान को खतरा हो सकता है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.