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Frozen Shoulder: जब कंधा जम कर हो जाए लोहे जैसा सख्त, हाथ उठाना भी मुश्किल, कैसे दूर होगी ये परेशानी?

कई बार आपने महसूस किया होगा कि कुछ लोगों का कंधा इतना सख्त हो जाता है कि नॉर्मल हैंड मूवमेंट करना भी मुश्किल लगने लगता है, ऐसे हालात में क्या किया जा सकता है. 

Frozen Shoulder: जब कंधा जम कर हो जाए लोहे जैसा सख्त, हाथ उठाना भी मुश्किल, कैसे दूर होगी ये परेशानी?
Shariqul Hoda|Updated: Aug 05, 2025, 06:47 AM IST
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What is Frozen Shoulder: फ्रोजन शोल्डर, जिसे मेडिकल लैंग्वेज में 'एडहेसिव कैप्सूलाइटिस' (Adhesive Capsulitis) कहा जाता है, एक ऐसी कंडीशन है जिसमें कंधे का ज्वॉइंट धीरे-धीरे सख्त हो जाता है और उसकी मूवमेंट काफी सीमित हो जाती है. इसमें कंधे की हड्डियों को जोड़ने वाला टिशू (कैप्सूल) मोटा और टाइट हो जाता है, जिससे दर्द और मूवमेंट में परेशानी होती है.

क्यों होता है फ्रोजन शोल्डर?
फ्रोजन शोल्डर का कोई एक खास कारण नहीं होता, लेकिन ये ज्यादातर कुछ कंडीशंस या हेल्थ प्रॉब्लम्स के कारण होता है, जैसे-

1. लंबे समय तक कंधे का इस्तेमाल न करना: चोट, सर्जरी या बीमारी के कारण जब लंबे समय तक कंधे का प्रयोग नहीं होता, तो कैप्सूल टाइट हो जाता है.

2. डायबिटीज: डायबिटीज से पीड़ित लोगों को ये परेशानी ज्यादा होती है, खासकर जिनका ब्लड शुगर अनकंट्रोल्ड रहता है.

3. थायरॉइड प्रॉब्लम: हाइपोथायरॉइडिज्म भी फ्रोजन शोल्डर एक वजह बन सकता है.

4. सर्जरी या स्ट्रोक के बाद: किसी भी बड़ी सर्जरी या ब्रेन स्ट्रोक के बाद जब कंधे को कम मूव किया जाता है, तब भी ये समस्या हो सकती है।

इसके लक्षण

फ्रोजन शोल्डर आमतौर पर 3 स्टेजेज में डेवलप होता है

1. फ्रीजिंग स्टेज (शुरुआती दौर): दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और मूवमेंट कम होती जाती है.

2. फ्रोजन स्टेज (बीच का दौर): दर्द थोड़ा कम हो सकता है, लेकिन कंधे की जकड़न बढ़ जाती है. मूवमेंट बहुत लिमिटेड हो जाती है।

3. थॉइंग स्टेज (रिकवरी): दर्द और जकड़न धीरे-धीरे कम होने लगते हैं और मूवमेंट वापस आने लगती है.
 

इसका इलाज
फ्रोजन शोल्डर का ट्रीटमेंट टाइम और पेशेंस डिमांड करता है.

1. फिजिकल थेरेपी:  ये सबसे जरूरी इलाज है. रेगुलर स्ट्रेचिंग और एक्सरसाइज से मूवमेंट वापस लाने में मदद मिलती है.

2. दर्द दूर करने वाली दवाइयां: पेन रिलीवर (जैसे पेरासिटामोल, NSAIDs) दर्द को कम करने में मदद करते हैं.

3. हॉट या कोल्ड थेरेपी: दर्द और सूजन को कम करने में मददगार होती है.

4. कोर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन: सीरियस मामलों में सूजन और दर्द को कम करने के लिए दिए जाते हैं.

5. सर्जरी: बहुत ही रेयर मामलों में जब बाकी उपाय काम न करें तो आर्थोस्कोपिक सर्जरी की जाती है.

इस बात को समझें
फ्रोजन शोल्डर एक स्लो लेकिन ठीक होने वाली प्रॉब्लम है. सही वक्त पर डायग्नोसिस और इलाज से इस परेशानी से राहत मिल सकती है. अगर कंधे में दर्द और मूवमेंट की दिक्कत हो, तो इसे नजरअंदाज बिलकुल भी न करें, और तुरंत डॉक्टर से तुरंत सलाह लें.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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